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"Life की परछाई: Chapter 4Chapter 5Chapter 6Chapter 7 • Chapter 8 • Chapter 9" has published on 8th August, 2025. अगर आपको online reading में असुविधा होती है, और आप इसे printed form में पढ़ना चाहते हो, तो post के bottom में दिए 'Download and Print' button को click करके आप उसका printout करवा लेना। जिसमें 'Download and Print' button नहीं है उसके लिए आप 'Google form' को भरकर मुझे send कर दो, मैं आपको pdf भेज दूंगा। इसके अलावा सबसे अंत में UPI QR code भी लगा हुआ है, अगर आप मेरे काम को अपने इक्षा के अनुरूप राशि भेंट करके सराहना चाहते हो तो, आप उसे scan करके मुझे राशि भेंट कर सकते हो। जो आप वस्तु भेंट करोगे, वो शायद रखा रह जाए, परंतु राशि को मैं अपने जरूरत के अनुसार खर्च कर सकता हूँ। ध्यानवाद !
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Should it be called a proposal ? | bilingual story by AnAlone Krishna

हमदर्द सा कोई | Is it a proposal ?

Chapter 1:-

Should it be called a proposal ?

(इस bilingual story में आप पढ़ोगे कि कैसे एक लड़की जिसे पसंद करती है उसके घर में बात करने के लिए अपने घरवालों को मनाती है।)

By AnAlone Krishna.

This story continue after "Yes, I'm single, with my choice."


Chapter 1 |Chapter 2 | Chapter 3

Should it be called a proposal ?


मेहक दोपहर को अपनी सहेली शम्पा के घर से पिछली रात को हुए उसके uncle के reception party को attend करके आई। Harassment ज्यादा था तो वह खाना खाकर सो गई और शाम को उठी। उठने के बाद खाना बनाने में अपनी माँ की मदद की फिर सभी खाना खाने के लिए साथ बैठे। मेहक का ध्यान खाने पे ना देखकर उसके father, उदयशंकर उससे पूछे कि "Is everything all right ?" जिसपर मेहक जवाब दी, "yes पापा।" इसके बाद उसकी माँ, अभिलाषा पूछी, "फिर तुम्हारा ध्यान खाने में क्यूँ नहीं है ?" जिसपर उसका भाई, Rony(रॉनी) बीच में बोला, "एक ambitious लड़की शादी का reception attend करके आई है। अपने आज़ादी को limitations में बाँधने वाली चीज को देखकर.., दिमाग घूम रहा होगा कि क्यूँ लोग खुद को limitations में बाँधते हैं।" तब मेहक अपने भाई का बात काटी, "It is their choice, कि उन्हें अपनी life कैसे जीना है। Why shall I worry for this ? After all they chosen it for live. This is their life, not mine."
 
खाना खाने के बाद मेहक कुछ देर study table पर बैठी, पर उसका मन नहीं लग रहा था। इसलिए वह वहाँ से उठकर bed पर सोने चली गई, but उसे नींद भी नहीं आ रही थी। उसके दिमाग मे सतीश, जो कि शम्पा का cousins है, उसकी बातें घूम रही है- "यह कोहरे में धुंध के बीच बैठ कर किसी का इंतजार करने का जैसा है। हर कोई जब आता है तो ऐसा लगता है कि वही है। लेकिन जब करीब आता है तो मन उदास हो जाता है यह जान कर कि वह नहीं है। जब कोई सामने आये और जब चेहरा साफ होने के बाद पता चले कि जिसका इंतजार था, वहीं है, तब..." वह करवट ली तो सतीश की दूसरी बात दिमाग को परेशान करने लगी- "किसी भी लड़के को अपने माता-पिता के लिए अपनी इक्षा से कुछ करने के लिए पूरी जिंदगी मिलती है। मगर लड़की को अपनी पूरी उम्र अपने father, brother, और husband के under रहकर, सोंचकर, और पूछ कर कोई भी decision लेना पड़ता है और कुछ भी करना पड़ता है। वह independently अपनी इक्षा से कोई भी decision नही लेती और कोई काम नहीं करती।"
 
