I, Krishna, present you here, my 100+ literary works—poems and stories. I hope, I shall plunder your heart by these. Let you dive into my imaginary world. I request you humbly to give your precious reviews/comments on what you read and please share it with your loved ones to support my works.

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"Life की परछाई: Chapter 4Chapter 5Chapter 6Chapter 7 • Chapter 8 • Chapter 9" has published on 8th August, 2025. अगर आपको online reading में असुविधा होती है, और आप इसे printed form में पढ़ना चाहते हो, तो post के bottom में दिए 'Download and Print' button को click करके आप उसका printout करवा लेना। जिसमें 'Download and Print' button नहीं है उसके लिए आप 'Google form' को भरकर मुझे send कर दो, मैं आपको pdf भेज दूंगा। इसके अलावा सबसे अंत में UPI QR code भी लगा हुआ है, अगर आप मेरे काम को अपने इक्षा के अनुरूप राशि भेंट करके सराहना चाहते हो तो, आप उसे scan करके मुझे राशि भेंट कर सकते हो। जो आप वस्तु भेंट करोगे, वो शायद रखा रह जाए, परंतु राशि को मैं अपने जरूरत के अनुसार खर्च कर सकता हूँ। ध्यानवाद !
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● हमदर्द सा कोई ● भाग-११.१ ● Bilingual story written by AnAlone Krishna

भाग-११.० ।  भाग-११.१ । भाग-११.२

"We need to be expressive."

the bilingual story written by AnAlone Krishna.

(Before continuing this story, be sure you know the previous stories of "हमदर्द सा कोई". Read or revise the previous parts from this blog.)

____________________

कोमल अपनी मां मालती के quarter में अपने bed पर सिरहाने की दीवार के सहारे बैठ कर अपने हांथ में pillow लिए वापस अपने घर जाने के लिए शिवि का wait कर रही है। उसके सामने राजेश chair पर अपने हाथों को बांधे और हंथेली पर अपना गाल धरे बैठा हुआ कुछ सोच रहा है। कोमल के शरीर में fat बढ़ गया है, वह दिनभर अपने room में बैठे-बैठे थोड़ी मोटी हो गई, और regular daily activities के ना करने के कारण शारीरिक तौर पर थोड़ी कमजोर भी हो गई है। College के दिनों में जब कोमल और राजेश साथ होते तो इस तरह इतना शांत कभी नहीं रह पाते, पर अब वक्त बदल चुका है। दोनों एक दूसरे के दर्द को तो समझते है, पर अब वो दोनों एक दूसरे के साथ अपने दर्द को share नहीं करते हैं। कोमल यह नहीं बता पा रही है कि आख़िर वह क्या चीज है जिसके कारण वह इतनी depressed है कि उसका अपने खान-पान, अपने health, अपनी खुशी पर ध्यान ही नहीं है। किसी नीरस flower के जैसे, जिसे पौधे से तोड़ दिया गया हो, और वह धीरे-धीरे अपना रंग, रूप, सुगंध सब खो रहा हो।


शिवि आई, आकार दरवाजा के पास खड़ी हो गई। दरवाजा पहले से ही खुला था। बाहर की रोशनी शिवि की परछाई को राजेश के पैरो तक ले गई। राजेश शिवि के तरफ देखा, शिवि कोमल को worried eyes के साथ देख रही थी। उसका ध्यान राजेश पर पड़ा, वह उसे जताने के लिए गुस्सा वाला facial expressions दी। फिर मुस्कुराकर कोमल को greet की। कोमल अपनी गोद में एक तकिया रखकर उसके ऊपर अपनी हाथों की कुहनियो को टिकाए अपनी दोनों हंथेलीयो से अपने गाल धरे अपना माथा झुकाकर कहीं खोई हुई थी। वह शिवि का आवाज सुनकर अपना माथा उठाई और उसे मुस्कुराकर greet की। शिवि आंखों ही आंखों में इशारा की कोने में पड़े केले के छिलके के तरफ, फिर table में पड़े vitamins के बोतलो की तरफ़, carry bag के खुले zip की तरफ, और sarcastic way में बोली, "यह सब बाहर क्यों है ? कुछ भी pack करके नहीं रख सकते थे ?"
इसपर कोमल कुछ बोलने जा ही रही थी कि बीच में ही शिवि आगे बोली, "मेरे भरोसे सब छोड़ के रखे हो तुमलोग क्या ?"
इसपर कोमल मुस्कुराती हुई बोलती है, "हमलोग को तुम्हारी आदत लग गई है।"😊😚
शिवि angry 😡 face बनाते हुए राजेश को देखती है।
राजेश बोलता है, "मैंने तो packing 🧳 करने के लिए ही bag open किया ही था, पर कोमल बोली कि उसे कुछ बात करनी है और chair पर बिठाकर 10 min से बस शांत बैठी है।"
कोमल बात तो करना चाहती थी, पर समझ ही नहीं पा रही थी कि आखिर वह शुरुआत कहां से और कैसे करे...। वह पहले इतना hesitate नहीं करती थी। पर जब से वह बीमार रहने लगी, खुद में रहने लगी, कम बात करने लगी, उसका बेबाकपन दब गया।

