फिर भी लोग कहते है....
(महिला उत्पीड़न के सदर्भ में)
कंचन कर्ण के द्वारा लिखी गई कविता
फिर भी लोग कहते है....
फिर भी लोग कहते है भारत हमारी माता है
जहाँ नारी को पूजा जाता है !!
पर आज उसका दिल घबराया है
मानो उसके सारे जहान मे अंधेरा सा छाया है
आज नारी का हो रहा शिकार है
कहीं भ्रूण हत्या, कहीं दहेज, तो कहीं हो रहा बलात्कार है
फिर भी लोग कहते है भारत हमारी माता है
जहाँ नारी को पूजा जाता है !!
जहाँ बेटों के जन्म होने पर खुशियाँ मनाई जाती है
बेटी के जन्म होने पर मातम सा छा जाता है
फिर भी लोग कहते है भारत हमारी माता है
जहाँ नारी को पूजा जाता है !!
जहाँ शादी के पवित्र बंधन को बाजारू बनाया जाता है
दहेज की इस आग में, हर रोज नारी को जलाया जाता है
फिर भी लोग कहते है भारत हमारी माता है
जहाँ नारी को पूजा जाता है !!
जहाँ कभी निर्भया तो कभी असीफा की करुणा भरी पुकार है
घटिया समाज के चक्रवयु में हर रोज नारी का हो रहा बलात्कार है
फिर भी लोग कहते है भारत हमारी माता है
जहाँ नारी को पूजा जाता है !!
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