वह सोंचते-सोंचते सो गई। सुबह थोड़ा late से उठी। फिर जल्दी से brush करके बिना नहाए ही नाश्ता करने सभी के साथ बैठ गई।
मेहक excited होकर बोली कि, "मुझे एक लड़का पसंद है।"
सभी उसको एक नजर देखे और अपना breakfast continue करके उसे ignore कर दिए।
खुद को ignore होते देख मेहक फिर बोली, "मैंने कहा कि मुझे कोई लड़का पसंद है।"
इसपर अभिलाषा बोली, "हाँ, समझ गए। तुम्हारा और एक नया पागलपन।"
यह सुनकर मेहक रीझ गई और बोली, "आपलोग मुझे seriously क्यूँ नहीं ले रहे हो..? क्या लगता है, मैं मजाक कर रही हूँ क्या ?"
तब रॉनी बोला, "पापा मैं कैसे confirm करूँ कि यह सपना है या हकीकत ? सुबह से मम्मी मुझे कुछ सुनाई नहीं। आप भी ताने नहीं मार रहे। और सबसे हैरानी की बात यह कि मेरी यह बहन, जो वो क्या नाम था उस poet का..? हाँ, AnAlone Krishna, उसकी वह poem 'पिता के नाम पत्र' को उस दिन उतना मस्ख़ा लगाकर सुनाकर आपसे permission माँग रही थी कि इसे अपनी शादी के खर्चे खुद से उठानी है इसलिए इसे उस लायक बनने दो। आज बोल रही है कि इसे शादी करनी है।"
मेहक डाँटते हुए बोली, "मैंने कब कहा कि मुझे शादी करनी है ? मैंने तो बस इतना कहा है कि मुझे कोई पसंद आ गया।"
इसपर उदयशंकर भारी आवाज में बोले, "तुम्हें नहीं लगता कि बच्चों और parents के बीच अगर ऐसी बातें होतीं है तो situation थोड़ा awkward लगता है ?"
इसपर मेहक मजाकिया अंदाज में बोलती है, "हाँ, होता होगा। But आप वैसे arrogant and orthodox mentality रखने वाले father थोड़ी ना हो। आप तो मेरे sweet, loving, caring, and friendly पापा हो।"
Rony सिर झुकाकर दबे मुँह बोला, "लो, मस्ख़ा लगाना फिर से शुरू..."
अभिलाषा डाँटी, "सब आप ही का किया धरा है उदय। आप ही इसको इतना सिर पे चढ़ा कर रखे हो कि सारा संस्कार ही भूल गई है।"
यह सुनकर मेहक गुस्से में बोली, "अगर अपने दिल की ख़्वाहिश अपने parents के सामने बोलना संस्कारहीनता है, तो वो क्या है जो बाकी लड़कियां अपनी feelings को अपने घरवालों से छिपाती है और उनके पीठ पीछे उल्टे-सीधे काम करती है ? मेरे character पर कुछ बोलने से पहले यह बात समझ लीजिएगा कि आप ही के परवरिश पर सवाल उठेगा।"
अभिलाषा भी आगे ताव में बोलती है, "वो तो उठ ही रहा है। मोहल्ले की औरतें..."
कि बीच में रॉनी मन में बोला, "लो, हो गया फिर इनका शुरू।" वह बात काट दिया और बोला, "मेरा हो गया, अब मैं जा रहा हूँ।"
अभिलाषा पूछी, "आज तो holiday है। Office तो बंद होगा, कहाँ जा रहे हो ?"
मेहक बोली, "जाने दीजिए मम्मी। इतना आप अगर भैया को अपने आँचल में बांध कर रखियेगा तो यह 30 साल का बुड्ढा किसी का पल्लू कैसे थामेगा। बेचारा कुँवारे ही मर जायेगा।"
जिसपर Rony भड़क गया और अपना हाँथ खींचते हुए बोला, "तू ना थोड़ा कम बोला कर, नहीं तो झापड़ खाएगी किसी दिन तू मेरे से।"
उदय रॉनी को डाँटते हैं, "ऐसे बात किया जाता है अपनी बहन से..?"
Rony भी ताव में बोला, "तो आप ही बता दीजिए कि कैसे बात किया जाता है ऐसी बिगड़ी हुई बहन से..।"
मेहक मुस्कुराते हुए बोली, "रहने दीजिए पापा। यही तो प्यार है हम दोनों भाई-बहन का। वैसे भी भैया फट्टू है, सिर्फ भौंकेगे कभी काटेंगे नहीं।"
रॉनी इसका जवाब देता है, "हाँ, हाँ। तुझे काटने से जो उल्टा कुत्तों को ही rabies हो जाती है ना..।"
मेहक excited होकर बोलती है, "मतलब आप मानते हो कि आप कुत्ते हो..?"
अभिलाषा मेहक को एक झाप देती है और बोलती है, "खाली बद्तमीजी करते रहती है। यह भी नहीं देखती कि भैया तुमसे कितना बड़ा है।"
रॉनी बोलता है, "मेरा late हो रहा है। मैं जा रहा हूँ।" और रॉनी चला जाता है।
मेहक हल्के आँसू भरे आँखें और अपनी होंठो में मुस्कुराहट के साथ अपनी लाल गाल को मसलने लगती है। अभिलाषा भी बचा हुआ खाना लेकर अंदर चली जाती है।
उदय झुककर मेहक से धीरे से बोलते हैं, "तुम इतनी शैतानी करती क्यूँ हो ?"
मेहक जवाब देती है कि, "मजा आता है। वैसे भी जब मैं यहाँ से चली जाऊँगी तब यही सब लम्हें तो मेरे पास यादें बनकर रहेंगी। सभी का आपस में एक-दूसरे के लिए ये जो प्यार है। इसलिए चाहतीं हूँ कि कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा लम्हें अपनी यादों में समेट लूँ।"
उड़द बोलते हैं, "जाओ जाके अभीषा की kitchen साफ करने में उसकी मदद करो।"
मेहक अपने father के द्वारा दिये इशारे को समझ जाती है और अपनी माँ की मदद करने चली जाती है।
 
