The Unfortunate Dream ● short story by, AnAlone Krishna
● The Unfortunate Dream ●
by AnAlone Krishna
by AnAlone Krishna
(किसी के student life में love-friendship, crush-affection के वजह से होने वाले problem के possibilty and precaution को अनुभव कराते हुए)
Note:- This is only what I dreamed day before yesterday while my sleep, not the reality of my past.
Note:- This is only what I dreamed day before yesterday while my sleep, not the reality of my past.
● The Unfortunate Dream ●
by AnAlone Krishna
कल जब मैं सपने में था, मैंने खुद को अपने स्कूल के दिनों में पाया। मैं था, मेरे दोस्त थें, वह लोग तो नहीं थे जो मेरे real life में exist karte हैं। मगर, जो लोग थे, उनके भाव और मेरे प्रति व्यवहार से मुझे यह महसूस हो रहा था कि मेरा उनके साथ अच्छे relations हैं और मेरा दोस्ती सिर्फ लड़को के साथ नही, बल्कि लड़कियों के साथ भी था। पर मुझे ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा कि जो मैं देख रहा हूँ या जी रहा हूँ, वह मैं नही या मेरा life नहीं है। मुझे सबकुछ real लग रहा था। वह thinkings, वह nature, वह sweetness, लोगों के साथ व्यवहार, सबकुछ वैसा ही था जैसा मैं हूँ या रहता हूँ या करता हूँ।
मैं सभी दोस्तो के साथ प्यार मोहब्बत से बात कर रहा था, तभी एक लड़की(1st) मेरे सामने आई। उसे शायद कुछ काम था, या काम बस एक बहाना था। उसके चेहरे के expression से पता चल रहा था कि उसके अंदर excitement था, लेकिन वह मेरे help से जल्दी अपना काम निकालने के बजाय उसे ज्यादा देर के लिए खींच रही थी। जिससे मुझे यह महसूस हो रहा था कि वह अपना काम निकाल कर खिसकने से ज्यादा मेरे साथ ज्यादा से ज्यादा वक़्त बिताने की कोशिश कर रही हैं। मैं अपने school के दिनों में अक्सर middle row में सबसे पीछे बैठता था। मैं उसका help करके पीछे आ गया अपने दोस्तों के पास। जितना देर मैं उसके साथ रहा, ये लोग कुछ कर रहे थे, तो इसलिए मैं free था। मैं दाईं ओर देखा तो एक लड़की(2nd) कुछ कर रही थी। मैं खाली था तो copy या जो कुछ भी था उसे उठा लिया और कहा कि, "मैं करता हूँ।" उसने मुझे refuse किया, but मैं मानने वाला कहाँ था। कुछ देर बाद फिर उसने मेरे हाँथ से उसे खींच लिया और कहा कि "जाओ जाके दुसरो का help करो, मैं अपना काम खुद कर लूँगी।" उसके expression से मुझे यह महसूस हो रहा था कि वह मुझपर गुस्सा और नाराज थी, कि मैं बाकियों को इतना भाव देता क्यूँ हूँ। बाकियों का मतलब है बाकि लड़कियों को। जाहिर सी बात है वो भी अच्छी दोस्त ही होगी। तभी तो वह मुझपे गुस्सा थी, उसके अंदर नाराजगी थी, but उसने express नहीं किया, मुझे कुछ कहा नहीं। जब मैं फिर से खाली हो गया, तो मेरा ध्यान आगे एक लड़की(3rd) पर गया, जो कि 1st वाली लड़की से बहस कर रही थी। इस बीच 1st वाली लड़की मुझे देखी, एक smile दी और फिर से उसके साथ querrel करने लगी। फिर 3rd वाली लड़की मेरी ओर देखी और अपना disappointment वाला face बनाई और उसे उँगली दिखा कर किसी बात के लिए धमका कर शांत हो गई। तब मेरे बगल में बैठी 2nd लड़की मेरी ओर झुककर धीरे से बोली, "यह दोनों तुम्हारी वजह से झगड़ा कर रही थी।" मैंने कहा, "मेरी वज़ह से.., मगर क्यूँ ?" तो वह बोली, "तुम सच में इतना नासमझ है या इस बात को मानना नही चाहता ?"