वह राजेश को अपनी मां से दवाइयों के doses, etc. पूछने के बहाने वहां से भेजती है। शायद वह राजेश से बात करने में uncomfort feel कर रही थी, और शिवि को देखकर उसे ऐसा अहसास हुआ कि वह उसके साथ comfortably बात कर सकती है। राजेश के जाने के बाद शिवि कोमल के daily use की उसकी personal चीजों को bag में भरने लगी।
तब कोमल शिवि को टोकी, "वो towel मम्मी की है।"
शिवि पूछी, "Aunty shift नहीं हो रही है क्या साथ में ?"
कोमल बताई, "यह मम्मी का quarter room है। जब मम्मी emergency के कारण late हो जाती है, या आधी रात उन्हें आना पड़ता है, या दिन में थक जाती है और काम के बीच उन्हें थोड़ा rest करना पड़ता है, तो इसके लिए उन्हें यह room provide किया गया है। ऐसे ही इस building का सभी floors hospital staffs के लिए specially allotted है। यह floor senior staffs के लिए है, ठीक इसी तरह इसके ऊपर की floor nurses के लिए, और नीचे का आधा male staffs और आधे में hall है, indoor sports club के लिए।"
Shivi surprise होती है, और पुछती है, "इस hospital में staffs को इतनी facilities दी जाती है..? कैसे..?"
कोमल मुस्कुराकर बोलती है, "मम्मी कहती है कि जब हम कोई profession में आते है, हमसे सपथ ली जाती है अपने responsibilities and duties को sincerely पूरा करने के लिए। Professionally जब भी किसी को हमारी ज़रुरत होगी, हमें available रहना होगा। अगर कोई रात के 12 बजे दरवाजे में knock करे कि कोई emergency है, तो हम यह तो बहाना नहीं बना सकते हैं ना कि आज मैंने दिनभर आठ घंटे के बजाय 12 घंटे काम किया है, मैं थकी हुई हो so मुझे आराम करने दो, disturb मत करो। That time, my first priority should be to save their lives. इसलिए यह hospital अपने staffs से joining के time यह agreement रखता है कि आप 24hrs. on duty रहोगे। आपको दिनभर में सिर्फ आठ घंटे, सप्ताह में total 45 hrs. ही काम करवाये जायेंगे। पर अगर किसी unconditional situation में आपसे ज्यादा काम करवाया जाए तो आप उसे weekends के साथ या फिर salary में उसे manage करवा सकते हो। पर hospital को जब आपकी जरूरत हो, आपको जितना जल्दी हो सके, available होकर अपना service देना है।"
शिवि amaze करती है। कोमल अपनी नज़रे झुकाकर दो पल सोंचती है, और फिर शिवि को बोलती है, "मुझे तुमसे कुछ personal बात करनी है।" और door close करने का इशारा करती है।
शिवि दरवाजा अंदर से सटाकर chair को कोमल के सामने खींच कर ले आई और बैठ गई। कोमल भी आगे बढ़कर शिवि के नजदीक आ गई और उसका हांथ पकड़कर पूछी, "तुम्हारा राजेश के साथ कैसा चला रहा है ? मतलब आगे का कुछ प्लान है या..?"
शिवि मुस्कुराई और बोली, "वैसा तो कुछ भी नहीं। हम बस अच्छे friends है। हमारे बीच वैसा कुछ है भी नहीं। तुम चाहो तो उसे propose कर सकती हो।"
कोमल समझ जाती है कि शिवि उसे छेड़ने की कोशिश कर रही है, "अरे हट..। मैं seriously पूछ रही हूं और तुम तो बस मजाक करने लगती हो। राजेश अब पहले से काफी बदल गया है। अब उसे कोई भी अच्छी लड़की मिल जानी चाहिए, तुम्हारी जैसी। कहीं उसके life में भी कोई लड़की आ गई, तो उसे भी कहीं हम खो ना दें।"
शिवि यहां थोड़ा doubt 🧐 करती है, "उसे भी मतलब ? तुम्हें डर है कि तुम राजेश को खो दोगी ? और इससे पहले तुम किसे खोई हो ?"
कोमल जवाब देती है, "सतीश।" फिर अचानक वह रुक जाती है और सोंचती है कि वह आखिर क्या बोल गई।
शिवि confuse होते हुए पूछती है, "कहीं तुम्हें एक time पे दोनों से तो नहीं..."
कोमल बीच में ही खुद को cover करने का कोशिश करती है, "अरे वैसे नहीं...। बस like as a friend. और राजेश तो मेरे लिए भाई जैसा है।"
शिवि पूछती है, "और सतीश..?"
कोमल अपनी नज़रे झुका ली, और समझ गई कि अब छुपाने से कोई फायदा नहीं है। वह बोली, "वह मुझे पसंद था। मेरी family को भी वह पसंद था। पर क्यूंकि वह अपने life में काफी sincere था, उसको भटकाना नहीं चाहते थे। इसलिए मैं उसके सामने कभी यह express नहीं की। सोंची कि सही वक्त आने पर उससे अपने दिल का बात कहूंगी। साथ ही यह डर भी था कि कहीं उसे जब यह बात पता चलेगा, तो वह कहीं मुझसे दूरी ना बनाने लगे। पर मैं सही समय का wait करते रह गई, और कोई और साली इसका फायदा उठा गई।"
शिवि हैरान होकर कोमल को देखती है और अपने मन में सोंचती है, "तो यह भी गाली देती है ! वैसे इस मौके पर ऐसे ही emotion बाहर आता है।
वह कोमल को देखती है तो कोमल आगे बोलती है, "और सतीश भी एक no. ...। कभी यह नहीं बताया कि उसके life में क्या चल रहा है, सीधा अपने शादी के सप्ताह भर पहले अपना शादी का invitation card लेकर आता है। महीना भर तो यह समझने में लग गया आखिर ये सब हो क्या रहा है, इसपर react क्या करूं। किसी के सामने मैं ये सब express भी नहीं कर सकती थी, सब मजाक बनाता मेरा।"
शिवि कोमल को गले से लगा कर उसका पीठ थपथाई और उसको बोली, "शांत, अब सब भूल जाओ। किसी से यह सब कहने की जरूरत भी नहीं है। अपने life में तुम भी आगे बढ़ सकती हो।"
कोमल खुद को अलग करते हुए आगे बोलती है, "भले मैं किसी को इस बात का अहसास नहीं होने दी। (पगली, सारे readers को शुरू से यही लगता था। पर अगर यह गलतफहमी है कि वह किसी को यह अहसास नहीं होने दी, तो खैर आगे बढ़ते हैं।) कभी मैं उससे कोई promise नहीं की, पर at least मैं खुद से commitment की हुई थी। इसलिए जब भी कोई लड़का मेरे life में आता, तो मैं उसे भाव नहीं देती थी और neglect करती थी। (उदास सकल बनाते हुए) पर उसके चक्कर में वो सब भी गया।"
शिवि फिर से कोमल को गले लगाकर उसका पीठ थपथपाते हुए बोली, "कोई बात नहीं। चलो नई शुरुआत करना अब।"
कोमल आगे बोलती है, "तुम जो खुद को रोक कर रखी हो मेरी तरह, कोई राजेश के भी life में आयेगी, उसके parents को पटाएगी और उसको तुमसे चुरा ले जायेगी। और फिर देखती रहना मेरी तरह।"
शिवि यह सुन कर हँसने लगती है। और फिर खुद को उससे अलग करते हुए बोलती है, "देखो, मैं राजेश को बहुत अच्छे से जानती हूं। इसलिए मैं यह जानती हूं कि उसके दिल में मेरी जगह क्या है, और उसमें तुम्हारी कितनी अहमियत है। पर कोई और लड़की आयेगी ना, तो वो तुम्हें उसकी girlfriend समझेगी।"
कोमल बीच में बोलती है, "तो मैं उसे propose कर दूं ?"
शिवि बोलती है, "पर तुम तो अभी बोल रही थी कि वह तुम्हारे लिए भाई जैसा है ?"
कोमल समझ है कि वह गलत sentence बोल गई। वह बोली, "I'm sorry. राजेश मेरे लिए मेरा भाई जैसा ही है। मैं बस तुम्हें परेशान करने के लिए यह बोली थी। पर कोई और अगर उसके life में आ गई तो..?"
शिवि उसको समझाती है, "कोई बात नहीं। चलो, मैं तुमसे एक promise करती हूं, वो साथ रहे ना रहे, मैं तुम्हारी हमेशा अच्छी दोस्त बनकर रहूंगी। अब खुश ?"
कोमल मुंह बनाते हुए बोलती है, "क्या पता तुम्हीं बाद में उसे मुझसे दूर ले जाओ।"
शिवि उसे आगे बोलती है, "ठीक है, मैं तुम्हें promise करती हूं कि कल को अगर राजेश भले तुम्हें अपने life में busy होने के करण कम time दे पर तुम उस time भी मुझे उससे खुद के ज्यादा करीब पाओगी। अब तो खुश ना ?"
कोमल शिवि को देखती है, और बस मुस्कुराती है।
शिवि कोमल को मुस्कुराते हुए देखकर बोलती है, "कमाल की नौटंकीबाज हो लेकिन तुम भी। मेरे सामने नौटंकी करके मुझसे सारी promise करवा ली।"
कोमल बोलती है, "मैं मांगी नहीं थी। तुम चाहो तो तोड़ सकती हो।"💁🏻‍♀️
शिवि बोलती है, "नहीं। एक बार बोल दिए, वो बोल दिए। अब क्या मुझे अपना promise पूरा करने का तुम मुझे मौका दोगी ?"
कोमल बोलती है, "हां बोलो ना, क्या करना है ?"
शिवि बोलती है, "तुम्हारी packing 🧳 करने में मेरी help करो।"
कोमल अपना माथा पकड़ते हुए खुद को tired दिखाते हुए बोली, "एक बीमार मरीज से तुम काम करवाओगी ? तुम इतनी caring हो, मेरी help कर दो ना..।"
शिवि थोड़ा डांटती हुई बोलती है, "अब और नौटंकी करना बंद करो। मैं तुम्हारी चीज़े नहीं पहचानती हूं।"
कोमल बोलती है, "तो मैं बताती हूं ना..."
शिवि डांटती है, "अब तुम बीमार नहीं हो। अपना काम खुद किया करो। वरना हमारी आदत लग जायेगी।"
कोमल बोलती है, "तो लग जाने दो।"
शिवि बोलती है, "और जब हमलोग तुम्हारे साथ नहीं होंगे तब...?"
कोमल बोलती है, "तुम तो अभी से ही अपना promise तोड़ने का बात करने लगी। समझ गए, तुम झूठा दिलासा दे रही थी मुझे..।"
शिवि बोलती है, "इससे promise तोड़ने की बात कहां आ गई। हमलोग 24hrs. तुम्हारे साथ रहेंगे क्या ? कभी तो अकेले रहोगी ही ना ? खुद का ख्याल रखने के लिए सीखो।"

