Yes, I'm single, now with my choice.
(किसी लड़के का उसकी ex-girlfriend को अपनी life में वापस आने देने या ना आने देने के विषय में कोई फैसला लेने से पहले अपनी दोस्त से इस विषय मे बातचीत करके situation को अच्छे से समझने के लिए की गई कोशिश और अंत मे उसका फैसला)
Bilingual story by AnAlone Krishna.
The timeline of this split story part of
is between "भाग-१०" and "भाग-११" after
● Yes, I'm single, with my choice. ●
Act 1 | Act 2 | Act 3
Yes, I'm single, now with my choice.
Plot:-
राजेश की ex-girlfriend है शिवि, जिसने e-mail भेजा है राजेश को। राजेश शिवि को अब भी बहुत याद करता है। मगर शिवि के घरवाले शिवि के लिए कहीं और रिश्ता ढूंढ रहे हैं इसलिए राजेश कभी शिवि के life में वापस नहीं गया। जब राजेश को शिवि का e-mail मिला, तो पहले तो उसके प्यार दोबारा जागा। मगर उस e-mail को पढ़ने के बाद उसे यह अहसास हुआ कि शिवि बस कुछ ही वक़्त के लिए वापस आ रही है। इसके बाद वह दोनों फिर से अलग हो जाएंगे। वो भी हमेशा के लिए। शिवि, जो राजेश के दिमाग में अब भी छाई रहती है, वह वापस आना तो चाहती है मगर temporary ही। इसलिए राजेश इस dilemma में है कि वह अपने दिल की सुनकर उसे वापस आने दें, या खुद के emotions को दबाकर उसे मना कर दें। इस परिस्थिति को अच्छे से समझकर उसका कोई अच्छा सा हल निकालने के लिए वह अपनी एक अच्छी दोस्त को शहर से 5 km दूर मौजूद Dam में मिलने बुलाता है। वो अक्सर वहाँ जाया करते क्यूँकि दिल टूटने के बाद उन दोनों के लिए एक अच्छा जगह था। जहाँ दोनों एक दूसरे के दुःख-सुख साझा करते, बातें करते, अपने problems को share करते और उनका कोई अच्छा solution निकलते। जहाँ उन्हें कोई disturb नहीं करता।
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Scene 1 :-
कोमल Dam के बांध के नीचे एक ice-cream corner के बगल में, जहाँ राजेश का bike पहले से ही खड़ा होता है, अपना scooty stand करके ऊपर आती है। जहाँ राजेश Dam के railing के ऊपर बैठकर उसे आते हुए देख रहा था।
कोमल : एक तो इतने दूर बुलाता है तुम। साथ में नहीं लेके आ सकता था ? Free fund में मेरे scooty का petrol जलवाया।
रजेश smiling continuously and tern around his face.
कोमल : railing पर बैठ कर उधर क्या देख रहा है ? Dam में फिसल गया ना.., तो यहीं श्राद्घ करवायेंगे तेरा।
राजेश : वो gest house देख रही हो, वो पानी के बीच..?
कोमल : उस खरीदने का इरादा है क्या ?
राजेश : नहीं रेे..। ख़रीद कर क्या करेंगे उसका ?
कोमल : तो फिर घूर काहे रहा है वहां बैठकर ?
राजेश : सोंचो, अगर तुम्हारे birthday में तुमको तुम्हारे आंखों में पट्टी बांधकर कहीं ले जाए surprise party के लिए और जब तुम अपनी आँखें खोलो तो खुद को ऐसे ही किसी island type जगह में पानी के बीच खुद को पाओ। जहां सभी तुम्हें wish करे। दूर - दूर किनारों पर चमकता हुआ lights और इन्हें reflect कर रही water waves.
कोमल : किसी के लिए इस हद तक करने के लिए दिल में बेइंतहा मोहब्बत होनी चाहीए। यह एक तरह से fairy tales के जैसा ही है। आमतौर पर ऐसा कुछ नहीं होता। इसलिए ज्यादा expectations नहीं करनी चाहिए life से। तकलीफ़ होती है बाद में।
राजेश : Sorry..! तुम्हारा mood खराब कर दिये।
कोमल : वैसे तुम जब भी मुझे यहां लेकर आता है तो जरूर कुछ खास बात होता है। जिसे तुम बिना किसी interruption के साथ मुझसे discuss करना चाहता है। आज क्या खास बात है ?
