I, Krishna, present you here, my 100+ literary works—poems and stories. I hope, I shall plunder your heart by these. Let you dive into my imaginary world. I request you humbly to give your precious reviews/comments on what you read and please share it with your loved ones to support my works.

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"Life की परछाई: Chapter 4Chapter 5Chapter 6Chapter 7 • Chapter 8 • Chapter 9" has published on 8th August, 2025. अगर आपको online reading में असुविधा होती है, और आप इसे printed form में पढ़ना चाहते हो, तो post के bottom में दिए 'Download and Print' button को click करके आप उसका printout करवा लेना। जिसमें 'Download and Print' button नहीं है उसके लिए आप 'Google form' को भरकर मुझे send कर दो, मैं आपको pdf भेज दूंगा। इसके अलावा सबसे अंत में UPI QR code भी लगा हुआ है, अगर आप मेरे काम को अपने इक्षा के अनुरूप राशि भेंट करके सराहना चाहते हो तो, आप उसे scan करके मुझे राशि भेंट कर सकते हो। जो आप वस्तु भेंट करोगे, वो शायद रखा रह जाए, परंतु राशि को मैं अपने जरूरत के अनुसार खर्च कर सकता हूँ। ध्यानवाद !
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Yes, I'm single, but with my choice. ● Bilingual story by AnAlone Krishna

Yes, I'm single, but with my choice.
( एक idealistic and ambitious लड़का अपना goal achieve करने से पहले ही कर रहे शादी कर रहा होता है। उस शादी में आये उसके दोस्तों की आपस में होती बातचीत... )
Bilingual story by AnAlone Krishna

The timeline of this split story part is 
between "भाग-११.०(prelude)" and "भाग-११.१" of

● Yes, I'm single, with my choice. ●

Act 1 Act 2 | Act 3


Yes, I'm single, but with my choice.

Plot:-
सतीश, जो कि अपना graduation खत्म करने के डेढ़ साल बाद भी competitive exams का तैयारी ही कर रहा था। उसकी इक्षा थी कि पहले वह खुद को लायक साबित करेगा तभी किसी का हाँथ थमेगा। मगर ना जाने किन परिस्थितियों के कारण उसके jobless होने के बाद भी उसका का शादी हो रहा है। इस शादी को attend करने के लिए उसके college friends- कोमल, रवि, राजेश, रुद्र और हिमाद्रि आये हुए हैं। उसके सभी friends हैरान है कि अचानक ऐसा क्या हो गया कि उनका idealistic friend इतना जल्दी शादी कर रहा है वो भी अपने सपने को पूरा किये बिना ही। सतीश के दोस्तों के अलावा उसके सभी घरवाले , जो शायद सतीश के ख़्वाब से अंजान थे, या उन्हें लग रहा है कि उन्हें लग रहा है कि जो सतीश के उन्होंने decision लिया है वो सही है, वो सच्चाई से अंजान होने के कारण सतीश के मानसिक स्थिति को अभी नहीं समझ रहे हैं। उन्हें नहीं पता कि teenage के last में सतीश के दिमाग में प्रिया नाम की किसी लड़की का ख़्याल इस कदर छाया हुआ था कि वह एक day dreamer बन गया था। वह रास्ते में चलते-चलते प्रिया की ख़्वाब देखता था। वह अपनी idealistic सोंच के कारण अपनी feelings को अंदर दबाने की कोशिश तो करता था मगर उसका subconsciousness mind उसे और उतना ज्यादा उन feelings का अहसास करवाता था। उसका दिल हर वक़्त प्रिया की कमी का अहसास उसे करवाता था। Teenage के खत्म होने और adult होने के साथ उसके अंदर maturity आने लगी और वह धीरे-धीरे उभरने लगा। फिर उस mature सतीश की दोस्ती कोमल से हुई, और साथ ही रवि, राजेश, रुद्र और हिमाद्रि से भी। वह जैसे-जैसे इनके साथ engaged होता चला गया, प्रिया उसके लिए past होते चली गई। मगर फिर भी उसे हमेशा इस बात का अहसास होता था कि अपने career और dream के प्रति ambitious होकर उसने life की सबसे कीमती चीज को खोया है। जो कि उसका सच्चा और पहला प्यार थी। वह अपने इस अधूरेपन को अपने दोस्तों से भरता था। वो दोस्त जो उसे समझते थे, या अगर ना समझते तो समझने की कोशिश करते थे। जिनके बीच उसे अपने दर्द से सुकून मिलता था। सतीश की दो cousins- सृष्टि और शम्पा इस बात को जानती थी सतीश कि मुस्कुराहट नकली है, वो सबके सामने बस अपनी शादी से खुश और excited होने का दिखावा कर रहा है। जबकि वह  भरी महफ़िल में खुद को अकेला महसूस कर रहा है। जिसका अहसास उन बड़े और बहुत ज्यादा समझदार लोगों को कभी नहीं हो सकता था जो सतीश को एक बच्चा समझने की जगह एक दोस्त बनकर नहीं समझे। शम्पा सतीश की cousin होने के साथ-साथ बचपन से उसकी बहुत अच्छी दोस्त भी रही है। इसलिए वह यह बात भी जानती थी कि सतीश के graduation life में कोमल उसका unwanted love तो नहीं थी, मगर वह सतीश के closed और बहुत अच्छी दोस्त थी। एक ऐसी friend, जिसके साथ सतीश खुद को lightly feel करता था और जिसके साथ होने से ही वह प्रिया के ख्यालों से उभर पाया था। कोमल के साथ होने से सतीश के दिल से प्रिया को खोने का अहसास तो नहीं गया, लेकिन हाँ एक अच्छी हमदर्द दोस्त को पाने से उसके अंदर का अधूरापन कम जरूर हो गया। शादी में कोमल को देखकर शम्पा को उसे जानने और समझने का मन किया, जिससे वह यह बात समझ सके कि इस शादी से कोमल और सतीश की friendship पर क्या असर पड़ेगा और इन दोनों पर individually क्या असर पड़ेगा। अब शम्पा कोमल से बात करके कितना और क्या-क्या समझ सकती है, चलिए जानते हैं..। साथ-साथ...

