📃 तुम मुझे बहुत 📃
(हालातों के कारण किसी तड़पते आशिक की हालत को अपने शब्दों के जरीए बताने की कोशिश)
-कृष्ण कुणाल द्वारा लिखा गया कविता-
📃 तुम मुझे बहुत 📃
देखते रहते हो मुझको,
और जब आँखें मिलाऊँ
तो नजरे चुराते हो।
तुम मुझे बहुत सताते हो॥
प्यास दिखती है तुम्हें मेरी,
और जब करीब आऊँ
तो दूर भगाते हो।
तुम मुझे बहुत सताते हो॥
परवाह नहीं है तुम्हें हमारी,
और जब अपने धून में रहूँ
तो गुस्सा दिखाते हो।
तुम मुझे बहुत सताते हो॥
फर्क नहीं पड़ता मेरे कामों से,
और जब कुछ गलत हो रहा हो
तो उसपर ध्यान दिलाते हो।
तुम मुझे बहुत सताते हो॥
बेचैन देखता हूँ आँखें तेरी,
और जब वजह जानना चाहूँ
तो हमें पराए कहते हो।
तुम मुझे बहुत सताते हो॥
फिक्र करते हो तुम मेरी भी,
और जब साथ चाहूँ
तो देने से कतराते हो।
तुम मुझे बहुत सताते हो॥
हो नहीं सकते एक रास्ते हमारी,
और जब दूर जाना चाहूँ
तो तुम दूर भी ना जाते हो।
तुम मुझे बहुत सताते हो॥
किसी गैर के साथ ख्वाब सजाया है तुमने,
और जब मैं भी अपनी दुनिया बसाना चाहूँ
तो मुझपर अपना हक जताते हो।
तुम मुझे बहुत सताते हो॥
दिल दिया है किसी और को तुमने,
और जब मैं अपने दिल को समझाऊँ
तो मुझे बेदर्द दिखाते हो।
तुम मुझे बहुत सताते हो॥
हाथ थामा है किसी और का तुमने,
और जब मैं किसी और के साथ रहूँ
तो उससे मेरी दूरी चाहते हो।
तुम मुझे बहुत सताते हो॥
हमसफ़र किसी और को चुना है तुमने,
और मैं महज दोस्ती करना चाहूँ
तो वो भी करने से डरते हो।
तुम मुझे बहुत सताते हो॥
तुम आओगे नहीं जिंदगी में मेरी,
और जब मैं तुमसे दूरी बनाऊँ
तो दूर क्यूँ नहीं चले जाते हो ?
तुम मुझे बहुत सताते हो॥
-AnAlone Krishna.
12th July, 2018 A.D.
यार, life में ना कभी कोई confusion मत रखो। जो भी मन में doubt हो उसे बात करके clear कर लो। जिंदगी जीना आसान हो जाएगा।
https://youtu.be/iKCqrvty7x0
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