राजेश : ( अपने smartphone में शिवि का आया हुआ e-mail को खोलकर आगे बढ़ाते हुए ) ये लो इसे पहले पढ़ो।
कोमल : क्या है ये ?
राजेश : शिवि का e-mail.
कोमल : तुम्हारा फिर से दिल टूट गया क्या ?
राजेश : मामला थोड़ा complicated है। इसे पढ़ो पहले। तब तक मैं तुम्हारे लिए ice-cream लेकर आता हूँ।
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Scene 2:-
राजेश stall के paas ice-cream लेने आया।
Shopkeeper: कितने ice-cream भैया ?
राजेश: 2 cup.
Shopkeeper: अच्छा आप दोनों का friendship मुझे समझ नहीं आता ?
राजेश: क्या मतलब ? तुम इसमें अपना दिमाग इतना क्यूँ लगा रहा है ?
Shopkeeper: दीदी और आप, दोनों अक्सर यहाँ आते हो। यहीं stall के बगल में बैठ कर ice-cream खाते हो। आपके और उनके बीच understandings और closeness भी अच्छा ही देखने से लगता है।
राजेश: तो इसमें समझने या इतना सोंचने वाली क्या बात है ?
Shopkeeper: कोई भी girlfriend को कभी यह पसंद नहीं आएगा कि उसका boyfriend किसी और की तरफ ध्यान दे। दीदी आपको खुद यहाँ आती-जाती लड़कियों को लेकर आपको चिढ़ाती है। भले ही आप उनपर ध्यान ना दो। मतलब वो आपकी girlfriend तो नहीं है। ना ही आपकी बहन हो सकती है, क्यूँकि कोई खुद अपने भाई को public place में कम से कम इस तरह से शर्मिंदा करने की कोशिश नहीं ही करेगी।
राजेश: वो मेरी बहुत अच्छी दोस्त है। इसलिए दोस्ती में और कोई मुझे जितना सताता, वो सताती है। बस...
Shopkeeper: मगर आप तो दीदी के सामने किसी को नजर उठाकर भी नहीं देखते। ना ही उन्हें कभी फटकारते हो। आपके दिल मे क्या है ?
राजेश: मतलब..?
Shopkeeper: आप उनके सामने किसी पर ध्यान देने से डरते हो, और साथ ही उसे कुछ कहने से भी डरते हो। क्यूँकि...
राजेश: तो तुम्हें लगता है कि मेरे दिल में उसके लिए feelings है और उसे इसका अहसास नहीं ?
Shopkeeper: भैया, I'm sorry... अगर कुछ गलत कह दिया हो तो...
राजेश: वो मेरी दोस्त है, मतलब बहुत अच्छी and closed friend. Actually कुछ साल पहले मेरी कोई gf थी। ऐसा भी नही था कि मैं उसके लिए बस एक time-पास था, उसे मेरी कद्र भी थी। मगर मैं बेवफूक दूसरी लड़कियों से flirting करता फिरता रहता था। उसे मेरी individuality की भी कद्र थी, इसलिए उसने मुझे कभी कुछ कहा नहीं। But ऐसे रिश्ते में insecurity बहुत होती है, tolerate करना बहुत मुश्किल होता है, तो इसलिए उसने मुझे छोड़ दिया। क्यूँकि उस time ये, वो, और मैं, तीनों friends थे, इसलिए यह सारी बातें जानती है। और क्यूँकि हमारे बीच वैसी कोई feelings नहीं है, हम बस बहुत अच्छे दोस्त है, वो मुझे छेड़ती है बाकी लड़कियों के बारे में बताकर मुझे मेरे अतीत को भी याद दिलाकर।
Shopkeeper: आपको बुरा नहीं लगता ?
राजेश: क्यूँ..? क्यूँ बुरा लगेगा..!