और packing 🧳 करते हुए उनका ऐसे ही नोंक झोंक चलता रहा।
_ _ _ _ _

राजेश गलियारे से मालती के cabin की तरफ़ जा रहा होता है। उसका नज़र 'मातृ एवं शिशु' विभाग के बाहर, उसके दाहिने तरफ की bench पर अकेले बैठे नौजवान पर पड़ा। उस नौजवान ने अपना माथा उठाया, तो वह सतीश था।
राजेश सतीश से पूछा, "तुम यहां ?"
सतीश जवाब दिया, "मेहक के health checkup के लिए आया हूं। पर तुम यहां कैसे ?"
राजेश बताया, "मालती aunty से मिलने जा रहा हूं।"
सतीश हैरान होकर पूछता है, "मालती aunty यहां ? क्या हुआ उनको ?"
राजेश उसके सवाल पर मुस्कुराता है और बोलता है, "कुछ नहीं। aunty अब यहीं काम करती है।"
सतीश फिर पूछता है, "कब से ? और उनका clinic ?"
राजेश जवाब देता है, "Corona के time से। तुम अकेले आए हो ?"
सतीश बताता है, "नहीं, मां और साथ में मेहक के मम्मी-पापा भी आए हैं।" वह सामने की तरफ इशारा करता है, जहां bench पर उदय के साथ अभिलाषा बैठी होती है।
फिर सतीश आगे पूछता है, "पर तुम aunty से यहां क्यों मिलने आए हो ? मेरा मतलब है कि तुम घर पर भी तो मिल सकते थे।"
तभी वहां अंदर से एक nurse दरवाजा खोलकर बाहर निकली और राजेश को देखकर बोली, "अरे राजेश, अभी तक गए नहीं ? वैसे यहां क्या कर रहे हो ?"
राजेश बोला, "मालती aunty से मिलने जा रहा हूं।"
Nurse बोली, "Dr. मालती अभी busy होंगी। अभी थोडी देर पहले मैं वहीं से आई हूं, उनका एक patient के साथ appointment था। बोली आधा घंटा बाद आने के लिए।"
Hospital में doctors सहूलियत के लिए अलग-अलग अंगो और रोगों के विशेषज्ञ होते हैं। वैसे में जब कोई ऐसा मरीज आता है जिसका multiple problems होत हैं तो doctors team work करते हुए, उस मरीज के check up and test reports एक दूसरे के साथ share करते है। जिसके लिए उन्हें assist वहा मौजूद nurses करती है। इसलिए हर doctor के cabin में 2-3 nurses मौजूद रहती है।
वह nurse सतीश के तरफ देखकर बोलती है, "आपको थोड़ा wait करना होगा। आपसे पहले और एक का no. है, उसके बाद आपकी wife का no. है। वो जो उनके साथ में है, patient की मां है ?"
यह सुनकर अभिषा को अच्छा लगता है, और उदय अभीषा के कंधे को सहलाते हैं।
सतीश बताता है, "नहीं वह मेरी मां है।"
राजेश पूछता है, "वैसे क्या हुआ है उन्हें ?"
इसपर nurse भड़कते हुए बोलती है, "तुम्हें इससे मतलब ? तुम्हें पता चल गया ना Dr. मालती कहां है.., अब चला निकलो। भीड़ खाली करो।"
राजेश अपने दोनों हाथों से इशारा करते हुए बोलता है, "Sister, यह सामने खड़ा इंसान मेरा दोस्त है, वो जो अंदर है वो मेरी... भाभी है। और..."
Nurse बोलती है, "तो फिर अपने dost से क्यों नहीं पूछते हो ? ऐसे ही ख्याल रखा जाता है अपनी wife का ?"
उदय पीछे से आवाज देते है, "सतीश, बेटा बाहर canteen से पानी ले आओगे ? गला सूख रहा है।"
अभिषा बोलती है, "और कुछ खाने का भी ले आना।"
Nurse बोलती है, "Sorry Sir and Ma'am, hospital के अंदर हर जगह खाना-पीना allowed नहीं है। आप चाहो तो बाहर canteen या waiting lodge में lunch कर सकते हो।"
इसपर राजेश बोला, "क्या Sister आप भी...। अब अपने लोगों के साथ भी ऐसा करोगी ?" वह दौड़ का waiting lodge गया और एक glass RO water 💦 भर कर ले आया। यह देखकर nurse राजेश को आंख दिखाई। उदय को glass देते हुए और राजेश उसके गुस्से को बाहर निकलने से पहले शांत करते हुए बोला, "मैं वापस glass वहीं रख दूंगा।" फिर वह अभिषा को देखकर बोला, "पर aunty आप canteen में ही जाकर कुछ खा लेना। वरना sister अभी मुझसे पूरा बरामदा में पोंछा लगवाएगी।"
Nurse वापस अंदर चली गई।
अभिषा सतीश को बोली, "बेटा तुम तब तक जाकर कुछ खा लो। सुबह जल्दबाजी में ठीक से नाश्ता भी नहीं किए हो।" फिर राजेश को बोली, "अगर जल्दी में नहीं हो तो अपने दोस्त को ले जाकर कुछ खिला दो। देखो आजकल, खाने-पीने में ध्यान नहीं देता है। बिल्कुल सूख कर कांटा होता जा रहा है।"
इसपर राजेश confuse होते हुए पूछता है, "Aunty, आप सतीश की सगी मां की तरह behave कर रही हो। Sister को same अंदर में feel हुआ। किसी के married life में सच में ऐसा भी होता है। मुझे तो यह देखकर अभी शादी करने का मन कर रहा है।"
यह सुनकर उदय हंस पड़ते है, और अभिषा बताती है, "मैं और सतीश की मां बचपन की सहेलियां है। हमारे लिए दोनों बच्चों एक जैसे ही है। अपने खुद के बच्चों की तरह।"