हमारा break हुआ तो मैं एक दोस्त के साथ दूसरे floor पे गया। शायद नीचे। किसी से मिलने(4th)। जिसे देखते ही मेरे दिल की धड़कन धीरे धीरे तेज होने लगी। वह मुस्कुराते हुए मेरे सामने आई। वह क्या बोल रही है मेरा उसपर ध्यान नहीं था। मैं बस उसे देख रहा था और ऐसा महसूस हो रहा था कि सबकुछ slow motion में बीत रहा हो। फिर उसकी एक सहेली आई जो उसे खींच कर ले गई। उस लड़की को देखकर मैं बस smile ही कर रहा था, मगर उसकी सहेली(5th) उसे मुझसे जो दूर ले जा रही थी, इसके लिए मुझे अपने दिल में थोड़ी नफ़रत की भावना feel हो रही थी। मेरे सामने तो जैसे सबकुछ slow motion में बीत रहा हो, इसलिए मुझे कुछ भी समझ नही आया कि मेरे सामने क्या हुआ। लेकिन जो कुछ भी हुआ, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। फिर अपने दोस्त के कंधे में मुस्कुराते हुए हाँथ रखा जिसको अपने साथ लाया था और पूछा, "क्या हुआ ?" उसने मुझे बताया कि कोई चीज जो उसके लिए बहुत जरूरी है, आज वह लाना भूल गई है। उसे मेरी help चाहिए। यह एक समस्या थी क्योंकि अगर मैं उसकी help करता तो मैं problem में पड़ सकता था। पर फिर मैंने अपने उस दोस्त को मनाया जो मेरे साथ आया था कि मैं उसके मदद से काम चला लूंगा और उसके(4th) लिए मैं वह ले के आ गया। शायद कोई instrument या book होगा। जब मैं लेकर पहुँचा तो उसके class में teacher आ चुके थे। वह 2nd bench में बैठी हुई थी और उसकी सहेली 1st bench में। Teacher मुझसे पूछे, "तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?" इस बीच वह(4th) अपनी सहेली को पीछे से चींटी काटी। मैंने बताया जो मैं देने आया था। फिर वह पूछें, "किसको देने आये हो ?" उसकी सहेली बीच में बोल दी कि, "यह मुझे देने आया है।" और आकर मेरे हाँथ से लेकर चली गई।
Next day, मैं पीछे बैठ कर बातें कर रहा था normally, 2nd लड़की से। बस यूँ ही शायद। क्यूँकि वह जिस तरह हँस कर बात कर रही थी, उसके मांथे पे किसी topic को जानने को लेकर कोई curiosity नही था। फिर सामने 1st लड़की कुछ ले कर आई cold drink का cup या कुछ वैसा ही था, मुझे ठीक से याद नहीं। जिसे मैंने 2nd लड़की को pass कर दिया जिसके साथ मैं उस वक़्त बातें कर रहा था। 1st लड़की के चेहरे का reaction change नही हुआ उसने मुझे दूसरी बार फिर से दूसरा offer किया, वह जो भी पीने के लिए लाई थी, उसने दूसरा cup मुझे दिया। तभी 3rd लड़की आई और 2nd लड़की के हाँथो से cup छीन कर 1st लड़की के dress के ऊपर गिरा दी और मुझे बोली, "तुम शौक से पियो।" मैंने 3rd लड़की के expression को देखा तो वह 1st लड़की को घूर रही थी, और उनके चेहरे में गुस्सा था। 1st लड़की 3rd लड़की को जरा सा भी भाव नहीं दे रही थी। मैंने 2nd लड़की के चेहरे को देखा, उसका expression ऐसा था कि यह सब उसके लिए normal है, जैसे कि उसके लिए यह daily का seen हो, और यह तो होना ही था। मैंने अपना cup फेंकने के लिए उठा, 2nd लड़की के हाँथो से उसका खाली cup लिया जिसे 3rd लड़की ने उसके हाँथो से छीनकर liquid 1st लड़की के ऊपर गिरा दिया था और मैंने कहा कि, "मैं इन्हें फेंक कर आता हूँ।" 1st लड़की ने अपना cup खाली करके मुझे देते हुए कहा, "मेरे cup को भी लेते जाओ ना.., pleeea...se..!" मैं उसके हाँथ से cup को लेकर वहाँ से निकला तो मेरे पीछे वो दोनो, means 1st and 3rd फिर से झगड़ा करने लगी।