Shopkeeper: कइयों को देखता हूँ। Breakup होने के बाद past की memories का याद आने पर सभी या तो अपनी ex की बुराई करते हैं या फिर उनके बारे में बात करना भी पसंद नहीं करते। वो इतनी उनसे नफ़रत करने लगते हैं। आपको जब वो सब याद आता है तो आपको बुरा नहीं लगता ?
राजेश: नफ़रत वो बच्चे करते हैं, जिन्हें ऐसा लगता है कि उनकी ex उनके साथ, उनके emotions के साथ खेल कर चली गई। जबकि सब जानते हैं कि ऐसा नहीं होता, बल्कि उनकी maturity कम होती है। कोई भी इंसान तभी आपका भरोसा तोड़ता है जब आप उसपर भरोसा करके उसे तोड़ने देते हो।
Shopkeeper: मतलब..?
राजेश: देखो, लड़को में ये concept बहुत famous है कि लड़की हँसी, तो फँसी। और इसी concept को लेकर वो किसी भी लडक़ी के पीछे बस नहा-धोकर पड़ जाते हैं। जबकि हर समझदार इंसान को यह बात पता होती है कि अगर लड़की हँसती है तो फँसता लड़का है। लड़के इस बात को भूल जाते हैं कि जिसे वो पाने की ख़्वाहश कर रहे हैं वो एक इंसान है। ना कि कोई वस्तु, जिसका अपना कोई sense and emotions नहीं होता; और ना ही कोई pet जिसे अगर प्यार से treart करो तो वो भी तुम्हें प्यार से treat करेगा। हर इंसान की अपनी likeness/dislikeness होती है, उस लड़की की भी अपनी होगी ही, कि किसके साथ कैसा emotional attachment बनाना है या नहीं बनाना है। अगर कोई लड़का इस चीज को बिना समझे अगर किसी के पीछे बस पड़ा हुआ है या था, जिसको अगर हमदर्दी दिखाकर realise करवाने के लिए कोई लड़की friendship करती है और लड़का उसे ही प्यार समझ बैठता है, तो गलती किसकी है ?
Shopkeeper: तो लड़कियाँ उन जैसे लड़को को भाव देती ही क्यूँ है ?
राजेश: I agree with you. उन्हें उनके जैसे लड़को को भाव नहीं देना चाहिए। लेकिन क्या है ना... उनका दिल बहुत soft होता है। कोई उन्हें heartless और selfish समझे, ये उनसे heal नहीं होता। बस इसलिए वो इन emotions में बहकर गलती कर देती है। But जब उन्हें यह अहसास होता है कि उनके जैसे नासमझ इंसान को समझाने की कोशिश करके उन्होंने बहुत बड़ी गलती की है; तो फिर उन चीज़ों से निकलना ही उन्हें सही और समझदारी वाला decision लगता है।
Shopkeeper: कैसे आदमी हो आप ? लड़का होकर लड़कियों की side ले रहे हो...
राजेश: मैं सच का side ले रहा हूँ।
Shopkeeper: मतलब आप अब भी अपनी ex को इतना प्यार करते हो कि आपको लगता है कि सारी गलती आपकी है, उसकी नहीं..?
राजेश: हाँ, यह कह सकते हो।
Shopkeeper: 'कह सकते हो' क्या होता है ? आपके बातों से तो साफ-साफ यही पता चलता है।
राजेश: देखो, जो कुछ भी था, वो आज मेरे अतीत का हिस्सा है। At end क्या हुआ, वो बाद कि बात है। लेकिन उससे पहले की जितनी भी यादें है जो मैंने उसके साथ गुजारे हैं, वो बहुत ही खूबसूरत है। तो मैं उस moment को याद करके उदास क्यूँ होऊँ जिसमे उसने जो कुछ भी किया वह उस problem से निकलने के लिए था, जो problem मेरे mistake की वजह से था। और उसने जो किया वह हम दोनों की भलाई के लिए भी था। जिसका result में उस वक़्त मुझे कुछ बुरा महसूस हुआ। मुझे अगर याद करना ही है तो मैं उन moments को क्यों ना याद करूँ जो इन सबके बावजूद उसने मेरे साथ बहुत ही खूबसूरत लम्हें बिताए है, जो अच्छे है और जो आज भी मेरे चेहरे में smile ला देते हैं।
Shopkeeper: भैया, it's my pleasure to salute your perspective and love. वैसे आप अगर इसी तरह अपनी ex की यादों में खोए रहोगे तो दीदी का क्या होगा ?
