● Relief by Self-Love ● short story written by AnAlone Krishna.

● Relief by Self-Love ●
(Source of getting relief after broken)
Short story written by AnAlone Krishna.

"देख यार पका मत। तू उतना कोई खास दिखता नहीं जो मैं तुझे पसंद करूँ। अपना भी कोई standard है। देख मैं यह नही कह रही कि तू बुरा दिखता है या फिर तुझमें कोई बात नहीं। बस मैं कहना यह चाहती हूँ कि तू मेरे type का नहीं है। बस तू वैसा नहीं है जो मैं तुझपे फ़िदा होऊँ। इसलिए जा किसी और को देख ना।"
Graduation के second year के start में एक लड़के को उसके proposal का यह reply मिला। वह एक average लड़का था। ना look में, ना performance में, ना रहीसी में, किसी में भी बाकियों से बेहतर नहीं। यह common सी बात है जब किसी का दिल टूटात है, वह क्या करता है। वह maximum time अकेले बिताना चाहेगा, तन्हाई पसंद आएगी, sad songs सुनेगा, जल्दी किसी से घुलना मिलना पसंद नही आएगा, और भी कुछ-कुछ। बाकी तो आप खुद ही imagine कर ही सकते हो। पता है, उस लड़के की खास बात क्या थी ? उसका proposal जब reject हुआ, उसे तकलीफ़ तो हुआ, पर वह रोया नहीं। यूँ समझ लो कि - उसके दिल को बादल, तड़प को बिजलियों का कड़कना, अउ emotions को बारिश। जब वह टूटा तो ऐसे कि जैसे आप रास्ते में चल रहे हो और अचानक ही बारिश होने लगी। ना बिजली कड़की, ना ही मौसम खराब होने का अहसास हुआ।

उसके next day जब वह लड़का collge पहुँचा, एक लड़की उसे देख के मुस्कुराई। उसके दिमाग में एक ही बात उस वक़्त आया - "अब यही होना बाकी था। दुनियाँ के सामने अब बस मज़ाक बनकर रह गया हूँ मैं।" उसने उसे ignor करके उससे नज़रे हटा ली। दूसरे दिन जब वह college गया, वह लड़की फिर देख के मुस्कुरा रही थी। उस लड़के के दिमाग में यह बात खटकने लगी कि, "आख़िर बात क्या है ? ना मैंने इतना भी बड़ा कांड किया है जो हमेशा लोग मुझपे हँसे, ना ही मैं जोकर लगता हूँ। वह मुझे देख के हँस रही है या उसका face cutting ही वैसा है !" 3rd day जब वह class में enter कर रहा था, किसी sweet सके आवाज ने उसे "goodmorning Ravi" कहा। वह भी reply में "goodmorning" बोलते हुए मुड़ा। देखा तो वही लड़की पीछे smile दे रही है। वह तुरंत मुड़ा और सीधा जाके कोना में माथा झुकाकर बैठ गया। उसके next day collge आते वक़्त वह eclairs chocolates खरीद कर खाते हुए college पहुँचा। वह देखा कि वह लड़की उसके दोस्तों से बातें कर रही है। उसके अपने दोस्तों के पास जाते हुए गति धीमी होती चली गई। वह लड़की उसके दोस्तों से बोली कि, "यह लड़का लड़कियों से बात करने में इतना शर्माता क्यूँ है ?" जिसका जावाब में उसके एक दोस्त ने कहा कि, "कल-परसो दिल टूटा है बेचारे का, इतना तो डरेगा ना कहीं फिर किसी पे इसका दिल ना आ जाए।" तब तक उसके मुँह का chocolate खत्म हो गया। वह दूसरा निकाला और rapper निकालकर मुँह में डाल लिया। वह लड़की बोली, "खाली अकेले-अकेले खाओ रे..." रवि अपने जेब से दो eclairs निकाला और आगे बढ़ाते हुए लेने का इशारा किया। वह बोली, "अरे हम तो ऐसे ही मजाक कर रहे थे।" जिसपर रवि बोला, "प्यार से दे रहा हूँ,रख लो।"