अभिलाषा plates धो रही थी, कि उसके पास मेहक जाकर shelf में बैठ गई। अभिलाषा मेहक के गाल पर अपना हाँथ फेरते हुए बोलती है, "तुम इतनी शैतानी करती क्यूँ हो..? हमें परेशान करके तुम्हें अच्छा लगता है ?"
जिसपर मेहक अपनी नजरें थोड़ी देर झुका लेती है, फिर बोलती है, "मम्मी मुझे एक लड़का अच्छा लगता है। मतलब अच्छा लगा।"
अभिलाषा उसको समझाने की कोशिश की, "देखो, कोई तुम्हें पसंद आया यह उसकी personality का तुमपर impression है। इस उम्र में यह सब होना आम बात है। ज्यादा सोंचो मत। आज यह अच्छा लग रहा है, कल कोई और अच्छा लगने लगेगा।" वह plates को जगह पर रखती है और एक में अपने लिए खाना निकालने लगती है।
मेहक बोली, "इतने बड़े देश में इतने लोगों के बीच अगर चंद लोग ही अच्छे लगते हैं। उनमें से भी अगर वही इतना अच्छा लगा कि मैं आपलोग को बता रही हूँ, तो इसकी कोई वजह होगी ना..।"
अभिलाषा plate लेकर hall की तरफ जाते हुए समझाती है, "ऐसा लगता है। सबको शुरुआत में बस ऐसा ही लगता है। लेकिन जैसे-जैसे time आगे बढ़ेगा, उसके बाद या उसके होते हुए ही कोई और पसंद आने लगेगा तब तुम यह पाओगी कि यह अहसास तुम्हें बार-बार, और हर बार यही अहसास हो रहा है। इसलिए तुम अपने दिमाग को भटकने मत दो। जो अपने life में करना चाहती हो, अपने उस ambition पर ध्यान दो। जब मैं तुम्हारे उम्र की थी उस वक़्त मैं तुम्हारे जितना समझदार और ambitious नहीं थी। ना उस वक़्त मुझे वैसा background मिला और ना ही मुझे इस तरह support मिलता। इसलिए तुम्हारे पास यह जो मौका है, उसे waste मत करो।" T.V. के सामने sofe पे बैठे उदय से remote लेकर सामने के table पर plate रखकर बोली, "अगर ऐसी philosophical बातें detail में समझनी हो तो अपने पापा से पूछो, वो तो इन सब में expert हैं।"
उदय मज़ाकिया अंदाज में बोले, "क्या है जो तुम समझा नहीं पा रही हो ?"
अभिलाषा बोली, "कि आप इस तरह मुझे चने के झाड़ में चढ़ाने की कोशिश करते हो, मुझे अच्छा नहीं लगता है।"
मेहक पूछती है, "पापा, कोई भी इंसान किसी को पसंद या नापसंद क्यूँ करता है ?"
उदय पूछते हैं, "तो तुम यह मुझसे समझना चाहती हो ?"
मेहक बोलती है, "मेरे पास फिलहाल और कोई option ही नहीं है।"
तब उदय जवाब देते हैं, "देखो; हम जब बड़े होते हैं, तो जैसी हमारे DNA के गुण होते हैं, जैसी हमारी परवरिश होती है, जैसे हमारे बीच लोग हमें face करने को मिलते हैं, जैसा हम knowledge and experience gain करते हैं, जैसी हमारी समझ develop होती है; उसके according किसी person के characters में हमारी likeness and disslikeness choose करने की habit बनती है। तो जब वैसे characteristics जो हमें अच्छे लगते हैं, वो किसी person में हम seen करते हैं, तो वह person हमें अच्छा लगता है और हमारा दिल उनके करीब जाने को करता है। फिर वही जब वैसे characteristics जो हमें अच्छे नहीं लगते हैं, उनके करीब जाने पर उन persons में show होना शुरू हो जाते हैं, तो फिर वह हमें अच्छा नहीं लगने लगता है और हमारा दिल उनसे distance बनाना शुरू कर देता है।"
मेहक पूछती है, "तो क्या प्यार-मोहब्बत, feelings सब बस कहने की बातें है? यह सब फालतू चीज है ?"
उदय जवाब देते हैं, "नहीं, बिल्कुल नहीं।"
मेहक बोलती है, "अभी जो आपने कहा, उसका मतलब तो यही हुआ ना कि पहले लोग हमारे दिल को भाएँगे, दिल के करीब आएँगे, और एक समय के बाद वो हमारे दिल से उतरने लगेंगे।"
उदय समझाते हैं, "तुम जो बोल रही हो वह आकर्षण होता हैं। इसलिए एक time period के बाद यह खत्म होने लगता है। लेकिन जो प्यार होता है, उसमें stability होती है। वक़्त के साथ इसका असर कम नहीं होता बल्कि यह और गहरा होता जाता है।"
मेहक पूछती है, "अच्छा मुझे कैसे पता चलेगा कि यह जो मुझे हो रहा है वह प्यार है या महज आकर्षण ?"
अभिलाषा बोलती है, "इस उम्र में जो भी होता है, वह आकर्षण ही होता है। यह प्यार है, ऐसा बस लगता है। लेकिन ऐसा होता नहीं है।"