राजेश: She is having that type of personality who doesn't need anyone to become a reason for their happiness. उसे खुश रहने के लिए बहाने ढूंढना आता है। जैसे कि मुझे तंग करना, मेरी टांग खींचकर।
Shopkeeper: और आप उसे जानबूझकर यह करने देते हो...
राजेश: Gf होती तो मेरे emotions की कद्र करती। दोस्त है। दोस्त कभी कोई मौका छोड़ते हैं क्या छेड़ने, तंग करने, टांग खींचने, और बेज्जती करने का..? उनका born right होता है ये। अगर चाहूँ, तो भी नहीं रोक सकता।
राजेश cups उठता है और चला जाता है।
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Scene 3:-
राजेश ice-cream cups लेकर कोमल के पास पहुँचा।
कोमल: काफ़ी देर लगा दिए।
राजेश: छोटू तुम्हारे बारे में पूछ रहा था।
कोमल: क्या ?
राजेश: यही कि तुम single हो या mingle...
कोमल: क्यूँ, क्यूँ पूछ रहा था वह ?
राजेश: क्या पता, शायद तुम्हें वह भी पसंद करता हो...
कोमल एक punch राजेश के left shoulder पर मारती है।
राजेश: आऊँच..! पागल हो ? Ice-हाँथ से गिर जाता तो... नुकसान हो जाता कि नहीं..?
कोमल: नुकसान होता तो तुम्हारा ना होता। मेरा तो फायदा ही होता।
राजेश: क्या मतलब ?
कोमल: तुम इतने कमजोर तो हो नहीं कि दोनों हाँथ का गिरा दो। अपने लिए दोबारा लाने जाते, तो मेरे लिए भी एक और तुम ला ही देते..।
राजेश: ज्यादा बत्तीसी मत दिखाओ। शिवि का e-mail पढ़ने के लिए दिए थे, पढ़ी ?
कोमल: क्या है ये ?
राजेश: यही तो मैं समझने की कोशिश कर रहा हूँ कि क्या है ये...
कोमल: पहले तो पढ़ कर react किए कि कोई कैसे यह किसी के साथ कर सकती है..। मतलब जब मन किया छोड़ कर चली गई। जब मन किया वापस आके तुमको फिर से फँसाने की कोशिश करने लगी। फिर मुझे याद आया- तुम तो हमेशा इस guilt में रहता था कि गलती तुम्हारी थी। फिर वो क्यूँ माफी मांग रही है... मतलब तुम कुछ तो छुपा रहा है हमलोग से। तुम दोनों के बीच आखिर हुआ क्या था ?
राजेश: जिनकी चाहत होती है और वह पूरी नहीं होती, वो कभी अपनी कमी मान नहीं पाते और सारा blame सामने वाले पे डाल देते हैं। लेकिन जिनके दिल मे सच में किसी के लिए अहमियत होती है, वो सामने वाले कि गलती को छुपाकर सारा blame खुद पर लगा लेते हैं। उन्हें उनकी कद्र होती है इसलिए जरूरत पड़ने पर खुद झुक जाते हैं या खुद को गिरा देते हैं।
कोमल: देखो, ज्यादा philosophy और poetry करने का मन हो तो सतीश के सामने करना, मेरे सामने नहीं। मुझे साफ-साफ सुनना है कि आखिर कहानी क्या है।
राजेश: जो उसमे लिखा है वो भी सच है और जो मैंने कहा वो भी सच है, अपने-अपने perspective से। हम दोनों अपने relationship को ज्यादा दिन तक संभाल नहीं पाए, यह हम दोनों की immaturity और failure है। हम दोनों एक दूसरे को समझते थे, एक दूसरे की care भी करते थे, मगर उस वक़्त हम दोनों को अलग हो जाना ही सही लगा और हम हो गए।
कोमल: तब तो यह अच्छी बात है कि वो लौट आई। बहुत तुम कहता रहता था कि... क्या dialogue था ? दोहराना जरा...