उसके बाद रवि रात को खूब सोंचा, "यार, ये आखिर है क्या ? जो चीज मेरे साथ हो रहा है, जो मैं महसूस कर रहा हूँ, यह क्या है ?" उसने बहुत सोंचने के बाद finally इस बात को accept किया कि, "यह ज्यादा कुछ भी नही, बस समय का चक्र है। जो कुछ भी हो रहा है या जो कुछ भी महसूस कर रहा हूँ, उसे बस जीना है। उससे ज्यादा कुछ इनके बारे में सोंचना नही है। मगर उन लोगो का क्या, जो धीरे-धीरे करीब आ रहे थें ! वो बस इन लम्हों के किस्सों के parts हैं, friends, तो बस friendship निभाकर ही खुश रहो।" इतना सोंच कर वह सो गया। जब सुबह उठा तो उत्साह के साथ, कि चलो, अपना कहने के लिए भले कोई ना हो, मगर खुद को बहलाने के लिए friends तो हैं। वह college गया और उस लड़की से दोस्ती करने के लिए हाँथ आगे बढ़ाया। उस लड़की ने दोस्ती कर भी ली। तभी रवि ने वहाँ खड़े उसके friends से भी दोस्ती करने की कोशिश की मगर किसी ने भी भाव नही दिया। उसने सोंचा कि कोई बात नहीं। वैसे भी उसे जल्दी कोई पसंद नही करते थे। उसे बस वो लोग पसंद किया करते थे जिनका दिल पूरी तरह साफ हो और जो सभी को पसंद किया करते थे। उसने सोंचा कि चलो अगर किसी एक से भी closed friendship हो गई तो फिर उसे किसी भी चीज की ख़्वाहिश नही रहेगी। मगर वह बस कोशिश ही करता रह गया, उनके बीच की casual friendship कभी भी closed friendship नही बना। फिर रवि ने यह महसूस करना शुरू किया कि उस लड़की के पास उसे देने के लिए वक़्त ही नही है। उसे जरा सा भी साथ बिताने के लिए वक़्त ही नही मिलता। फिर एक दिन जब रवि सुबह college पहुँचा, उस लड़की को किसी के साथ बात करते देखा। वह धीरे से करीब पहुँचा। उस लड़की ने उसे introduced करवाते हुए कहा कि, "रवि, he is my best friend, रुद्र." Ravi  को महसूस हुआ कि उनकी दोस्ती गहरी है और वो दोनों आपस में खुश भी है इसलिए वह तुरंत ही कुछ काम का बहाना बनाकर वहाँ से जाने लगा। रुद्र रवि से कुछ बात करनी है बोल के उसके पीछे आया। उसने चलते-चलते ही रवि से कहा, "हिमाद्रि मेरी बचपन की friend है और हमारे बीच कोई नहीं आ सकता। उम्मीद है कि इसके आगे तुम खुद समझ गए होगे, मुझे कुछ बोलना नही होगा।" रवि अपने किस्मत पे मुस्कुराया, और चला गया।