मेहक पूछती है, "अच्छा मम्मी, आपको कैसे पता चला कि आपको पापा से प्यार ही है, ना कि कोई attraction ?"
अभिलाषा जवाब दी, "बस ऐसा लगा। बाकी जो dough था, family देख-परख कर हमारे life का फैसला किए। जो कि देखो, वो सही ही किए।"
मेहक पूछती है, "और अगर उनका decision गलत निकलता, आपको बाद में यह अहसास होता कि आपके दिल में जो है वह प्यार नहीं बल्कि attraction था तो..?"
अभिलाषा जवाब दी, "तुम्हारे नाना यह समझ लिए थे कि उदय एक अच्छे इंसान हैं। ये loving and caring person हैं। वो तभी हमारी शादी करवाये ना..।"
मेहक arrogantly बोली, "मैं पापा की बात नहीं कर रही हूँ। मैं आपसे पूछ रही हूँ। कि आपके दिल में जो पापा को लेकर feelings थीं उस वक़्त, वो अगर वक़्त के साथ खत्म होने लगता तो..?"
अभिलाषा पूछी, "तो तुम्हें लगता है कि हम तुम्हारे life का फैसला सही नहीं लेंगे ? तुम्हारा हाँथ ऐसे ही किसी के भी हाँथ में दे देंगे ?"
मेहक जवाब देती है, "नहीं। मैं बस यह नहीं चाहती कि जब मैं किसी के साथ अगर कभी relationship में आऊँ तो उससे मुझे प्यार ना हो। फिर बाद में वह attraction दिल से उतरने लगे और शादीशुदा होते हुए भी मेरा मन कहीं और भटके, या दिल में कोई feelings ना होते हुए भी बस इसलिए जिंदगी भर उस रिश्ते को निभाने की मैं कोशिश करूँ क्योंकि यह समाज हमें ऐसा करने को सिखाता है या फिर बच्चों की वजह से।"
उदय बोलते हैं, "मुझे तुमपर भरोसा है, कि तुम ऐसा कुछ नहीं करोगी। कि तुम अपने हर रिश्तें को लेकर loyal रहोगी।"
मेहक उदास होते हुए बोलती है, "पापा, हमारे साथ एक दीदी volunteer करती है। वह married है। उनको देखकर ऐसा लगता नहीं है कि उनका marriage relationship happy है। वह जब भी जरा सा भी अकेली होती है तो वह उदास हो जाती है। वह कभी अपने husband से नहीं पूछती कि वह कहाँ है या कैसा है, और ना ही वह इससे पूछता है। हाँ, जब भी वह call करता है, हमेशा बच्चों और family को लेकर इनके carelessly को लेकर इनको डाँटने लगता है। वह बोलती है कि उन्हें volunteer करना अच्छा लगता है क्यूँकि वह रिश्ता होने की वजह से तो सब निभा रही है लेकिन वहाँ वह खुल कर कभी हँस भी नहीं पाती। जब वह हमारे साथ volunteer करती है तो उन्हें यह करना अच्छा लगता है, इसलिए वह यह दिल से करती है। हमारी तरह वह अपने interest से इसे choose करके नहीं की है, बल्कि ये सब करने से उनका मन हल्का होता है इसलिए वह ये सब करती है।"
उदय पूछते हैं, "तो क्या तुम्हें यह डर लग रहा है कि कहीं तुम्हारा life भी उनके जैसा ना हो जाए ?"
अभिलाषा समझाती है, "देखो कभी खुद को दूसरों के life से compare मत करो। वह तुम्हारा life नहीं है।"
यह सुनकर मेहक उदास होकर अपना सिर झुका ली। तब उदय पूछे, "अच्छा तुम क्या चाहती हो ?"
मेहक मुँह फुलाकर ही बोली, "I liked somebody."
उदय फिर पूछे, "तो, क्या उससे तुम्हारी शादी करवा दूँ ?"
तभी रॉनी वापस आग गया और शादी की बात सुनकर बोला, "शादी..! बेहया, तुम्हें मुझसे पहले शादी करनी है ? कम से कम मेरा होने तक तो रुक जाती। आखिर मैं तुमसे बड़ा हूँ।"
मेहक चिढ़ते हुए बोली, "हाँ..। आप उस लड़की के चक्कर में अपना बाल पका रहे हो जो career का बहाना बनाके आपको भाव नहीं दे रही। क्या चाहते हो, कि आपके शादी होने के इंताजर में मैं भी बूढ़ी हो जाऊँ ?"
अभिलाषा फिर एक थाप मारती है मेहक के कंधों पे और बोलती है, "बेशर्म, एकदम समझदारी नहीं है कि कहाँ क्या बोलना है और शादी करेगी।"
मेहक पीठ सहलाते हुए बोलती है, "मुझे शादी नहीं करनी है। मुझे तो अभी अपना career बनाना है।"
अभिलाषा डाँटती है, "तो सुबह से हमें पगला क्यूँ रही थी ?"
Rony बोलता है, "तू पहले decide कर ले, कि तुम्हें करना क्या है। और मम्मी, अगर यह शादी करना चाहती है तो इसका करवा ही दो, झंझट छूटेगा हमारा।" और वहाँ से अपने कमरे में चला जाता है। उसके पीछे मेहक भी जाती है।
 