राजेश अपने मुंह में हांथ रखते हुए बोलता है, "आ...! सतीश तो अपनी बहन से ही शादी कर लिया।"
यह सुनकर सतीश राजेश के कंधे पे एक जोर का मुक्का मारता है।
अभिषा समझाती है, "ऐसा नहीं है। हम दोनों बचपन की बस सहेली है। मेरी family tree और उसकी family tree अलग है। College के बाद जब हमारी शादियां हो गई, तो फिर हम कभी नहीं मिली। ये दोनों पहले से एक दूसरे को जानते तक नहीं थे। ये दोनों एक दूसरे को पसंद पहले किए, तब हम मिले। जब पता चला कि यह पूर्वी का बेटा है, तो मुझे मेहक की tension कम हुई। तब जाकर इनकी शादी हुई।"
राजेश बोला, "मतलब इन दोनों की love marriage हुई है ? मुझे लग रहा था कि यह arranged है।"

राजेश सतीश को अपने साथ canteen ले जाता है। और नाश्ते लेकर एक table पर बैठता है। वह पहले एक plate खाना order करता है, पर सतीश मना कर देता है यह कहकर कि वह बाकियों के साथ खायेगा।
राजेश सतीश से पूछता है, "तो यह love marriage है ? मुझे लगता था कि तुम कोमल को पसंद करते थे। और तुम family के आगे झुककर यह शादी किए हो।"
सतीश बोलता है, "झुककर..?" थोड़ा रुककर, "ओह...।"
सतीश समझ जाता है कि राजेश को उससे over expectation था, जो कि टूटा और वह disappoint हुआ।
वह पूछता है, "तो बाकियों को भी यही लगता है ?"
राजेश हां में अपना माथा हिलाता है।
सतीश बताता है, "देखो कोमल मुझे पसंद थी, पर बस एक अच्छी दोस्त की तरह। तुम तो जानते ही हो कि मेरी पहली प्यार प्रिया थी। उसके बाद मैं किसी का हो ही नहीं पाया। जब एक बार मैं घर वापस जा रहा था और मुझे वह बस में मिली, ऐसा लगा कि क़िस्मत मुझे दोबारा मौका दे रहा है। पर बस से उतरने के बाद मुझसे बात करके वह मुझे समझा दी कि वह अपने life में काफी आगे निकल चुकी है। अब मुझे भी move on कर जाना चाहिए। मेरे लिए यह unexpected था, पर मैं इसे accept करने की कोशिश कर रहा था। कहीं मैं इसके बाद टूट ना जाऊं, इसलिए ख़ुद का ध्यान मैंने career पर focused कर दिया। ताकि प्रिया के बाद मैं फिर से किसी से दिल ना लगा लूं। कोमल या किसी के भी साथ मुझे कोई future नज़र नहीं आता था, और मैं फिर से किसी से दिल लगा भी नहीं पा रहा था। धीरे-धीरे अंदर ही अंदर घुटन मुझे अकेलापन महसूस करवाने लगा।"
राजेश बोलता है, "हमलोग तो थे तुम्हारे साथ।"
सतीश आगे बोलता है, "हां तुमलोग थे। पर तुमलोग मेरे साथ 24hrs. तो नहीं थे। यह अहसास भी था कि एक दिन तुमलोग अपने-अपने life में आगे बढ़ोगे और मैं अकेले रह जाऊंगा। मेरे साथ कोई नहीं होगा। तुम सभी का साथ एक दिन छूट जायेगा।"
राजेश बोलता है, "इसलिए तुम्हीं हमलोग को छोड़ दिए..। एक बार भी नहीं सोचें कि हमें कैसा लगेगा, कोमल को कैसा लगेगा ? उसकी family भी तुम्हें पसंद करती थी, उन्हें कैसा लगेगा ?"
राजेश समझाने की कोशिश करता है, "कोई अगर मेरे सामने अपनी feelings को express ना करे तो मैं कैसे समझूंगा कि जो मैं महसूस कर रहा कि उसके दिल में मेरे लिए कुछ है, वह सच में है या यह बस मेरा self centered illusion है ?"
राजेश पूछता है, "तो तुम्हें यह अहसास था कि कोमल तुम्हें पसंद करती है ?"
सतीश समझाता है, "मैं उसकी हर ख्वाहिश पूरा करने की कोशिश करूं और फिर भी मैं यह doubt 🧐 में रहूं कि जो मैं उसके लिए कर रहा हूं उसे खुश करने के लिए यह वो चाहती भी है या मैं over कर रहा हूं और वह बस मुझे खुश देखने के लिए इन सबसे खुश होने का मेरे सामने नाटक करती है...। मैं ऐसे में पागल नहीं हो जाऊंगा, अगर वह expressive नहीं है तो...।"
राजेश satirically पूछता है, "और मेहक़ सब express करती है ?"
सतीश बताता है, "जब वह first time मुझसे मिली, मुझसे बहुत सारे सवाल की। अगले दिन सीधा मेरे घर आ गई अपने पापा के साथ। सबके सामने अपनी feelings express की, अपने बारे में हमें बताई। पर कोई ख्वाहिश नहीं की कि मैं भी उसे choose करूं। बस अपने side से वह जो कर सकती थी, वह की, खुद को express की। बिना मेरे individuality के line को पार करते हुए। उस time मुझे ऐसा realise हुआ कि मुझे ऐसी ही life partner चाहिए।"
Rajesh aggressive होते हुए बोला, "इसलिए तुम हां कर दिया और उससे शादी कर ली।"
सतीश बोला, "मैं बस उसे मना नहीं कर पाया।"
राजेश नाश्ते को बीच में ही छोड़कर उसे थोड़ा आगे खिसकाते हुए खड़ा होता है और बोलता है, "मेरा हो गया, मैं चलता हूं।"
सतीश वहीं बैठा, मन में कुढ़ते हुए नाश्ता खत्म करने की कोशिश करता है।
_ _ _ _ _