शाम को tution से लौटते वक़्त रवि ground में जाकर बैठ गया। अकेले बिल्कुल बीच में। जैसे-जैसे अंधेरा होने लगा, सब जाने लगे। मगर वह बैठा रहा। वह बहुत ही बुरा महसूस कर रहा था। वह अपनी किस्मत को कोस रहा था। वह सोंच रहा था कि अगर भगवान मिले उनसे तो वह पूछे उनसे कि, "भगवान, आखिर क्यूँ उसकी किस्मत उन्होंने ऐसी लिखी है ? क्यूँ उसे लोग बाकियों की तरह जल्दी पसंद नहीं किया करते। क्या वह इतना बुरा है, कि कोई हमसफ़र ना सहीं, दोस्ती भी किसी का ना मिले ?" वह वहीं ground में बैठकर अपने आप को अपने हाथों से टिकाए आसमान की ओर देखता हुआ सोंचता रहा। अंधेरा होने पर धीरे-धीरे आसमान में तारे नजर आने लगे। वह तारों को देखकर यह सोंचने लगा कि, "सुना कि जो जिंदगी की तकलीफों को झेलता है, वही एक दिन आगे बढ़कर इन तारों की तरह चमकता है। क्या आप उन्हीं की तरह मेरा भी मुकाम वहाँ ऊपर बनाना चाहते हो, उनके बीच। मगर एक बात यह भी तो है कि वो आसमान में चमकने वाले तारे जो ढेर सारे हैं, वो साथ तो दिखते है मगर फिर भी दो तारों की बीच की दूरी कभी कोई तय नही कर सकता। अगर आप मुझे मेरे life में कुछ बनाना चाहते हो, वो तो ठीक है। मगर मुझे अपने life में क्या choose करना है, किसे sacrifice करना है, इसका हक़ मुझे क्यूँ नही है ?"
रवि अपनी आँखें बंद किये हुए माथा आसमान की तरफ़ उठाये ये सब सोंच ही रहा होता है कि उसके एक पलक में एक बूंद टपकता है। और मन की सारी बातें साफ होकर बस यह बात याद आता है कि उसने उस लड़की को propose क्यूँ किया। उसको यह करने को मन किया, उसने कर दिया। जब वह reject हुआ तो उसे दुःख हुआ, मगर एक satisfaction भी हुआ कि उसने अपने मन की बात को दबाकर नही रखा। फिर एक और बूँद उसके दूसरे पलक के ऊपर पड़ा। फिर से उसके मन से सबकुछ blank हो गया और अब उसे याद आपने लगा कि वह हिमाद्रि से दोस्ती क्यूँ करना चाहता था। वह उसके दिल को बहलाना चाहता था कि कोई तो है जो उसे भी पसन्द करती है। फिर उसके माथे पे एक बून्द आसमान से पानी गिरा और फिर यह बातें भी साफ हो गई। अब उसे महसूस होने लगा कि वह जो कुछ भी कर रहा था, उससे उसे खुशी मिल रही थी। वह खुद को satisfied पा रहा था। वह जो कुछ भी कर रहा था वह खुद के लिए कर रहा था। सिर्फ खुद के लिए। अचानक बिजली कड़की और घबराहट से उसकी आँखे खुल गई। एक ठंढी हवा का झोंका उसे छूकर निकला। उसे महसूस हुआ कि वह सिर्फ खुद से प्यार करता है। वह जो कुछ भी करता है खुद की खुशी के लिए करता है। अब वह यह बात accept करता है कि अब वह इस बात को झुठलायेगा नहीं, बल्कि accept करेगा। अब वह decide करता है कि उसे अब जो करने से खुशी मिलेगी, वह करेगा, बिना किसी expectation के। फिर से एक बिजली कड़कती है और वह वहाँ से भागता है, कहीं बारिश में भींग ना जाए।

अब उसे जो दिल में आता है, उसे करता है बिना किसी के expactation के। वह उस चीज को करता है है और उसे करके ही खुशी मिल जाती है। फिर अगर सामने वाला इंसान भी खुश होकर कुछ बदले में करे, तो वो फिर वैसा हो गया कि bil के साथ साथ tip मिल गया हो। This is self-love. You do anything for yourself without any expectations from others. You will get joy whenever you did something you want to, for someone. No matter does anyone do something for you after or not. You do always for your self-joy i.e. self-love.

--end needs peace i.e. relief--

-AnAlone Krishna.
25th July, 2019 A.D.

For know my concept of "How to do Self-love ?", read my diary post of Day 32 which is available on my facebook page Diary of AnAlone Krishna.

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