राजेश: एक साल नही, एक महीना नहीं, एक सप्ताह नहीं, एक दिन भी नहीं, यहाँ तक कि 24hrs में 1hr भी नहीं, बस 5-10min दोबारा मुझे उसके साथ time spend करने के लिए मिलता। जिसमें मैं उसे कुछ नहीं कहता। बस मैं देखते रहता एक नजर से उसको खुद के ऊपर मेरी बेरुखी के लिए मुझपर गुस्सा निकालते हुए।
कोमल: वाह..! कितना अच्छा dialogue है। देखो ऊपर वाले ने भी तुम्हारी बात सुन ली। अब 5-10min क्या, उससे तो कहीं ज्यादा वक़्त मिलेगा तुम्हें। उससे सजा पाने के लिए...
राजेश: यही तो मेरे समझ मे नही आ रहा।
कोमल: क्या मतलब ?
Rajesh: What do you mean by relationship ?
Komal: The bond between two people...
राजेश: बस इतना ही ?
कोमल: इससे ज्यादा और क्या ?
राजेश: एक relationship का मतलब सिर्फ दो लोगों के बीच का साथ होना ही नहीं होता। बल्कि उन दो लोगों के बीच एक दूसरे की समझ और acceptance होना, care करना और साथ देना भी होता है।
कोमल: शिवि और तुम एक दूसरे को समझते भी हो, जैसे हो वैसे ही अपने life में accept भी करते हो, एक-दूसरे का care भी करते हो और साथ भी देना चाहते हो। तो फिर तुमलोग के बीच problem क्या आ रहा है..?
राजेश: नहीं, एक-दूसरे का साथ.., यह नहीं है।
कोमल: हाँ तो अब तक नहीं था। मगर अब तो होगा ना..।
राजेश: ऐसे सिर्फ physically साथ होना ही मायने नहीं रखता, relationship में mentally and spiritually एक दूसरे का साथ देना भी जरूरी होता है।
कोमल: क्या.., क्या मतलब है तुम्हारा ? कौन सी बात तुम्हें इतना परेशान कर रहा है ?
राजेश: कोई भी relationship बनता या successful कैसे होता है-
• सबसे पहले एक-दूसरे पर attention आना होता है,
• फिर एक-दूसरे को जानने का interest जगना होता है,
• फिर धीरे-धीरे एक-दूसरे के दिल के करीब आना होता है,
• फिर एक-दूसरे को समझना होता है,
• फिर एक-दूसरे को वैसे ही अपनाना होता है जैसे वो हैं,
• फिर एक-दूसरे का भरोसा जीतना होता है,
• फिर उस भरोसे पर खरा उतरना होता है,
• फिर एक-दूसरे से commitment करना होता है,
• फिर एक-दूसरे के साथ एक-दूसरे के हिसाब से ढलना होता है,
• फिर एक-दूसरे के को समझते हुए किसी भी responsibilities and duties को पूरा करना होता है। चाहे वो एक-दूसरे से related किसी relationship की हो, family की needs की हो, एक-दूसरे का dreams or desires पूरा करने की हो, या उन्ही में से एक और सबसे खास- बच्चे की हो।
कोमल: 2 min रुको। पहले समझने दो कि तुम क्या-क्या बोला...
Rajesh: Take your time. I'm waiting...
कोमल: पर ये बातें तो शादी की ओर इशारा कर रहा है। तुम इसे इससे correlate क्यों कर रहा है ?
राजेश: तो इस relation का future क्या होगा..? अगर last वाला point को ignore करो, तो क्या बाकी points किसी friendship के लिए भी तो जरूरी
होता है। Friendship is also a type of relationship. बाकी रिश्तों की तरह इसकी भी अपनी मर्यादा/limitations होती है। उन limitations को अगर ध्यान में रखो, तो क्या सारे points हर relation के लिए जरूरी नहीं होते , साथ ही friendship के लिए भी..?