राजेश कोमल को घर लाने के बाद शिवि को वापस छोड़ने जाता है। वापस लौटते time उसे रवि का call आता है। जिसके बाद वह रवि से मिलने जाता है। एक restaurant में रवि अग्रिमा के साथ बैठा होता है, और उनके बीच नोंक-झोंक चलता रहता है। राजेश उनके पास जाता है और chair खींच के उनके साथ बैठता है।
राजेश रवि की तरफ देखकर पूछता है, "अब बताओ, क्या हुआ ?"
अग्रिमा रवि को घूरते हुए पूछती है, "इसे तुमने बुलाया है ?"
राजेश को यह सुनकर बुरा लगता है। वह कहता है, "तुम दोनों के बीच में पड़ने के लिए I'm sorry. But अपना यह drama बंद करो।"
अग्रिमा इसपर भड़कती है और कहती यही कि, "drama ? तुम्हें यह drama लगता है।"
राजेश मन में सोंचट है कि, "अब तो हद हो गई यार..।" वह कहता है, "एक बात बताओ, हम सभी में कौन relationship में सबसे ज्यादा रहा है ? किसे इन सबका सबसे ज्यादा experience है ?"
रवि और अग्रिमा राजेश को देखते हैं।
राजेश आगे बोलत है, "देखो, मैं सच कहता हूँ। तुम दोनों एक-दूसरे के साथ अच्छे लगते हो। तुम दोनों की जोड़ी..."
इसपर अग्रिमा राजेश का बात काटते हुए बोलती है, "जोड़ी..? हम दोनों बस सिर्फ friends है। जैसे कि तुम हो।"
राजेश बोलता है, "अच्छा..! ऐसा है तो फिर एक बात बताओ, तुमलोग आपस में झगड़ किस बात पर रहे थे ?"
रवि बोला, "हम एक दूसरे के साथ बहुत ज्यादा time spend करने लगे थे। तो मैंने कहा कि हम ऐसा करते हैं कि routine बनाते हैं, ताकि हम एक-दूसरे को time भी दे और साथ-साथ हमारा पढ़ाई भी disturb ना हो।"
इसपर अग्रिमा बोली, "हाँ तो मैं कहाँ जबरदस्ती इसको परेशान कर रही थी ? मैं तो कह ही रही थी कि अगर time है तो reply दो, वरना मत दो।"
राजेश अग्रिमा को घूरता है, और रवि बोलता है, "यार ऐसे कैसे मैं जानबूझकर अनजान बनने का नाटक करूँ और इसे ignore करूँ ?"
इसपर राजेश अग्रिमा से पूछा, "तो यह क्या बोला ?"
अग्रिमा बोली, "खुद पूछ लो।"
राजेश रवि को देखा तो रवि बोला, "इसको बोले message नहीं करने के लिए तो यह एकदम ही बात करना बंद कर दी। Text करते हैं तो reply नहीं देती है, call करते हैं तो receive नहीं करती है।"
अग्रिमा बोलती है, "हाँ तो क्या सिर्फ यही busy रहता है क्या ? मुझे कोई काम नहीं है ?"
रवि बोलता है, "यार कम से कम free होकर तो call कर लिया करो।"
अग्रिमा जवाब देती है, "कहीं तुम्हारे पढ़ने के time तुम्हें disturb कर दिए तो..? तुम फिर गुस्सा जाएगा..।"
रवि राजेश को इशारा करते हुए बोलत है, "देखो..। बस यही।"
राजेश बोलता है, "मैं फिर से तुम दोनों को पूछता हूँ, तुम दोनों क्या हो, couple या सिर्फ friends ?"
रवि इसपर चुप हो जाता है और अग्रिमा बोलती है, "friends."
राजेश दोनों को डाँटता है, "तो फिर ऐसे publicly मेरे सामने couples की तरह झड़ग क्यूँ रहे हो ?"
अग्रिमा बोलती है, "हम कहाँ couples की तरह झगड़ रहे हैं ? हम तो friends की तरह झगड़ रहे हैं।"
राजेश गुस्से में बोलत है, "मैं भी ऐसे ही झगड़ता हूँ क्या तुम दोनों से ?"
अग्रिमा बोलती है, "हाँ। in fact तुम तो रवि से भी ज्यादा गुस्सा कर रहे हो।"
राजेश हारते हुए table पे हाँथ मारता है, और शांति से बैठ जाता है। Women, एक नारी सबपे भारी।