मेहक रॉनी के कमरे में गई। वह अपने study table के सामने खड़े होकर कुछ कर रहा था। मेहक पूछी, "तो आज क्या लिखा ?"
Rony पीछे मुड़ा और पूछा, "आज..?"
मेहक बोली, "हाँ आज ।" Rony को पन्ने पीछे पलटते देख उससे उसकी diary छीनते हुए बोली, "छोड़िए, मैं खुद देख लेती हूँ।" और उससे छीन कर पढ़ती है जिसपर लिखा था-
 
"देखूँ अगर नजारा मैं
तो सामने देखूँ, या तुम्हें देखूँ ?
करना चाहूँ तारीफें अगर
तो करूँ मैं उसकी, या तुम्हारी करूँ ?
तय करना मुश्किल है,
किसकी खूबसूरती किससे है...
उसकी खूबसूरती तुमसे है,
या तुम्हारी खूबसूरती उससे है...
फिर कभी कोई पूछे अगर,
मुझे ऐसे दोराहे में फँसाकर-
कि, "तुम्हारी नज़र किसपर है ?"
तो भैया, जो चीज स्थायी है
वो तो कहीं नही जाने वाली,
जो अगले पल शायद ना रहे,
पहले उसे तो निहार लूँ..!"
 
मेहक बोलती है, "भैया, जब वह आपको भाव नहीं देती है, तो फिर क्यूँ आप उसके पीछे पड़े हो ?"
जिसपर Rony उससे अपना diary लेकर फिर उसमें कुछ लिखकर उसको अपनी diary थमाता है। उसमें लिखा था-
 
"हम हुए कद्रदान, जाने वो मेहरबान कब होंगे !
मैं खो तो गया हूँ, जाने वो परेशान कब होंगे !
यूँ तो निकलना चाहता हूँ मैं भी, अपने इस बेखुदी के आलम से।
मगर उनके मदहोश न करने के फिर कभी, अहसान कब होंगे !"
 
मेहक झुंझलाहट में बोलती है, "तो आप नहीं सुधरोगे ना..?"
Rony मेहक के कंधों पर हाँथ रखकर समझाता है, "बहुत लंबा सफ़र तय करने के बाद इश्क़ हुआ है मुझे उससे। उसे अब मैं यूँ ही कैसे छोड़ दूँ ?"
मेहक पूछती है, "अच्छा, कैसा सफ़र ?"
Rony मेहक के कंधों से अपना हाँथ हटाते हुए पीछे घूमते-टहलते जवाब देता है, "पहले मुझे कोई नहीं भाती थी, तो सबसे मैं distance बनाता था। फिर कुछ अच्छी लगी तो उनसे दोस्ती की, जिससे मैं समझा कि मैं उनमें किसी को ढूँढने की कोशिश करता था। जब मैं करीब गया तो यह समझ में आया कि मैं किसे या यूँ कहूँ कि क्या ढूँढने की कोशिश करता था। जब यह मिली तो ऐसा लगा कि मेरा दिल इसे ही ढूँढ रहा था। जब इसे समझा तो मैंने यह पाया कि मैं इसमें खुद को महसूस कर रहा हूँ। मतलब मैं सभी में खुद को ढूँढ़ रहा था। अब बाताओं, मैं सबसे दूर हो सकता हूँ, लेकिन अगर इसमें मैं खुद को महसूस करता हूँ, तो मैं खुद से दूर कैसे होऊँ ?"
मेहक छेड़ते हुए बोलती है, "तो फिर पापा को बता देती हूँ ? वो बात करेंगे उसके घर में..।"
जिसपर Rony बोलता है,
 