कोमल: अगर ऐसे ही इतना ज्यादा सोंचोगे, तो कभी किसी से कोई relation नही बना पाओगे। Friendship भी नहीं।
राजेश: क्या friendship/relationship कोई खेल है ? जिसे जब मन किया बना लिया, जब मन किया छोड़ दिया...
कोमल: हालात हमेशा साथ निभाने के लिए favourable नहीं होते। कुछ सामने वाले के उन situations को भी तो समझो।
राजेश: Situations कब favourable होता है ? या हमें उन्हें अपने लिए favourable बनाना होता है..?
कोमल: तुम अगर किसी को वो मौका दोगे कि तुम्हारा साथ निभाये, तब ना कोई तुम्हारे उम्मीदों पर खरा उतर सकती है। और तुम कौन सा जन्म लेते ही यह सब ज्ञान पा लिए हो। तुम्हें आखिर वक़्त लगा ना यह सब समझने के लिए..। हो सकता है कि किसी को तुमसे थोड़ा ज्यादा वक्त लगे relationship के importance को समझने के लिए।
राजेश: पर जब तक वो इसे ना समझे, तब तक तो मुझे उससे distance maintain करना चाहिए ना...
कोमल: तुम्हें ऐसा क्यों लगता है कि वह यह सब नहीं समझती होगी..?
राजेश: जिसकी हमें चाहत है, उसकी हमें जिद्द भी होनी चाहिए। वो जिद्द जो पागलपन जगाए उसे किसी भी कीमत में पाने की। वो जिद्द जो understanding दे उससे जुड़ी हर responsibility को पूरा करने की। वो जिद्द जो हिम्मत दे हर situation में साथ निभाने की। वो जिद्द जो ताकत बने उस रिश्ते में आई हर चुनौती का डटकर सामना करने की।
कोमल: तुम पागल है ? उसको family and society का डर नहीं है जो जिद्द और पागलपन करेगी..!
राजेश: मैं पूरी दुनियाँ से उसके लिए लड़ सकता हूँ। क्या वह मेरे लिए बस अपने family के against खड़ा हो सकती है ? मैं लड़ने, झगड़ने, जिद्द करने, ऐसा कोई पागलपन करने नहीं बोल रहा हूँ। उसे बस इतना करना है कि जिस डर की वजह से वह पिछली बार मुझे छोड़ी थी उससे उसको ऊपर उठना है और जो उसके दिल में है, जो वह चाहती है, अपनी feelings को उसे अपने अपनों के सामने accept करना है, गैरों के सामने भी नहीं। उसे अपनी चाहत को पाने की दुआ नहीं, बस छोटी सी कोशिश करनी है। क्या वह यह कर सकती है ?
कोमल: यह मैं कैसे बता सकती हूँ ? मुझसे ज्यादा अच्छे से तो उसे तुम समझते होगे।
राजेश: उसकी family उसके लिए रिश्ते देख रहे हैं। कुछ दिन बाद उसकी शादी होगी। लेकिन वह मेरे साथ time spend करना चाहती है, एक आखरी बार। तुम्हें नहीं लगता कि उसके आने वाले future के लिए यह सही नहीं है ?
कोमल: क्या पता वह अब भी तुम्हारे साथ अपना future चाहती हो...
राजेश: तो वह अपने घरवालों को सीधा यह बात क्यों नहीं बोलती ? कि कहीं और ढूंढने की जरूरत नहीं है, वह अपने लिए लड़का ढूंढ ली है...
कोमल: किसी को भी यह बात कैसे पता होगा कि उसका/ उसकी ex अब भी उसी को याद करता/करती है, या किसी और के साथ move कर चुका/चुकी है ? क्या लगता है, बिना तुम्हारा present status जाने ही तुम्हारे नाम पर अपने life का इतना बड़ा decision लेना उसके लिए सही होता ?
राजेश: तुम्हारे कहने का मतलब है कि मैं उसे फिर से मौका दूँ..?
कोमल: तुम खुद को मौका दो, उसे फिर से पाने का ।
राजेश: अगर अब भी उसकी understanding नही आई है, अगर अब भी वह अपनी immaturity में वो करने जा रही है जिसको उसका family, उसका समाज उसे permission नहीं देता है तो...