राजेश बोलता है, "कुछ order किए हो या मुझे भूखे मारोगे तुम दोनों ?"
रवि बोलता है, "मेरा month end चल रहा है।"
Agrima बोलती है, "भैया को क्या बताएंगे, कि कहां इतना पैसा उड़ाते फिर रहे हैं…!"
इसपर राजेश बोला, "यार जब तुमलोग को free का ही खाना था तो पहले बोलते। हमलोग मिल कर कोमल के home 🏡 coming को celebrate करते।"
अग्रिमा खुशी से बोली, "सच में ?" वह रवि के चेहरे पर कोई expression नहीं देखकर बोली, "अरे राजेश क्या बोला इसपर तुम ध्यान नहीं दिए क्या रवि ? कोमल वापस आ गई।"
रवि बोला, "हां पता है मुझे।"
राजेश हैरान होकर पूछा, "तुम्हें कैसे पता ?"
रवि जवाब दिया, "सतीश hospital 🏥 आने से पहले call किया था। मैं जब उससे मिलने पहुंचा तब वह canteen में अकेले बैठकर नाश्ता कर रहा था। उसके सामने half finished plate था। ऐसा तो नहीं हो सकता कि waiter सारे tables को साफ करे पर उसी को करना भूल जाए जिसपर वह बैठा था। मतलब मेरे पहुंचने से पहले कोई तो होगा जो गुस्से में आधा plate unfinished छोड़कर ही वहां से चला गया हो।"
राजेश बोलता है, "चलो मैं मानता हूं कि वह मैं ही था। तो... अब ?"
रवि आगे बोलता है, "मेहक के checkup के बाद मैं उसे लेकर कोमल से मिलने गया, तो warden बताई कि तुमलोग चले गए।"
राजेश पूछा, "तो तुम सतीश को कोमल के बारे में बता दिए ?"
रवि झुंझलाते हुए बोला, "यार तुम दोनों की problem क्या है ? कोमल और तुम क्यों सतीश के बारे में बात करने पे ऐसे चिढ़ जाते हो ? उससे बात नहीं करना चाहते ?"
राजेश बात को टालने की कोशिश करता है, "छोड़ो यह सब बात मुझे नहीं करनी है।"
रवि बोलता है, "बस यही, ऐसे ही।"
राजेश बोलता है, "सतीश हम सभी में सबसे ज्यादा समझदार था। मुझे भरोसा था कि अगर अगर हमलोग कोई गलती करते तो वह हमें guide करता।"
रवि पूछता है, "तो ऐसी क्या गलती उससे हो गई कि जो तुम्हारा भरोसा टूट गया ?"
राजेश बोला, "वह हमें कुछ भी बताया नहीं, अचानक शादी कर लिया और हमें छोड़कर चला गया।"
इसपर रवि बोला, "तो यह तो कभी ना कभी होना ही था। एक ना एक दिन हमारे रास्ते अलग होने ही थे। हम अपने life में कामयाब होंगे, फिर अपनी-अपनी family के पास वापस लौट जायेंगे उनकी care करने के लिए।"
राजेश नाराज होते हुए बोलता है, "तो तुम भी साथ नहीं रहोगे ? तुमसे तो यही उम्मीद था। तुम तो सतीश से भी ज्यादा self centered इंसान हो। किसी से कोई लगाव, कोई हमदर्दी नहीं। बस अपना ख्वाब, अपना career के पीछे पागल। सतीश तो कम से कम अपनापन जताता भी था, तुम सीधा मुंह पर बताकर परायापन का अहसास दिलाते हो।"
यह सुनकर रवि को गुस्सा आने लगता है, "अपने हद में रहकर बात करो राजेश। तुम अपना limit cross कर रहे हो।"
अग्रिमा इन दोनों को शांत करने की कोशिश करते हुए बात को घुमाने की कोशिश करती है। वह पुछती है, "वैसे रवि, सतीश इतना जल्दी शादी क्यों किया ? उस time तो उसके पास कोई job भी नहीं था।"
रवि इसका जवाब देता है, "वह कह रहा था कि उसको family pressure तो नहीं था, मेहक भी wait करने को तैयार थी। But, उसकी मां emotional drama करने लगी, कि कहीं वह रिश्ता और मौका अपनी सहेली को समधन बनाने का वह खो ना दे। और फिर अपनी मां के लिए उसे जल्दी में शादी करना पड़ गया।"
राजेश तंज कसते हुए बोला, "अच्छा, और क्या बताया वो ?"
रवि बोला, "वहा पछता रहा था जल्दबाजी में शादी करके।"
राजेश फिर taunt मारता है, "अच्छा, तो वह पछता रहा था !"
अग्रिमा पूछी, "वह किस बात के लिए पछता रहा था ? उसकी शादीशुदा life अच्छी नहीं है क्या ?"
रवि जवाब दिया, "अच्छी है।"
राजेश पूछता है, "तो फिर क्यों पछता रहा है वो ?"
रवि राजेश के वो बताया जो सतीश उसे बताया था-

किसी भी family के लिए चार बातें अहम होती है- पहला, financial stability; दूसरा, relationship management; तीसरा, family growth; और चौथा evolution/adaptation. सबसे पहले एक stable source of income होना चाहिए, ताकि family की जरूरतों को पूरा किया जा सके। हर किसी के पसंद-नापसंद को जानना, समझना ताकि सभी रिश्तों को समझदारी के साथ ले कर चला जा सके और उनका ख्याल रखा जा सके। इसके साथ-साथ वक्त के साथ family income, और social growth की कोशिश करना ताकि वक्त के साथ बढ़ते जरूरतों को भी पूरा किया जा सके। और इसके अलावा knowledge, experience जिससे यह समझदारी आए कि क्या सही है और क्या जरूरी। ताकि वक्त और जमाने के साथ family को ढल पाए और चल पाए। साथ ही वक्त के साथ बदलते जरूरतों को समझकर उसे पूरा करने की कोशिश की जाए।
सतीश जब कम उम्र में jobless होने की वजह से शादी किया, तो अपनी और मेहक की ख्वाहिशों को पूरा करने के लिए family पर dependent था। इसके अलावा रिश्तेदार बिना information के आते जाते रहते, जिन्हे time देना भी मुश्किल था। वैसे तो सतीश और मेहक दोनों career oriented थे और मेहनती भी थे। पर इन चीजों की वजह से दोनों disturbed रहने लगे। ऊपर से नए माहौल में जाने और routine खराब होने से मेहक के health पर कुछ ज्यादा ही असर करने लगा। इतना काफी नहीं था कि आस पड़ोस के ताने सुनकर पहले तो सतीश को temporary job ढूंढना पड़ गया, फिर अपने रिश्ते को अच्छा साबित करने के चक्कर में मेहक भी सतीश से बच्चा करने की जिद्द करने लगी। पर physically unfit होने की वजह से 3 महीने ही उसका miscarriage हो गया। और 2 महीने से सतीश अपनी family के साथ मेहक को लेकर अलग-अलग hospital में घूम रहा है। क्यूंकि उसके health में सुधार हो ही नहीं रहा है। इसके वजह से वह अपने दोस्तों के लिए time निकाल ही नहीं पा रहा था। जब उसे दोस्तों की याद आती तो वह busy होने के कारण उन्हें call भी नहीं कर पाता, और जब free होता तो मेहक और family में उलझकर दोस्तों को भूल जाता रहा है।