"ये जो लोह है मेरे दिल में
उसके इश्क़ के बुझे आग का..,
ना, इसमें हवा ना दो।
कि उड़े राख और जला दे किसी को॥"
 
मेहक arrogantly पूछती है, "अब क्या हुआ ?"
Rony समझाने की कोशिश किया, "ऐसा मैं उसे लेकर महसूस करता हूँ। जरूरी नहीं कि वह भी यह सब मुझे लेकर महसूस करे।"
मेहक पूछती है, "आपने उससे अपने दिल की बात की ?"
Rony बोला, "हाँ..।"
मेहक आगे पूछती है, "वह क्या जवाब दी ?"
Rony बताया, "वह मुझे मना कर दी। सीधे..।"
मेहक फिर पूछती है, "क्यूँ, उसे कोई और पसंद है ?"
Rony बताया, "नहीं, उसे कोई नहीं पसंद।"
मेहक समझाती है, "कोई बात नहीं। लगे रहिए। वैसे भी कोई लड़की जल्दी भाव नहीं देती। और वो तो बिल्कुल नहीं देने वाली। उसके life में कोई नहीं है, मतलब chance है।"
Rony बताया, "वह मुझसे साफ-साफ बोली कि मेरा कोई chance नहीं है।"
मेहक पूछी, "अच्छा.., उसका choice क्या है ?"
Rony बताया कि, " वह बोलती है कि उसे कोई पसंद ही नहीं आता।"
मेहक सिर झुकाकर दबे मुँह खुद से बोली, "This is time wasting. मैं यह कभी नहीं करूँगी।"
Rony पूछा, "क्या हुआ ?"
मेहक समझाई, "आप अपने वक़्त की बर्बादी कर रहे हो उसके पीछे। अच्छा होगा कि आप उसे past मानकर आगे बढ़ जाओ। ज्यादा होगा तो अपने दोस्तों के साथ जाकर दो घूँट लगा लेना। मैं घर में नहीं बताऊँगा।"
Rony अपनी diary उठाता है और उसपर लिखते हुए बोलता है,
 
"अभी तक मैं होश में हूँ,
मुझे होश में ही रहने दो।
जो मदहोश हुआ मैं एक बार,
संभाले नहीं संमभलूँगा।
यूँ तो समंदर को कैद किये हुए हूँ,
मैं अपने पलको की बाँध में।
मगर एक प्याला भी जाम का
काफी है इसे तोड़ने के लिए।
इसलिए अभी तक मैं होश में हूँ,
मुझे होश में ही रहने दो॥"
 
मेहक बोलती है, "Feel कर रही हूँ, बहुत दर्द है आपके आवाज में।"
Rony आगे बोलता है,
 
"ये लो इस ज़ालिम जामने को...
मेरे डबडबाये आँखों से छलकी बूंदें
जो मेरे कलम से लिखी ताजी स्याही
को गीली करके कागज पर फैल गई,
इतना काफी नहीं है।
अभी भी वो मेरा आह सुनाना चाहते हैं।
अभी भी वो मेरा कराह सुनना चाहते हैं॥"
 
मेहक बोलती है, "हाँ, हो गया। मैं समझ गई कि आप अभी 'मधुशाला' लिखने के mood में हो। मैं जा रही हूँ।" और वह वहाँ से चली गई।
 