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Scene 1:-
रवि, राजेश, कोमल, रुद्र और हिमाद्रि को सतीश के घर आये अभी 5min हुए हैं। वो एक कमरे में बैठे हुए हैं, जहाँ उनके अगल बगल शादी का सामान भरा हुआ है। बीच-बीच में कुछ लोग वहाँ आते हैं, कुछ सामान या तो वहाँ रख जाते हैं या ले जाते हैं। सृष्टि और शम्पा नाश्ता लेकर अंदर आई।

हिमाद्रि: मुझे लगा नहीं था कि सतीश इतनी जल्दी शादी करेगा।
रवि: उसके कितने सारे dreams थे और उन्हें पूरा करने के plans थे।
रुद्र: हालात कभी वैसा नहीं होता जैसा हम expect करते हैं। हमें हालातों के according ढलना पड़ता है।
राजेश: या हालातों को अपने according ढालना पड़ता है।
हिमाद्रि: वैसे कोमल, तुमको तो पता होगी ना यह बात..?
कोमल: मुझसे ज्यादा वह आजकल रवि से closeness रखता है।
रवि: सच बता रहा हूँ, उसने मुझे कभी कुछ नहीं बताया था। मुझे लगा था कि वो आज भी... लेकिन scene ऐसे बदल जायेगा, I couldn't imagined ever.
कोमल: तुम सृष्टि हो ना, क्या कारण है कि सतीश ऐसे अचानक ही शादी कर रहा है ? मतलब हमें भनक तक नहीं पड़ने दी...
सृष्टि:(rudely) मुझसे क्यूँ पूछ रही हो आप... खुद भैया से पूछ लीजिए...
हिमाद्रि: तुम अपने भाई के शादी में ऐसे मुँह क्यूँ लटकाए हुए हो...
शम्पा: इसे अपने लाड़ले भैया पर अब पहला किसी और को देना होगा, यह इसके लिए unacceptable है।
हिमाद्रि: और तुम कौन हो..?
शम्पा: मैं सतीश की one more cousin sister, शम्पा।
रवि: कमाल है.., सतीश ने तुम्हारे बारे में हमें कभी नहीं बताया।
राजेह: हाँ, मुझे भी नहीं पता था।
कोमल:(with smile) अब इसका मतलब यह थोड़ी होगा कि यह कभी exist ही नहीं करेगी।
शम्पा: waaw..., मुझे आखिर जिस चीज का expectation था वह सही हुआ।
रुद्र: क्या मतलब ?
शम्पा: कोमल मुझे पहचानने से इनकार नहीं की...
हिमाद्रि: तुम कैसे हम सभी को जानती हो ?
शम्पा: थोड़ा सब्र करो। पता चल जाएगा।
राजेश: तुम कोमल के बोलने के बाद से इतना मुस्कुरा क्यूँ रही हो ?
शम्पा: मुझे तो लगा था कि भाभी मेरी यह बनेगी.., लेकिन यह तो खुद बाराती है...
कोमल: सतीश बताया था, कि तुम कुछ ज्यादा ही मजाकिया हो।
शम्पा: देखा.., इसे यह भी पता है। और क्या बताया उसने मेरे बारे में ?
कोमल: यही कि अगर मैं तुमसे मिलूँ, तो तुमसे हमेशा दूर ही रहूँ..।
शम्पा: लगा ही था...
रवि: तुमको बुरा नहीं लगा ? कि तुम्हारे बारे में उसने यह सब कहा...
शम्पा: Ravi, right ? तुम्हें कहीं यह गलतफहमी तो नही गया ना.., कि तुम उसे graduation के सिर्फ 3 सालों में ही उसे पूरी तरह से जान गए हो ?
रुद्र: तुमको ऐसा क्यों लगता है कि हम भी उसे अच्छे से नहीं जानते हैं ?
कोमल: तो फिर सतीश के decision से ऐसे surprised क्यूँ हो ?
राजेश: तुम जानती हो उसे ?
सृष्टि: ये भैया की sisters में से ज्यादा उनकी चड्डी-buddy best friend है। इनसे ज्यादा भैया को और कोई नहीं जानता।
रवि: तुम्हें तो पता ही होगा कि सबको idealistic और ambitious बनने की सलाह देने वाला सतीश खुद क्यूँ अपना ambition complete किये बिना ही शादी कर रहा है।
हिमाद्रि: देखो, हम चाहे जितना भी dreams देख लें, जितना भी उसे पूरा करने का planning कर लें, लेकिन अपनों के लिए sacrifice करना ही पड़ता है। Last में वही करना पड़ता है जो उन्होंने हमारे लिए dream देखा है, वही होता है जो उन्होंने हमारे लिए plan किया हुआ होता है।
सृष्टि: ऐसा कुछ नहीं है। मजाल है कि भैया और दीदी के सामने कोई खोख भी दे।
राजेश: तो फिर सतीश मान कैसे गया ?
शम्पा: वो जो भी करता है सब सोंच समझ कर खुद की मर्जी से करता है। वह रास्ते बदल सकता है, मगर अपनी मंजिल कभी नहीं। अभी उसका decision समझ में नहीं आ रहा होगा। लेकिन थोड़ा वक्त दो, बाद में समझ आ जाएगा।
कोमल: नहीं समझ आया तो फिर सतीश है ही। उसी से पूछ लेंगे।
शम्पा: वैसे सतीश जितनी तुम्हारे बारे में बताया करता था, मुझे लगा था कि अब तुम ही भाभी बनोगी.., प्रिया के बाद।
रुद्र: कमाल है यार ! और हम सोंच रहे थे कि सतीश अब भी प्रिया के याद में ही रोता रहता है।