मैं cup को बाहर फेंकने के बाद नल से हाँथ धोकर कुछ छींटे जो मेरे ऊपर भी करीब होने की वजह से पड़ गई थी, उन्हें साफ करने लगा। जिसके कारण मुझे लौटने में थोड़ी late हो गई। जब मैं वापस आया तो मैंने दरवाजे के पास 1st, 3rd और उसके साथ 4th लड़की को खड़े देखा। 4th लड़की के चेहरे पे होंठो के बगल में मुक्के का लाल दाग था, आँखों में डबडबाया हुआ आँशुवों के सागर, जिसकी कुछ बूँदें मुझे देखते ही छलक गए। जिसे देखकर मैं भी जैसे तड़प सा गया। पर उसके होंठो में smile था। मैंने पूछा, "क्या हुआ ?" अंदर class से teacher मुझे देखते ही नाराजगी के साथ बोली, "आओ, बस तुम्हारा ही इंतजार था।" मैं अंदर जाते हुए अपने दोस्तो को देखा, 2nd लड़की को देखा, जिसके चेहरे के भाव इन सब के लिए मुझे दोषी ठहरा रहे थे। मेरा दोस्त, जिसे मैं पिछले दिन साथ ले के गया था, उसने मुझे धीरे से अपने पास वो दिखाया जिसे मैं पिछले दिन 4th लड़की को देने गया था। Teacher मुझे सामने के ही खाली bench में बैठने लिए बोली। मैंने फिर 4th लड़की को देखते हुए teacher से पूछा, "क्या हुआ ?" Teacher मुझे दोषी ठहराने वाला one sided मुस्कान दी। किसी को भी लड़का-लड़की के ऐसे friendship/relationship वाले किस्से गलत लगते हैं ना...। पर teacher मुझे कुछ नहीं बोली और class start कर दी। मैंने फिर से 4th लड़की को देखा, उसके आँखों में आँशु थे मगर फिर भी वह मेरे नजर उसपर पड़ते ही smile करती अपने डबडबाये हुए आँखों के साथ ही। मेरा ध्यान किसी चीज पे/ किसी के ऊपर नहीं जा रहा था, सिवाए 4th लड़की के। मैं उसके आँखों में आँशु आने के लिए खुद को guilty feel कर रहा था। मैं खुद के मन को संभाल नहीं पाया और जोर से गुस्से में bench में मुक्का मारते हुए बोला, "problem क्या है ? क्यूँ खड़ा किया हुआ है उसे ?" यह बोलते ही मेरा हाँथ बिस्तर पर जोर से पड़ा और मैं उसके साथ ही नींद से उठकर बैठ गया।
मैं नींद से तो उठकर बैठ गया पर मेरा दिमाग मुझे अभी भी इस भौतिक संसार के reality में नहीं लाया। वो जो मैंने नींद में देखा, मेरे माथे में जैसे घूम रहा हो। वो सारे अहसास जो उस समय मैंने किये, अभी भी मुझे feel हो रहा था। वो सारे steps जो मैंने उस moment आगे bench पे बैठ कर 4th लड़की के आँखों में आँशु देख कर लेने के लिए decision लिए थे, मुझे मेरे मन को उकसा रहा थे, कि उन steps को मुझे जल्दी से जल्दी लेना है। मेरा दिल अभी भी उसके(4th) लिए धड़क रहा था। उसके दर्द को मैं अभी भी feel कर रहा था। वो जो steps मैंने लेने के लिए उस moment decision लिए थे वह थें-
1st, 4th लड़की को वहाँ से निकाल कर उसे पहले की तरह करके उसके class पहुंचाना, जिससे उसके class में किसी को यह पता ना चले कि मेरे class में क्या हुआ।