यह सब राजेश खामोशी के साथ सुन रहा था। वह कोई जवाब नहीं दे पाया। तभी restaurant staff कुछ items pack करके इनके table में रख दिया।
अग्रिमा खुश होते हुए बोली, "टनटना... surprise 🫢"
राजेश हैरान हुआ, "surprise !"
अग्रिमा आगे बोली, "हमलोग सब मेहक के साथ में आज party करेंगे। इसके अंदर क्या है, वह वहां जाकर ही तुम्हे पता चलेगा। बस तुम पैसे दे दो।"
राजेश समझ गया कि अग्रिमा को भी कोमल के घर वापस लौटने के बारे में पहले से पता था। वह बस राजेश के सामने नहीं जानने का नाटक कर रही थी। मतलब अगर कोई लड़की जब आपसे surprise देने को कहे तो उसे surprise करने की कोशिश करो। क्यूंकि हर चीज जानकर भी अंजान बनने का नाटक, surprise होने का नाटक वह बहुत अच्छे से कर लेती है।
राजेश बोला, "कमाल है यार, सभी को मेरे ही पैसों पर ऐश करना है। कभी पूछ तो लिया करो कि जेब में है भी या नहीं।"
अग्रिमा बोलती है, "यार तुम्हारा जेब कब खाली रहने वाला है ? तुम्हारे पप्पा का credit card..."
तभी रवि बीच में ही अग्रिमा को रोकता है और कहता है, "हमसे बाद में पैसे खर्चे करवा लेना। अभी month end है, अभी तुम pay कर दो।"
वैसे तो राजेश को अब अपने पिता के पैसे खर्च करना चुभता था। पर वह अपने दोस्तों की मदद करने के लिए यह कर देता है।

फिर तीनों कोमल के घर जाने के लिए restaurant से चले जाते हैं।
_ _ _ _ _

राजेश जब रवि और अग्रिमा के साथ कोमल के घर पहुंचता है, तो कोमल दरवाजा खोलती है।
राजेश पूछता है, "घर पर uncle नहीं है क्या ?"
कोमल बोली, "वो market गए हैं। उनके कोई friend आ रहे हैं। इसलिए कुछ सामान लेने गए हैं।" और फिर वह रवि और अग्रिमा को देखकर बोलती है, "तो तुम दोनों को आखिर time मिल गया ? महीना भर से तुम दोनों में से कोई भी नहीं नजर नहीं आए ?"
राजेश बताता है, "अरे इन दोनों का drama चल रहा था।"
कोमल इशारे में पूछती है, "क्या ?"
राजेश बोलता है, "वही, couples वाला।"
रवि और अग्रिमा एक साथ बोलते हैं, "क्या ? Couples वाला ?"

तभी राजेश के पास उसके cousin का call आता है। वह कहता है, "Uncle, का call आया था। वो आ रहे हैं। तुम यहां आते तो अच्छा होता।"
राजेश भले अब teenage की तरह अपने पिता से नाराज नहीं रहता है। पर अब भी वह इतना उनसे social नहीं हो पाया है कि वह उनसे मिलने के लिए excited हो जाए। उसका दिल अभी भी उसे अपने पिता के करीब ले जाने के बजाय दूर रखने की कोशिश करता है।