रवि: प्यार एक ऐसा नशा है, जिसमें पहली का उतारने के लिए दूसरी का चढ़ाना पड़ता है, दूसरी को उतारने के लिए तीसरी को चढ़ाना पड़ता है, तीसरी को उतारने के चौथी, फिर पाँचवी... and so on.
राजेश: लेकिन जब hangover फटता है तो असर बस पहली की ही याद रहता है।
कोमल: कमाल है ! राजेश के बारे में तो समझ सकती हूँ, तुम कब से इतना ज्यादा experienced हो गया रवि ?
रवि: अभी तुमलोग मुझे जानती ही कितना हो...!
रुद्र: तो तुम दोनों को भी प्रिया के बारे में पता है..?
शम्पा: तुमलोग को सतीश अपने जिस life के बारे में किस्सा सुनाया है, मैं उस life की हिस्सा रही हूँ।
सृष्टि: Past को past में ही दफना दीजिए। भैया की शादी हो रही है।
हिमाद्रि: मैं यहाँ bore हो रही हूँ। यार शादी घर में इतने सारे काम होते हैं। थोड़ा aunty का हाँथ बंटा दूंगी तो मुझे अच्छा लगेगा।
सृष्टि: पर आपके आये हुए कितना देर हुआ ही है ! थक गई होंगी, थोड़ा आराम कर लीजिए।
राजेश: पूरे रास्ते bus में आराम करते हुए ही तो आई है। एकदम मस्त घोड़े बेचकर खर्राटे लेते हुए। जाओ ले जाओ इसे, बाहर माहौल में घुले-मिलेगी तो थोड़ा fresh लगेगा।
रुद्र: चलो हम भी चल रहे हैं।
रुद्र और रवि हिमाद्रि के साथ जाने के लिए खड़े हुए। जबकि राजेश और कोमल बैठे रहे।
रवि: तुमलोग नहीं चलोगे ?
राजेश: नाह..। मुझे सतीश की sweet-sweet sister से यह जानना है कि उसने और क्या-क्या राज छुपा रखे हैं।
रुद्र, हिमाद्रि और रवि सृष्टि के साथ कमरे से बाहर गए। पीछे शम्पा जाकर sofa में बैठ गई।
कोमल: सतीश अक्सर कहता है-
"People knows only that thing, which I shown about myself, directly or indirectly."
राजेश: इसका true meaning आज समझ में आया, जब तुमसे मिले।
शम्पा: उसने इसके बाद यह भी कहा होगा-
"If you know yourself, you know how to being graceful or cruel."
राजेश: इसका क्या मतलब है ? क्या वह जानबूझकर हमारे सामने अपने ambitions के प्रति लापरवाह बन रहा है ? लेकिन क्यूँ ?
शम्पा: कुछ बातें जो वो कहता है, उन्हें वह खुद भी नहीं समझता। बस यूँ ही वह यह मानता है और बस कह देता है।
कोमल: तुम्हारी बातों से लगता है कि सतीश से ज्यादा deep बातें तो तुम करती हो। इन बातों का मतलब जानती हो क्या ?
शम्पा: कौन सी बातों का ? तुम अभी जो बोली उसका या सतीश जो बोलता है उसका ?
राजेश: पहले जो यह अभी बोली।
शम्पा: सतीश से ज्यादा गहरी बातें करती हूं, इसका मतलब कि मैं सतीश को बहुत अच्छे से जानती होऊँगी। साथ ही उसके उन बातों का मतलब भी जो वह खुद भी ना समझता हो।
कोमल: तो सतीश के उस statement का मतलब क्या है ?
शम्पा: किस statement का..? "People knows..." वाला या "If you know yourself,..." वाला ?
राजेश: "People knows only that thing, which I shown about myself." इसका मतलब हम समझ गए।
कोमल: "If you know yourself, you know how to being graceful or cruel."
शम्पा: देखो, उसे यह बात पता होती है कि वह किसके नजर में क्या बन रहा है और क्यों बन रहा है। लेकिन, अपने मन-मुताबिक किसी के मन मे खुद का छवि बनाना उसे नहीं आता।
कोमल: मतलब वह जानबूझ कर हमारे सामने झूठा/धोखेबाज़ नहीं बन रहा। इसके पीछे जरूर कोई वजह होगा।
शम्पा: हाँ...
राजेश: धोखेबाज..?
कोमल: हाँ, खुद इतना idealistic और ambitious दिखाकर अपने बात से पीछे हट जाना, यह cheating ही ना हुआ हमारे साथ..।
शम्पा: इसके कहने का मतलब है कि सतीश ने तुमको कुछ specially कुछ promise वगैरह कुछ किया हो और cheat किया हो...
कोमल: क्या-क्या सोंचता है रे पागल..?
राजेश: देखो ऐसा मैंने कुछ नहीं कहा इसने कहा।
Shampa is smiling.
कोमल: मुझे ज्यादा भीड़-भाड़ पसंद नहीं है। यूँ ही आते-जाते ये लोग... कोई ऐसी जगह है, जहाँ कोई disturb ना करें..?
शम्पा: हाँ..। वैसे सुबह से इतना व्यस्त थी कि मुझे भी थोड़ा इन सब से दूर जाने का मन कर रहा है। मुझे एक जगह पता है, तुम्हें काफी पसंद आएगा।
कोमल: अच्छा.., ऐसी बात है..! तो चलो फिर..।

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Scene 2:-
कोमल और शम्पा पहाड़ी की चोटी पर बैठी हुई है और राजेश पीछे एक बड़े से पत्थर पे लेट गया।