कोमल: मतलब तुमको डर है कि वह तुमसे अपना दिल बहला रही है और एक दिन छोड़ कर किसी और के साथ घर बसा लेगी ?
राजेश: मुझे उसकी care है कि अगर वह अपना limit cross की तो वह अपने अपनों का भरोसा तोड़ेगी। वह उनके नजर में गिर जाएगी।
कोमल: अभी कुछ देर पहले तुम उसे सबके सामने सब कुछ accept करने की बात बोला, और अब अपने limit में रहने को बोल रहा है..। दोनों बात तो तुम्हीं बोल रहा है।
राजेश: देखो, भरोसा कब टूटता है ? जब कोई धोखा देता है तभी ना। वह अगर चोरी-छुपे ये सब करेगी, तो वह सबको cheat ही कर रही होगी ना.., अपना limit cross करके। वहीं अगर वह सबके सामने accept करती है, तो जो होगा उनके जानकारी में होगा। इसे भी डर होगा कि अगर immaturity में कोई गलती की तो घरवाले इसे वह कभी मौका नहीं देंगे जो यह चाहती है, वो इसकी ख़्वाहिश कभी पूरा नहीं करेंगे।
कोमल: मैं तुमसे फिर पूछ रही हूँ। तुम्हें ऐसा क्यों लगता है कि उसे ये सब की maturity नहीं होगी..?
राजेश: उसने मुझे समझाया नहीं, दबाया नहीं, ना मुझसे कोई बहस की, ना ही झगड़ा, और ना ही मुझे बदलने की कोशिश की या मौका दी। बस खुद ही अकेले decision ले ली और बिना कुछ कहे वह बस मुझे छोड़ दी।
कोमल: वो past है उसका, जैसे वह तुम्हारा भी past है। तुम खुद कितना mature था उस वक़्त ? तुम्हें अगर वक़्त लगा mature होने में तो उसे भी वह वक़्त मिलना चाहिए ना...
राजेश: अगर वह फिर से वही की, अगर वह मुझे फिर से बिना कुछ कहे यूँ ही छोड़ दी तो..?
कोमल: तुम नहीं नहीं गए, वो तुम्हारे life में वापस आई। सबके सामने, हमारे सामने, कामिनी के सामने, तुमने उसके साथ misbehave किया, उसके बाद भी... अब और क्या चाहता है ? वो तुमको दोबारा मौका तो दे रही है। एक नई शुरुआत ना सही, मगर एक happy ending के लिए..।
राजेश: मुझे हमेशा इस बात का डर होगा कि फिर हालात वैसे ही होंगे और वह उसे कुछ कहने के जगह चुप रहेगी अपनी family के सामने ,और फिर से वही होगा जो पहले भी हुआ था।
कोमल: मतलब तुम उसको अब भी चाहता है। मगर बस चोरी-छुपे अपनों को धोखा देना नहीं चाहता..? अब सबके सामने accept करना चाहता है ताकि फिर कभी relationship break ना हो..?
राजेश: मैं अब single रहना चाहता हूँ। मैं अब बस अपने career में focused रहना चाहता हूँ।
कोमल: ठीक है। पर फिर भी दोबारा उसके साथ कुछ time spend करके देख लो, just as a friend ही। क्या पता, जिंदगी तुम्हें दोबारा मौका दे रही हो।
राजेश: तुम्हारे कहने पर। सिर्फ तुम्हारे कहने पर। अब चलें, sunset हो गया। थोड़ी देर में अंधेरा भी हो जाएगा।
दोनों parking की ओर जाने लगे।
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Scene 4 :-
राजेश stall के बगल में parked bike पर जाकर बैठ गया। कोमल stall के पास गई। Shopkeeper कोमल को देखकर दो chips का packet सामने रख दिया।
कोमल: मैंने तुमसे कहा कि मुझे यह चाहिए ?
Shopkeeper: आप हमेशा यही माँगती हो ना दीदी...। नहीं चाहिए ? कुछ और दूँ ?