अग्रिमा कोमल को बोलती है, "महीना भर ? ठीक से सप्ताह भी नहीं बीता होगा, तुम्हारे लिए पानी पूरी pack करवा कर लाए हुए।"
कोमल बोलती है, "मुझे तो महीना लगता है बीता हुआ।"
अग्रिमा माथा हिलाते हुए बोलती है, "अच्छा...।"
वो चारों drawing room पर sofa में जाकर बैठते हैं। और रवि और अग्रिमा को साथ देखकर कोमल राजेश से बोलती है, "मुझे लगता था कि रवि की वजह से सतीश को career को इतना ज्यादा focused है। मतलब पहले रवि जितना ambitious था, इसके साथ रहने के कारण सतीश इसे देखकर life में इतना ज्यादा focused है। पर लगता है कि उल्टा है। सतीश के जाने के बाद रवि एकदम ambitionless हो गया है।"
यह सुनकर रवि और अग्रिमा कोमल को घूरते हैं।
कोमल आगे बोलती है, "मतलब देखो, उम्र बीत रहा है, form निकल रहे हैं, और ये दोनों लगे हुए हैं teenage couples की तरह।"
इसपर दोनों एक साथ हंसते हुए बोलते हैं, "हम दोनों couples नहीं है। हम तो बस friends है।"
राजेश बोलता है, "देखो, मेरी बात मानो। वैसे तो तुमलोग मेरी बात मानोगे नहीं। पर कम से कम मेरी बात सुनो, और इसे समझने की कोशिश करो। रवि, तुम्हें अग्रिमा के साथ रहने के लिए तीन सवालों का जवाब तुम्हारे पास होना बहुत जरूरी है। उसे खिलाओगे क्या, और उसे रखोगे क्या ?"
अग्रिमा बात को काटती हुई बोलती है, "इसे मुझे खिलाने की ज़रुरत क्या है ? मैं खुद मेहनत करूंगी। I'm a modern girl and I want to be self independent."
राजेश इसे clearify करने की कोशिश करता है, "मेरा मतलब है कि तुम्हारे पास self earning/ income होना चाहिए, और रहने की जगह।"
अग्रिमा बोलती है, "घर तो है ही। मैं रवि को family से दूर क्यों करूंगी ? joint family में रहना बेहतर होता है।"
राजेश इसे और clearify करता है, "तुम फिर नहीं समझी। रवि किसी को भी अपने साथ उठा कर ले जायेगा तो क्या लगता है, उसे इसकी family घर में रख लेगी ?"
रवि बोलता है, "मेरी family accept करे या ना करे, मैं उनका puppet नहीं हूं जो उनका हर एक हुकुम मानू। मैं उनकी कड़पुतली नहीं हूं। अब मैं वैसे जीयूंगा जैसे मैं चाहूंगा।"
यहां पर मैं यह बता दूं कि ऐसी कई families होती है जो अपने बच्चों पे काफी नियंत्रण रखती है। रवि भी ऐसी ही family में grow किया था। पर एक वक्त आता है जब ऐसे घरों के बच्चें विद्रोही हो जाते है। अभी रवि का वही दौर शुरू हो रहा था।
राजेश इसे और explain karta hai, "अगर family accept ना करे और यह बाहर रहना चाहे, तो क्या लगता है कोई भी मकान मालिक, या यह अभी जहां रहता है वहां बिना family के permission के शादी करने पर इसे किसी को साथ रखने का permission मिल जायेगा ?"
कोमल राजेश को टोकती है, "अरे तुम इन्हें क्यूं ऐसी बातें बोल रहे हो। अब बस भी करो।"
राजेश जुंझलाकर बोलता है, "नहीं यह जरूरी है। आजकल के drama ये दोनों अपने life में कर रहे हैं, इसलिए यह जरूरी है। They are not the teenagers, जो ये teenagers की तरह कर रहे हैं।"
अग्रिमा पुछती है, "और तीसरा ?"
राजेश बोलता है, "क्या ?"
अग्रिमा बोलती है, "तुमने कहा था कि तीन बाते, वो तीसरा क्या था ?"
राजेश बोलता है, "Social environment और उनका acceptance. तुम जब उनकी मर्जी से जाओ, यह जबरदस्ती अपनी जिद्द में उस घर में, पूरी family का तुम्हें पसंद करना और तुम्हें accept करना बहुत जरूरी है। साथ ही साथ वह समाज तुम्हें कैसा treat करेगा। इसके अलावा तुम्हारी family और समाज रवि और तुम्हारी relationship को जानकर तुम दोनों और तुम्हारे relationship को कैसे treat करेंगे।"
अग्रिमा बोलती है, "मेरी family अच्छी है। अब सभी बदल गए, अब सब मुझसे अच्छे से treat करते हैं।"
राजेश समझाने की कोशिश करता है, "वो तुम्हें अच्छे से treat करते हैं, पर (रवि के तरफ इशारा करते हुए) इसके साथ कैसा treat करेंगे यह हमें नहीं पता। अगर उन्हें इससे कोई परेशानी होगी तो ऐसा नहीं है कि तुम्हें वो छोड़ ही देंगे। तुम्हारे life में जितनी problems naturally नहीं आयेगा उससे ज्यादा वो सब तुम्हारे life में create करेंगे और जिंदगी भर तुम दोनो को परेशान करेंगे। जब तब कि तुम हार ना मान लो।"
इसपर रवि बोलता है, "तुम बहुत ज्यादा सोंच रहे हो।"
राजेश कहता है, "मैं ज्यादा सोच रहा हूं ?"
रवि कहता है, "हां, क्योंकि तुम अपनी जगह से सोच रहे हो।"
कोमल राजेश को समझाती है, "छोड़ो ये सब जाने दो।"
रवि राजेश को समझाता है, "देखो, हम सभी अपने अनुभव और समझ से दुनियां को देखते हैं। मैं भी यही कर रहा था जब मैं पहले तुम्हें देख रहा था, और अभी तुम भी यही कर रहे जब तुम मेरे या सतीश के बारे में कहते हो। हमें यह भी लगता है कि हम जो समझते हैं, हमें जो लगता है वह सही ही होता है। यह जरूरी तो नहीं। हमें लगता है कि हम जो कह रहे हैं, जो decision ले रहे है या लगता है कि क्या होना चाहिए, वो सही और best है। क्योंकि हमें यह गलतफमी होती है कि हम best है। But It is not to choose who is the best between us and takes right decisions between us. It is to develop the understanding between us."
राजेश पूछता है, "तो तुम्हें लगता है कि it is for choosing the best between us ? We're not trying to develop the understanding with you. In the place of it we're are trying to show ourselves as the best before you ?"
कोमल राजेश को समझाने की कोशिश करती है, "It is not for choosing the best between us. It is for developing the understanding between us."
रवि राजेश को समझाने की कोशिश करता है, "यार तुम्हारे life का क्या सही decision है यह मैं बोल सकता हूं क्या ? अभी मैं अगर तुम्हरा और तुम्हारे father के बारे में कुछ बोलूंगा तो तुम सुनोगे क्या ?
राजेश गुस्सा होते हुए बोला, "अब इसमें वो कैसे आ गए बीच में ?"
रवि बोला, "ऐसे ही समझो ना, हमें जो सही लगता है हम वही करने की कोशिश करते हैं अपने life में। हम सभी यही करने की कोशिश अपने अपने life में। तुम्हें जो सही लगता है वो तुम कर रहे हो और बोल रहे हो। सतीश को जो जिस time सही लगा, वह वो किया। हमें जो सही लगता है हम वो कर रहे हैं और करेगें। तुम्हें हमारी चिंता हुई, तुम बोले, हमें अच्छा लगा। पर हम वही करेंगे जो हमें सही लगेगा। अगर तुम्हारी हमें सही लगेगी तो तुम्हारी बात भी मानेंगे। तुम इतना ज्यादा tension मत लो ना..।"
कोमल बोलती है, "अब यह सब बात यहीं end करें ? Packet से बहुत अच्छा smell आ रहा है और तुमलोग की बातों से और ज्यादा भूख लग रही है।"

फिर सभी topic end करते हैं और packet खोलकर सभी उसी से साथ में खाना शुरू कर देते हैं।

----------this is not the end,
story is still going on. 
continue on next.----------

Story by AnAlone Krishna.
Finished on 29th March, 2024 A.D.
Published on 29th March, 2024 A.D.

भाग-१० ॥ हमदर्द सा कोई ॥ भाग-१२
भाग-११.० ।  भाग-११.१भाग-११.२

॥ हमदर्द सा कोई ॥ भाग :-  |  |  |   |  |  |  ९•० | ९•१ | ९•२ १०.० | १०.१ | १०.२ ११.० ११.१ ११.२ १२


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