राजेश: जब वापस जाने लगो तो उठा देना।
कोमल: तुम यहाँ हमलोग के साथ आया ही क्यूँ। वहीं घर में ही रुकता, अगर तुमको सोना ही था तो...
राजेश: तुम दो अकेली लड़कियों का defence करने के लिए तो कोई होना चाहिए था ना... पर यहाँ इतना अच्छा ठंढा- ठंढा हवा चल रहा है कि नींद आ रहा है।
शम्पा: ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।। गाँव में मेरा नाम लेकर देखना, पता चल जाएगा।
कोमल: सबको धमका के रखी हो ?
शम्पा: नहीं। प्यार करते हैं सभी।

शम्पा: तो.., Are you really single ?
कोमल: क्या मतलब ?
शम्पा पीछे राजेश की ओर इशारा की।
कोमल: अच्छा वो.., only just friend. Yes, I'm single, but with my choice.
शम्पा: "But with my choice" मतलब ?
कोमल: मेरे पास opportunities थीं, but फिर भी मैं single हूँ ?
शम्पा:क्यूँ ?
कोमल: क्यूँ, होना जरूरी था ?
शम्पा: नहीं, मतलब कुछ तो reason होगा ना..। एकदम ही कहीं ध्यान ना देने का।
कोमल: तुम्हारा भाई।
शम्पा: सतीश ? कहो तो शादी रुकवा दूँ ? मैं रुकवा सकती हूँ।
कोमल: नहीं वैसे नहीं।
शम्पा: नहीं, वैसे नहीं का क्या मतलब ?
कोमल: तुम्हारे भाई के साथ रहते-रहते मुझे यह realise हुआ कि मुझे life में कुछ करना चाहिए, life को meaningful बनाना चाहिए। उसके बाद फिर कहीं दिमाग attract होने लगा है ही नहीं।
शम्पा: ये सतीश नहीं सुधरेगा..। हर किसी को अपने जैसा बनाने की कोशिश करता ही रहता है।
कोमल: तुम अपने बारे में कुछ बाताओं। सतीश कहता है कि तुम women empowerment का example set करोगी।
शम्पा: ऐसा कुछ नहीं है। वो बस meri bravery के कारण ऐसा बोला होगा। तुम्हें example देकर motivate करने के लिए।
कोमल: जितना मैं उसे जानती हूँ उसके according उसे लोगों की अच्छी परख है। वो गलत नही हो सकता। मतलब तुम बताना नहीं चाहती।
शम्पा: वो छोड़ो ना..। और क्या-क्या बताया मेरे बारे में ?
कोमल: यह सवाल तो मुझे तुमसे पूछना चाहिए। तुम तो अपने सतीश को मुझसे ज्यादा अच्छे से जानती हो। अंदाजा तो लगा ही सकती हो।
शम्पा: तो... तुम्हें कभी किसी से प्यार नहीं हुआ ? जो एक दम से ही with choice single हो..।
कोमल: यार तुम तो मेरे relationship status के ही पीछे पड़ गई। आखिर बात क्या है ?
शम्पा: नहीं, सतीश ने बताया था कि तुम्हारी अपने fiance के साथ जब breakup हुआ तो तुम emotionally disturbed थी। फिर कुछ ऐसा हुआ कि तुम उससे बात करना एकदम से बंद ही कर दी। फिर तुम राजेश के साथ ज्यादा time spend करने लगी और फिर बाद में सब normal हुआ, पर पहले वाली बात नही रहा। मैं यह जानना चाहती हूँ कि आखिर ऐसा क्या हुआ था..?
कोमल: तुम मेरे बारे में इतना क्यों जानना चाहती हो ?
शम्पा: जिससे उसकी शादी हो रही है वह मेरी friend है। मुझे यह समझना है कि आने वाले future में उसके life में कैसा role करना है।
कोमल: तो मेरे life को समझकर तुम्हें क्या मिलेगा ?
शम्पा: वह तुम्हारे बारे में काफ़ी बातें करता था। इसलिए..। तो आखिर क्या हुआ था ?
कोमल: तब तुम्हें शुरू से सब बताना होगा।
शम्पा: कोई बात नहीं। मुझे जानना है।