दोपहर का वक़्त हुआ। मेहक lunch के लिए kitchen में गई। T.V. के सामने sofe पर बैठी अभिलाषा बोली, "भैया से पूछ लो, अगर वो भी खायेगा तो..."
मेहक रॉनी को आवाज दी तो अंदर से आवाज आया, "मैं थोड़ी देर में खा लूँगा। बस निकाल कर रख देना।"
उदय paper मोड़ते हुए बोले, "मेरे लिए भी निकाल देना। मुझे भी थोड़ा खा लूँगा।"
मेहक अभिलाषा से पूछी, "और आप मम्मी ?"
अभिलाषा बोली, "ला दो।"
मेहक एक plate में खाना लाकर sofe पे बैठकर serial देख रही अपनी माँ को देती है। फिर kitchen में अंदर जाकर दो plate अपने हाँथो से पकड़कर लाकर dining table पर रख देती है। एक के सामने बैठ कर खाना शुरू करती है। उदय बरामदे से वहाँ आये, मेहक को इस तरह देख कुछ नहीं बोले, chair पीछे खींचे और दूसरी थाली के सामने बैठ गए। वह मेहक को कुछ सोंचते हुए देखकर उससे पूछे, "क्या हुआ ? अब किस बात की चिंता है ?"
मेहक जवाब दी, "कुछ नहीं।"
उदय बोले, "देखो तुम जब शरारतें करती हो, तुम्हारे खुश रहती हो, अच्छी लगती हो। लेकिन ऐसे परेशान, उदास तुम अच्छी नहीं लगती।"
मेहक बोलती है, "पापा, मुझे एक लड़का अच्छा लगता है और आपको इस बारे में उसके घर में बात करना होगा।"
अभिलाषा चिढ़ते हुए बोली, "लो यह फिर शुरू हो गई। इसका पढ़ना-लिखना हो गए, अब इसकी शादी करवा ही दो आप।"
मेहक परेशान होते हुए बोलती है, "मुझे शादी नहीं करनी है।"
उदय पूछते हैं, "तो फिर मुझे वहाँ जाकर क्या बात करनी है ?"
मेहक समझाती है, "आपको वहाँ जाकर बस इतना कहना है कि मैं उसे like करती हूँ। आगे आपलोग को जो करना हो या ना करना हो, वो आपलोग मिल बैठ कर decide कर लेना।"
उदय पूछते हैं, "अच्छा..। क्या नाम है उस लड़के का, कौन है ?"
मेहक बताती है, "वो शम्पा का cousin है, सतीश।"
अभिलाषा पूछती है, "करता क्या है ? वह मेरी अभी graduation complete किया है, और आगे का बस लगा हुआ है।"
अभिलाषा बोलती है, "मतलब कि वह कुछ नहीं करता है।"
मेहक बोलती है, "अभी कुछ नहीं करता है इसका मतलब यह थोड़ी है कि वह कभी कुछ नहीं करेगा।"
उदय उदय पूछते हैं, "और उसका nature कैसा है।"
मेहक बताती है, "मुझे तो वह अच्छा ही लगा। बाकी आप मिलकर देख लो।"
उदय बोले, "ठीक है, उसके घर जाने से पहले एक बार उसे मिलने के लिए बुला लो। हम पहले ही उससे मिल लेंगे तो अच्छा होगा।"
मेहक बोली, "ये नहीं हो सकता।"
उदय पूछते हैं, "क्यूँ नहीं हो सकता ?"
मेहक समझाती है, "मैं सतीश को like करती हूँ। सतीश मुझे थोड़ी ना like करता है।"
अभिलाषा बोलती है, "इसका शैतानी कभी बंद नहीं होगा। मेरी बात मानिए, इसकी बात पर ध्यान मत दीजिए।"
मेहक रोंदू सकल बनाते हुए बोलती है, "पापा..."
कि बीच मे उदय उसे रोक कर समझाने की कोशिश करते हैं, "देखो, यह अच्छी बात है कि हमलोग friendly parents हैं। मगर हम तुम्हारे friends नहीं ना है। ये सब इस उम्र में होता है, और ये सब friends के बीच बात करना अच्छा होता है।"
मेहक मस्ख़ा लगाने की कोशिश करती है, "मेरे best friend तो आप ही ना हो पापा।"
उदय आगे बोलते हैं, "मैं तुम्हारा पापा हूँ, तुम मेरी बेटी हो। इस तरह की बातें करना इस रिश्तें के बीच करना awkward लगता है।"
Rony बाहर निकलते हुए बोलता है, "क्या हुआ ?" वह kitchen के अपनी plate उठाता है और table में साथ आकर बैठ जाता है।
मेहक बोलती है, "भैया मुझे एक लड़का पसंद है। वह बहुत idealistic है, कभी relationship में नहीं आने वाला है। इसलिए पापा को बोल रही हूँ कि उसके घर में चल कर बात करो ताकि वो कोई बहाना ना मार सके family या समाज को लेकर। ताकि वह सीधा और साफ-साफ बोल सके कि वह मुझे अपने life में accept करेगा या नहीं, और अगर नहीं तो क्यूँ।"
उदय रॉनी को अपनी बाएं हाँथ से इशारा करते हैं कि देखो। जिसपर रॉनी बोलता है, "इसकी बातों पर ध्यान मत दीजिए, इसका दिमाग तो घुटनों में है।"
मेहक गुस्सा होते हुए बोलती है, "घुटनों में मेरा नहीं आपका दिमाग है। मुझे इस dilemma में नहीं रहना है कि कोई मुझे पसंद करेगा या नहीं, या फिर कब करेगा। ना ही मैं इस बात का अफसोस करना चाहती हूँ कि अगर मैं कोशिश की होती तो वह मेरा हो सकता था। मैं बहुत ambitious लड़की हूँ, इसलिए मैं अपने life में ऐसे complications नहीं चाहती, ताकि मैं अपने career पर हमेशा focused रह सकूँ।"
उदय समझाने की कोशिश किये, "तो ये बात खुद confirm हो लो फिर बताना। हम शादी करवा देंगे। ऐसे अच्छा नहीं लगता है ना कि हम दो लोगों के personal individuality के बीच आएं।"
मेहक बोलती है, "जब मैं आईने के सामने खड़ी होऊँगी और आईने से मेरी अक्स मुझसे पूछेगी कि जिसे मैंने पसंद किया, जिसे चाहा, उसे पाने के लिए मैंने क्या किया..। तो मैं खुद को क्या जवाब दूँगी ?"
Rony बोलता है, "तुम खुद इस बात को पहले confirm हो लो। फिर हमें बताओ। ऐसे इस तरह family का interruption अच्छा नहीं ना लगता है।"
मेहक कहती है, "वो ऐसे नहीं मानेगा।"
Rony पूछता है, "क्यूँ ?"