2nd, जो हुआ उसे तो मैं बदल नहीं सकता था, इसलिये 4th लड़की की सहेली यानी की 5th लड़की से अकेले में मिलकर यह request करना कि वह अपनी सहेली(4th) को मेरे कारण होने वाले problems से बचाने में मेरी मदद करे। उसे मुझसे बचाने में मेरी मदद करे, मुझसे दूर रखे। ताकि उसका life में मेरे कारण किसी भी possibility से harmful influence ना हो। और इसके लिए उसे(5th को) मेरे opposite में भी खड़ा होना पड़े, मेरा enemy बनना पड़े तो बन जाए।
3rd, खुद को उस(4th) से दूर कर लेना ताकि 1st, 3rd और उस crual teacher जैसे किसी को भी मेरे कारण उसे(4th को) hurt करने का फिर कभी भी मौका ना मिले।
4th, खुद को बदल लेना। पहले की तरह सबसे घुल मिल कर नहीं रहना, बल्कि खुद को अकेला और शांत कर लेना। पहले की तरह सबकी help नहीं करना बल्कि सिर्फ अपने आप से काम रखना। पढ़ाई के अलावा और किसी भी चीज में अपना ध्यान ना देना। हर वो चीज जिससे कोई मेरी ओर attract हो सकती हो जैसे कि look, style, achivements, showoff, kindneas, etc. उन्हें किसी के भी सामने show ना करना। ताकि फिर कभी भी कोई मुझे ना चाहे, कभी भी कोई मेरे ऊपर अपना अधिकार जताने की कोशिश ना करे। ताकि फिर कभी भी जिन्हें मैं अपने दिल में जगह देता हूँ, उन्हें मानता हूँ, वो मुझसे ना रूठे और वो मेरी वजह से किसी भी कारण hurt ना हो।
कमाल है! मैं नींद में भी वही करने वाला था जैसा life मैंने अपने real life में जिया है। मेरी ऐसी कोई भी memory नही की मेरा ऐसा past रहा हो। लेकिन 4th point में मैंने जैसा life जीना चाहा, मैंने वैसा ही life को जीया है। अब ऐसा लगता है जैसे कि मैंने जो life को जीया, जो मेरे साथ हुआ, शायद मेरा ही choice था। मैंने खुद अपनी किस्मत लिखी हो, जिसे मैं जी रहा हूँ। बस मुझे याद नहीं है। खैर, जो होता है अच्छे के लिए ही होता है। मेरा कभी किसी से love affair नही रहा। पर शायद यह, यह वाला dream इसलिए हो, ताकि मैं इस love life को अपने dream में जी सकूँ। जिसके अनुभव से मैं समझ सकूँ, किसी के attraction को, किसी के jealousy को, किसी के attachment को, किसी के caring को,...etc. हाँ, मैं डरता हूँ , किसी के होने से, किसी का मुझे चाहने से, किसी का मेरे ऊपर अपना अधिकार जताने से, किसी के मेरे रूठने से, किसी को मेरी वजह से तकलीफ़ पहुँचने से।
-सतीश
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"Today I dreamed,
What my enemies had been actually doing-
They were tried for save
What I love
From problems due to mine would be happened.
So, I forgive all. They were cared actually my love. So I feels also love for those my enemies.
Thanks..!"
-TheClawnPrince/AnAlone Krishna.
Expressed dream through literary art-
quotation on, 15th April, 2020 A.D.,
story on on, 17th April, 2020 A.D.
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