कोमल: दीदी की शादी set होते ही उनपर restrictions लगने शुरू हो गए- ये मत करो, वैसे मत करो, etc. मुझे ये सब देखकर शादी के नाम से ही घुटन महसूस होने लगा। ऊपर से मेरे मम्मी-पापा लगे हाँथ मेरी भी शादी के लिए रिश्ते देखने लगे। दीदी के शादी के बाद तो एकदम ऐसा लगता था कि रोज ही जंग लड़ना है मुझे, अपनी आजादी के लिए।
शम्पा: इन सब में सतीश का क्या role रहा ? हर इंसान को एक ऐसे इंसान की कमी खलती है जो उसे समझे, उसकी कद्र करे, उसे सुने, उसे अहमियत दे, उसकी परवाह करे। जब वह मिल जाता है तो वह उसके साथ एक अच्छी relationship stablish करने की कोशिश करता है। वह कोई भी relationship हो सकता है। वह friendship भी हो सकता है।
कोमल: जिस वक़्त मेरी जिंदगी मेरे लिए एक जंग की जैसी थी और मेरे घरवाले ही मेरे लिए दुश्मन, तब सतीश ने मुझे parents and child के relationship के बारे में मुझे समझाया। उसने मुझे बताया कि-
"जब बात matrimonial-love की होती है तो उस वक़्त साथ-साथ देखने वाला ख़्वाब किसी भी couples के लिए उनके बच्चे और उनकी परवरिश होती है। एक ऐसा ख़्वाब जिसे पूरा करने के लिए साथ-साथ कोशिश करते हैं। हमारी जरूरत की छोटी से छोटी चीज, हमारी ख्वाहिशों को हमारे माता-पिता पूरा करने की कोशिश करते हैं। वो हर वो चीज उन्हें देने की कोशिश करते हैं जिनकी उन्हें अपने बचपन मे चाहत थी और वो उन्हें नहीं मिला। वो अपने बच्चों की खुशियों को पूरा करके वो उन खुशियों में जीना चाहते हैं। साथ ही हमें भी वो इस लायक बनाने की कोशिश करते हैं। बेशक किसी का अच्छा सुनहरा भविष्य साथ-साथ बनाने से उनके बीच का love strong होता है। But हमें वो इस लायक़ बनाये या उनके कारण हमें इस काबिल बनने का मौका मिला, कि इन बातों को हम समझ भी पा रहे हैं। इसके लिए हमें हमेशा उनकी इज्जत और कद्र करनी चाहिए। वो जो भी करते हैं हमारे भले के बारे में ही सोंच कर करते हैं, उनका intention गलत नहीं होता। हाँ, हो सकता है कि generation gap के होने की वजह से वो आज के माहौल को समझ ना पाए, वो हमें ना समझ पाए, वो हमारी जरूरतों को समझ ना पाए और अपने समय को compare करके हमारे लिए कोई decision लेने की गलती करें। लेकिन इससे वो गलत नहीं हो जाते। हमें उन्हें समझने का मौका देना चाहिए, उन्हें समझाने की कोशिश करनी चाहिए। बजाय इसके की हम उनसे उम्मीदें करे और अगर वो हमारी उम्मीदों पर खरे ना उतर पाए तो हम अपने parents से ही नाराज हो जाए। हमें भी उन्हें  समझने की कोशिश करनी चाहिए।"

शम्पा: यह सुनकर तुमने क्या किया ?
कोमल: मैंने मान लिया कि मेरे parents मेरे भले के लिए ही ये सब कर रहे हैं। वैसे भी शादी तो कभी ना कभी करनी ही थी। तो एक मौका देकर देख लेते हैं, समझने का। Parents मुझे अगर जाएं, तो वो वैसा ही future मुझे देने की कोशिश करेंगे, जैसा मुझे पसंद है।
शम्पा: हर्ष तुम्हें पसंद कैसे आया ?
कोमल: तुम क्या कर रही हो ? मेरा interview ले रही हो ?
शम्पा: चाणक्य नीति- "अपने जीवन से सीखने के लिए उम्र कम पड़ जाएगी, इसलिए दूसरों के जीवन से भी अनुभव लेना चाहिए।" मैं तुम्हारे life से सीखने का कोशिश कर रही हूँ। तो, आगे क्या हुआ ?
कोमल: हर्ष एक अच्छा लड़का था। वह good looking, समझदार और caring भी था। वह मेरी बातों को समझता भी था और कद्र भी करता था। एक लड़की को इससे ज्यादा और क्या चाहिए..?
शम्पा: तो उससे रिश्ता टूटा क्यूँ ?
कोमल: उसके दिल में भी पहले से ही कोई और थी, तुम्हारे भाई की तरह। मगर उसकी वह past नहीं थी, बल्कि वह उसकी present और उसकी future desire भी थी। मुझे तो बस अपने parents का दिल रखने के लिए वह date कर रहा था। मुझसे कभी उसका emotional attachment था ही नहीं। बाकी मेरे साथ वह जो nice and kindly behave करता था, वह उसका nature था। उसमें बहकना मेरी गलती थी।
शम्पा: तो तुम्हें कैसा लगा ? जब यह पता चला।
कोमल: मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं कोई ख़्वाब देख रही हूँ। यह मेरे मन का वहम हैं। बस नींद टूटेगा और सब कुछ फिर से पहले के जैसा अच्छा होगा। मेरा मन इसको हकीक़त मानने को तैयार ही नहीं था।  After all, जो कुछ भी मेरे लिए था, जो मैंने महसूस किया, वह बिल्कुल new था। वह मेरा पहला प्यार था, इसलिए very special भी।
शम्पा: तो तुम अब भी उसको miss करती हो ?
कोमल: पूरी तरह से नहीं कह सकते। मेरे दिल को भी इस बात का अहसास है कि वो मेरे साथ होता और उसके दिल में कोई और, तो मुझे कभी यह लगता ही नहीं वो मेरे साथ है। बस एक गलतफहमी होता कि वो मेरा है। उसे पाने के बाद भी वह मेरा नहीं होता।
शम्पा: सतीश से झगड़ा क्यूँ हुआ था ?
कोमल: झगड़ा नहीं हुआ था। मैं बस disappointed थी, और गुस्सा भी।
शम्पा: क्यूँ ?
कोमल: हर्ष अब अपने parents को फँसाये रखने के लिए मुझसे date कर रहा था। मैं इस बात को accept नहीं करना चाहती थी और घर में किसी को बताना भी नहीं चाहती थी। अगर बताती भी तो क्या होता, again वो मेरे लिए रिश्ता ढूंढना शुरू कर देते और मैं उस वक़्त move on करने के लिए तैयार नहीं थी। सतीश first time मेरे साथ मेरे घर आया और सब कुछ बता दिया। उसने भी वही किया जो मेरे parents मेरे साथ कर रहे थे। बिना मुझे समझे, मुझे बताये, मेरे life का decisions वो ले रहे थे । सतीश भी वही किया। बिना मुझसे पूछे वही किया जो मैं नहीं चाहती थी।
शम्पा: फिर क्या हुआ ? राजेश से friendship कैसे हुई ? पहले तो तुम दोनों की आपस में नहीं बनती थी ।
कोमल: तुम्हें यह बात पता है ?
शम्पा: जो पता है वह सतीश के perspective से पता है। मैं तुमसे जानना चाहती हूँ, जो सच है।