मेहक बताती है, "सतीश अपने life को generally तीन ways में part करके किसी चीज को चुनता है या decision लेता है-
1. Personal life, यानी कि अपना personal interest;
2. Social life, यानी कि family, friends, relatives, या society के साथ adoptability इसके बाद उसकी कैसी होगी; and last
3. Financial life, यानी कि उसके decisions का उसके career पर क्या effect पड़ेगा।
मैं उससे यह दो options छीनना चाहती हूँ। Career को लेकर मैं convince कर लूँगी और आप उसकी family से बात करोगे तो वह social life को भी लेकर आना-कानी नहीं कर सकेगा। मैं यह जानना चाहती हूँ कि मुझे लेकर उसका personal interest क्या होगा। ताकि मुझे यह surety मिल सके कि मुझे अपने life में उसके साथ ढ़लते हुए आगे बढ़ना है या उसके बिना अकेले। मैं ambitious हूँ, इसलिए मैं किसी dilemma में नहीं रहना चाहती हूँ।"

उदय पूछते हैं, "अगर यह शादी के लिए नहीं है, सिर्फ बात करने के लिए है तो क्या... Shall it be called a proposal ?"
मेहक जवाब देती है, "No, it is not a proposal. It is an expression. But, उसके family से आप इस बारे में बात कर सको, इसके लिए आपको यही बोलना होगा।"
Rony बोल ही रहा था कि, "देखिए इसका पागलपन अपना हद..." कि तभी मेहक table पर अपनी हंथेली को जोर से मारते हुए बोलती है, "आप मेरी बात मानियेगा कि नहीं ?"
इससे अभिलाषा ग़ुस्साते हुए उठती है, "रुक अभी तुझे मैं बताती हूँ। खाली बदत्तमीजी करती रहती है।"
उदय शांत करते हुए बोलते हैं, "अच्छा ठीक है। Plan करके दिन बता देना कि किस दिन मिलने जाना है।"
मेहक बोलती है, "कल।"
Rony पूछता है, "कल ही ?"
मेहक जवाब देती है, "हाँ कल ही।"
उदय बोलते हैं, "लेकिन कल तो हमें काम पर जाना है। तुम अपनी मम्मी को ले जाओ।"
अभिलाषा बोलती है, "इसकी शादी की बात करने नहीं जाना है। इसलिए मुझे वहाँ जाने की जरूरत नहीं है।"
मेहक बोलती है, "आप शाम को चलने के लिए तैयार रहिएगा।"
उदय फिर पूछते हैं, "मतलब तुम नहीं मानोगी ना..?"
मेहक बोलती है, "नहीं।"
उदय बोलते हैं, "ठीक है फिर। मेरे पास तो और कोई  option ही नहीं है।"
 
इसके बाद मेहक अपने कमरे में जाति है, शम्पा को call करके सारी बात बताती है और meeting arrange करवाती है।
 
•••••This is not an end.
This is beginning.•••••

 
Notes:-
• Students को अपने life में ambitious रहना चाहिए। उसे straight forward रहना चाहिए और complications से दूर रहने की कोशिश करनी चाहिए ताकि अपने career पर focused रह सके।
• Life में love and emotions की भी अपनी अहमियत होती है। इसलिए ना ही इन्हें दबानी चाहिए और ना ही इन्हें खुद पर हावी होने देना चाहिए।
• मैं wish करता हूँ हर family में guardians and children relationship friendly होनी चाहिए। ताकि बच्चे अपनी wishes or desires को दबाएं ना बल्कि अपनों से share कर सके। ताकि उन्हें उनके life के हर पड़ाव में family का guidance and support मिल सके।
• मुझसे अक्सर कहा जाता है कि "एक लड़की भला क्या कर सकती है !" जिसका यह जवाब है कि, "हर किसी को convince किया जा सकता है, बस आपको वह हुनर आती हो।
• आगे और क्या points add करूँ, आप comment दो।
 
-AnAlone Krishna.
Published on, 10th April, 2021 A.D.

 


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Timeline:-
Should it be called a proposal ?

 
 
 
 
 


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