कोमल राजेश की ओर देखी। दोनों एक-दूसरे को देखे और मुस्कुराएं।
कोमल: रहने दे।
कोमल chips लेकर राजेश के बगल में खड़ी अपनी scooty में बैठ गई और दोनों chips खाने लगे। कुछ देर बाद एक लड़की बगल से cross करके stall के पास गई। जिसके पीछे कोमल सिटी मारी। वह लड़की पीछे मुड़ी तो पीछे राजेश कोमल का बाल पकड़कर खींच रहा था।
कोमल: आ...ह। बाल छोड़ मेरा। एक नज़र ध्यान से देख तो... भाभी बनने लायक़ एकदम मस्त लड़की है।
लड़की stall से कुछ खरीदी और इन दोनों के सामने आके खड़ी हो गई।
लड़की: इतनी खूबसूरत लड़की तुम्हें किसी और पे फँसाने में लगी है। Single हो ?
राजेश कोमल की ओर देखा और मुस्कुराया।
Rajesh: Yes, I'm single, now with my choice.
कोमल: कोई लड़की तुमसे status पूछ रही है और तुम है कि ऐसा statement दे रहा है..। जिंदगी भर single ही रहेगा क्या ?
राजेश: जब तक मुझे यह भरोसा ना हो, कि किसी का साथ जिंदगी भर हो सकता है, temporary नहीं। बस तभी तक।
••••• one's end is another's beginning •••••
The timeline of this split part is between part 10 and part 11 of "हमदर्द सा कोई" and after "Fate becomes by choices of our desires."
पूरा समझ नहीं आया ना..? 1-2 बार और फिर से शुरू से पढ़ो। इस बार जल्दी-जल्दी नहीं बल्कि शांत मन से आराम से एक-एक line को समझते हुए पढ़ना।
Note:-
● लोगों की बातों पर नहीं, उनके characters पर भरोसा करना सीखिए। लोग सोंचते कुछ है, बोलते कुछ है, और करते कुछ और ही है।
● लोग दूसरों के सामने खुद को हमेशा mature दिखाने की कोशिश करते हैं। मगर वह खुद अंदर से जानते हैं कि उनकी कमजोरी क्या है।
● कभी भी किसी के past से उसको judge मत कीजिए। Past की mistakes and experiences लोगों को अक्सर बदल देते हैं।
● कोई एक बार कोई गलती करता है, इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं होता कि वह दोबारा वह गलती फिर से करेगा। उसे मौका देकर देखना चाहिए, अगर उसने अपनी mistakes से सबक सीखा हो तो...
● May be आपने wrong experiences की हो, मगर दूसरों को हमेशा सही suggestions ही दीजिए।
● अगर कोई बात आपको परेशान कर रही हो और आप उसका solution ढूंढ रहे हो, तो अपने एक ऐसे दोस्त को ढूंढिए जो आपकी बातों को समझे। आप उससे बात करके, उससे discuss करके, अपने problem का solution ढूंढ सकते हो।
● अगर आपका दोस्त आपसे उस विषय में बात कर रहा हो जो आपसे related ना हो, फिर भी आप उसको सुनिए। हो सकता है कि उसे लगता हो कि आप उसके problem को समझोगे और आप आपसे discuss करके वह अपने problem का solution ढूंढ सकता है।
● हम किसी topic को समझ सकते हैं, पर कभी किसी के situation को नहीं समझ सकते। इसलिए हमें कभी किसी पर अपना decision नहीं थोपना चाहिए। बल्कि अपने perspective से जो सही लगे, बस वह suggestion देना चाहिए। अगर उसे favourable लगा तो वह अपना लेगा, नही तो कोई better option ढूंढेगा।
● अगर हम किसी के या कोई हमारे काम ना आ सका, इसके लिए शोक नहीं मनाना चाहिए। बल्कि उस moment से पहले हमारे बीच जैसा happy relationship था, उसे continue रखना चाहिए।
● Friendship is also a type of relationship.
[ अपने जिंदगी से सबक सीखने के लिए उम्र कम पड़ जाएगी। इसलिए दुसरो के life से भी experience लेना सीखो। -आचार्य चाणक्य ]
-AnAlone Krishna.
Published on 23rd September, 2020 A.D.
Timeline:-
Yes, I'm single, now with my choice.
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