कोमल: उस रात मैं बहुत रोई। उसके दूसरे दिन college भी नहीं गई। घर में भी मुझे मन नहीं लग रहा था। खुद को बिल्कुल अकेली महसूस कर रही थी और मुझे घर में घुटन महसूस ही रह था। तो मैं झील चली गई। वहाँ मुझे राजेश मिला। वो कभी-कभी वहाँ आ जाया करता था drink करने। मुझे देखा तो मेरे पास आकर मझे offer किया। मुझे भी मन किया कि मैं भी ले ही लूँ। उस दिन first time मैं drunk हुई। कुछ दिन और कि फिर मुझे अच्छा नहीं लगने लगा तो मैं drink करना छोड़ दी। लेकिन उस drinking partnership से हमारी आपस मे friendship हो गई और धीरे-धीरे मैं इससे भी शराब छुड़वा दी।
शम्पा: हर्ष के बाद क्या हुआ ? बाद में तुम्हारे लिए घरवाले रिश्ता लाना छोड़ दिये ?
कोमल: मेरी हालत देखकर वो समझ गए कि उन्हें मुझे थोड़ा वक्त देना चाहिए। और वह सतीश से already मिल चुके थे। उन्हें सतीश अच्छा लड़का लगा, साथ मे caring भी। तो उन्हें पता था कि मैं किसी गलत संगत में नहीं हूँ।
शम्पा: सतीश बोल रहा था कि तुम अपने birthday में एक social activist बनने का freedom माँगी ? बाद में ऐसा क्या हुआ जो तुम ऐसा decision ली ?
कोमल: धीरे-धीरे जब वक़्त बीता तो यह अहसास हुआ कि सतीश ने जो किया वो एक तरह से सही ही था। मेरी family के साथ मेरी understanding बनने लगी। रिश्ते सुधर गए और मेरी family को भी सतीश पसंद था। तो मेरे birthday के दिन मेरे parents सतीश को मेरे life में as a gift देना चाहते थे। लेकिन उन्हें क्या मन किया कि पहले सतीश से इस बारे में बात करना उन्होंने सही समझा। जब सतीश अपना career, अपना goal के बारे में उन्हें बताया, अपना ambitiousness nature उनके सामने show किया, तो वो इससे impressed और हुए। साथ ही वह confused भी हो गए कि कहीं उनका decision सतीश के ambition की रुकावट ना बने। पापा और वो जब बात कर रहे थें तब मैं उनके पीछे थी, और मैं सब सुन भी ली थी। इस वक़्त तक मैं भी अपने parents को थोड़ा-थोड़ा समझने लगी थी। तो मुझे उस वक़्त जो सही लगा, मैंने अपना एक goal choose किया और उनसे पहले मैं ही उसे सबके सामने बोल दी। मेरा birthday था तो वह यूँ ही मना नहीं कर सकते थे। इसलिए वो मान भी गए।
शम्पा: सतीश के पास मौका था। तो फिर वो ऐसा क्यों किया। तुम समझदार थी। तुममें काबिलियत भी थी। तुमलोग साथ-साथ पढ़ते, साथ-साथ struggle करते, साथ-साथ career बनाते और साथ-साथ अपने life में कुछ achive भी करते। तुमलोग एक साथ एक दूसरे को support करते हुए साथ-साथ एक दूसरे को कुछ बनते हुए देखते और खुद भी बनते।
कोमल: शायद इसलिए सतीश शादी कर रहा है। क्या पता उसे कोई ऐसी मिल गई हो जिसके साथ वह एक साथ अपने life में कुछ करने और बनने के लिए struggle करे..?
शम्पा: क्या पता...! अच्छा... हाँ... तो ये बात है। मैंने तो इसपर ध्यान ही नहीं दिया। वह कभी मुझे कोई बात पहले नहीं बताता। सब बीतने के बाद हमेशा बताता है। तुम सही सोंच रही हो, यह हो सकता है...
कोमल: शायद..!

शम्पा: तो आगे क्या हुआ ?
कोमल: आगे ? सब अच्छा ही हुआ।
शम्पा: क्या मतलब ?
कोमल: उसके सुबह जब पापा बरामदें में बैठकर paper पढ़ रहे थे। रात में बारिश हुई थी और सुबह हवा में बहुत नमीं थी। सब गीला-गीला था। मगर गीली मिट्टी की महक, तितलियों और भौरों का फूलों के ऊपर मँडराना, सबकुछ साफ-साफ और colourful दिखना, बहुत ही खूबसूरत था।
शम्पा: 1min, क्या तुम radio jockey हो जो हर दोपहर कहानियाँ सुनाती हो ? क्या मैं इसका मतलब यह समझूँ कि तुम्हारा जो past था, वह तुम्हारे life को खूबसूरत बना दिया ?
कोमल: मैं पापा के लिए चाय लेकर गई। तब उन्होंने मुझे अपने पास बैठने को कहा और मुझसे कहा-
"हर कोई 'I' का मतलब सिर्फ 'मैं' समझता है। लेकिन 'I' का मतलब सिर्फ मैं नहीं होता। 'I/मैं' सिर्फ उसे represent नहीं करता। 'I/मैं' उसके अलावा उनके parents की परवरिश, भाई-बहन और दोस्तों का प्यार, बड़ो की समझ और उनके guidance, teachers के ज्ञान, समाज की उनसे उम्मीदें, इन सभी को represent करता है। Life में कुछ बनने का मतलब सबको गौरवांवित करना होता है। अगर कुछ mistakes होतें है और खुद के ऊपर कीचड़ उछलता है, तो सबके ऊपर दाग पड़ते हैं। मुझे फक्र है कि तुम life में कुछ करना चाहती हो, कुछ बनना चाहती हो। जिससे आज जिस तरह मैं तुम्हारे decision के कारण तुमपर proud feel करता हूँ, एक दिन सभी को तुमपर गर्व होगा।"
उनकी बातें सुनकर मैं motivate हुई और फिर अपने career को ही अपने life का goal मान ली। फिर उसके बाद प्यार-मोहब्बत के लिए वक़्त देना मुझे time wasting लगने लगा और मैं खुद को मोह-माया के चक्कर से दूर रखने लगी।
शम्पा: जैसा कि कई parents मानते हैं और बोलते हैं कि शादी के बाद भी अगर ससुरालवालें भले और समझदार लोग होतें हैं तो पढ़ने का और life में कुछ बनने का मौका देते ही हैं। तुम्हारी family को ऐसा नहीं लगा कि तुम्हारे लिए ऐसा कोई रिश्ता ढूंढे जो तुमको ये सब करने का मौका दें ?
कोमल: मेरी बात सुनकर कुछ लोग मेरी माँ को यह बोल कर बहकाएँ। मगर मेरे पापा Philosophy के teacher हैं। वह यह बात समझते हैं और माँ को भी समझाये कि-
"रिश्ता सिर्फ दो लोगों का नहीं होता। बल्कि पूरी family, पूरी community, पूरा relations, सभी इसमें involve रहते हैं। किसी भी रिश्ते से पहले सिर्फ अपनी family, अपने रिश्ते, अपने friends को ही देखना होता है। जिनके बारे में पहले से पता होता है और यह भी कि किससे कैसे deal करना है। मगर एक बार रिश्ता बन जाये तो वह, उसकी family, उसके रिश्ते, उसके friends, सभी life का part बन जाते हैं। किनके साथ कैसे पेश आना है, उनका nature क्या है, क्या सही है और क्या जरूरी, उनकी duties and responsibilities क्या है, इन सभी को समझने में वक़्त लगता है और यह वक़्त देना होता है। Family अपने बहु की कद्र करके भले ही उसे अपने मन की करने दे दे। लेकिन अपने duties and responsibilities से जितना और जब तक यह दूर रहेगी, इस रिश्ते से जुड़े लोगों को disappoint करते चली जाएगी। फिर इसका married life peaceful and happy नहीं रहेगा। सबसे बड़ी बात, इन रिश्तों में उलझकर वह ना तो खुद को सही से time दे पाएगी और ना ही, अपने career को।"
शम्पा: क्यूँ नहीं दे पाएगी ? अगर लड़के में understanding हो, वह caring हो, वह अगर बाकी रिश्तों को संभाल लें। अगर वह अपनी wife को support करे, तो लड़की खुद को और अपने career को क्यूँ time नहीं दे सकती...
कोमल: पहली बात तो यह कि relationship में लोग cycle के दो पहिएँ की तरह होते हैं। Two wheels of bicycle. दो पहिएँ- जो समान रूप से बराबर हो और रिश्ते की बोझ इसमें ऐसे रखा जाता है जिससे दोनों पर भार समान रूप से बराबर पड़े। अगर ऐसा नहीं हुआ तो क्या होता है, तुम समझती ही होगी।
शम्पा: और दूसरा..?
कोमल: दूसरा यह कि बचपन से जो कुछ भी किये, पापा के support से किये। अपने ख़्वाब उनके पैसों से पूरे किए, जो भी जरूरत पड़ता था उसे वह पूरा कर देते थे। बड़ा हुए तो भैया और दीदी का back support रहा। Life में कुछ भी करने से पहले यह surety रहता था कि अगर कुछ mistake हुआ तो वो उन्हें सुधार देंगे, उनका guidance and experience से कुछ भी आसानी से हो जाता है, या कोई परेशानी होती थी तो वह solve कर देते थे। जब उनका साथ छूटा, तब इस adventurous life का मजा लेना मैंने सीखा, अपने दोस्तों के साथ। इस unpredictable life के uncertainty के बाद भी risk लेना, struggle करना, mistakes करना, फिर उसे समझकर सुधारना और फिर success achieve करना। इस जिंदगी जीना तब शुरू किए जब बड़ो की उंगली पकड़कर चलना छोड़कर दोस्तों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना मैंने सीखा, खेलाना मैंने सीखा। अब फिर से किसी से किसी का हाँथ थाम कर, किसी का सहारा लेकर, डर-डर कर उसके पीछे छिपकर; उसकी नजरों के सामने रहने और ऐसा कुछ ना करने जो उसे पसंद ना हो, की limitations में रहकर; मुझे अपनी जिंदगी नहीं जीना है। खासकर अपने career, अपने dreams, अपने ambitions को पूरा करने से पहले तो बिल्कुल भी नहीं। मुझे अपनी आज़ादी बहुत प्यारी है।
शम्पा: सही है। यह काम की चीज है जो मेरे life में काम देगी। Thanks..!

कोमल: तब से तुम मुझसे मेरे life के बारे में बहुत सवाल कर रही हो। तुम बाताओं, तुम क्या करती हो ?
शम्पा: मैं..? मैं बस एक school teacher हूँ फिलहाल..।
कोमल: फिलहाल..?
शम्पा: वैसे तुम अपना ambition नहीं बताई...
कोमल: मुझे life में इस काबिल बनना है कि मेरी शादी सारे ख़र्चे मैं खुद उठाऊँ। हमारे parents हमारे लिए बहुत कुछ करते हैं। लड़को को whole life मिलता है अपने parents के लिए कुछ करने के लिए। मैं जो करना चाहती हूँ वो अपनी independency के साथ अपने दम पर करना चाहती हूँ। यह एक ऐसा moment होगा जब मेरे सारे अपने मेरे oppose में होंगे। पापा चाहेंगे कि शादी grand हो; responsibilities भैया, भाभी, दीदी और जीजाजी देखना चाहेंगे; सभी मेरे लिए कुछ करना चाहेंगे, but मैं उनके लिए करूँगी। बाकी हर किसी से different, new and unique idea के साथ। जब कोई लड़का खुद को साबित करता है कि वह किसी के काबिल है, तब कोई बाप अपनी बेटी या भाई अपनी बहन का हाँथ किसी के हाँथ में सौंपता है। ठीक उसी तरह जब सभी मेरे मुझे oppose करेंगे, मैं उनके oppose में जाकर, उनके support के बिना, उन सारी responsibilities and duties को उठाऊँगी जो एक शादी में होते हैं और खुद को उस relationship के काबिल साबित करूँगी, जो मुझे मिल रहा होगा। वो भी independently. जब मेरा ख़्वाब ही शादी से पहले कुछ करने का है, तो उसे मैं शादी के बाद कैसे पूरा कर सकती हूँ..!
शम्पा:(in mind) तो सतीश की motivation यहाँ से है..। (कोमल से) और लड़का जो तुमसे expectations करेंगा, dowry वगैरह वो..?
कोमल: वैसा लड़का मुझे कभी deserve नहीं कर सकता। मैं पागल थोड़ी हूँ जो उसके साथ अपना जिंदगी खराब करने जाऊँगी।
शम्पा: तो इसलिए तुम single हो। कि गलत लड़के के चक्कर मे पड़ने से अच्छा है single रहना।
Komal: You're correct. Yes, I'm single, but with my choice, for this reason.

Phone ringing...📲
शम्पा: तुम्हारा phone बज रहा है।
कोमल: आवाज पीछे से आ रहा है।
They turned around...
राजेश: हाँ, ठीक है। आ रहा हूँ।
शम्पा: तुम सच में सो गया था ?
राजेश: हाँ, हवा इतना आरामदायक बह ही रहा था कि आँख लग ही गई।
कोमल: किसका call था ?
राजेश: बारात निकलने को time होने को है। सभी ढूंढ रहे हैं हमें।

They came back.

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Scene 3:-
सतीश के रूम में।

शम्पा: वाह सतीश, एकदम देवमानुष लग रहे हो..।
सतीश: धन्यवाद..।
शम्पा: ठीक है, तुम सब चलो। मैं सतीश को लेकर आती हूँ।
रवि कुछ बोलने ही वाला था कि शम्पा बीच में रोक दी।
शम्पा: मुझे इससे अकेले में बात करनी है।
सभी निकल गए।
सतीश: बोलो, इतनी क्या emergency है ?
शम्पा: कोमल वैसी लड़की है जैसा तुम चाहता था। उसकी सोंच, ख़्याल, सपने, सब तुम्हारे जैसी है। फिर तुमने उसे क्यूँ नहीं चुना ? तुम और क्या चाहता था ?
सतीश: इससे क्या फर्क पड़ता है कि मैं क्या चाहता था ? इससे ज्यादा जरूरी यह था कि वह क्या चाहती थी। क्या वह मुझे कभी पसंद करती थी, चाहती थी ? क्या उसके दिन में मेरे लिए feelings थें ? अगर थें तो क्या उसे इस बात का अहसास था ? अगर अहसास भी था तो क्या उसने कभी इस बात को accept किया ? उसके दिल में क्या था, वह मुझे यह कभी नहीं बताई। मैं बस इतना समझता हूं कि, वह बस मुझे एक अच्छा दोस्त समझती है। बाकी love and feelings.., उसने ऐसा कुछ मुझसे कभी नहीं कहा।
शम्पा: और तुमने ? तुमने कभी कुछ कहा कि उसके लिए तुम्हारे दिल में क्या था..?
सतीश शम्पा की दाईं हथेली को अपनी बाई हथेली से पकड़ा, left turn किया, उसके कमर पर दाईं हथेली को रखा और बाहर की ओर साथ ले जाते हुए बोला- "नहीं । मैंने उसे बस एक अच्छे दोस्त की नजरिये से देखा। उससे ज्यादा कभी नहीं।"

••••• one's end is another's beginning •••••

This was split story series of "हमदर्द सा कोई".

Notes:-
• लड़कियाँ अपने दिल की बात कभी किसी से share नहीं करती। यह कहानी काल्पनिक है। इस कहानी के किसी भी character का compare किसी real person से ना करें, writer यानी कि मुझसे तो बिल्कुल भी नहीं।
• यह सभी मेरा imagination है। इसका relation ना तो मेरे life से है और ना ही किसी और के life से। अगर यह story किसी के life से co-related लगे तो यह महज इत्तेफ़ाक माना जायेगा।
• अगर आपके दिल में किसी के लिए कोई feelings हो तो उसे यह बात पता होनी चाहिए। इससे पहले कि समय हाँथ से निकल जाए और आप चूक जाओ।
• लोग जो सोंचते हैं, जो बोलते हैं, और जो करते हैं; इसमें difference होता है। इसलिए लोगों की बातों पर नहीं, बल्कि उनके character पर भरोसा करना सीखिए।
• अगर खुद को manipulate होने से बचाना हो तो ambitious बनो।
• अगर इसमें आपको और कोई point मिलते हैं जिसे आपको लगता है कि यहाँ mentioned होना चाहिए, तो आप मुझे suggest कर सकते हो।

And at last, इस line को आप पढ़ रहे हो मतलब आपने मेरी मेहनत को अपने patience के साथ पढ़ा। आप मेरी मेहनत की कद्र करते हो, और यूँ ही मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हो, इसलिए मैं आपसे कहना चाहूँगा कि-
Thanks...! And, I love you.

-AnAlone Krishna.
Published on 24th September, 2020 A.D.


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