● Power of a Smile ●
Short story by AnAlone Krishna.
एक लड़का था। सीधा साधा और सरीफ़। उसके लिए जिन्दगी के मायने बस इतने थे कि, खु़श रहो और खु़श रहने दो। उसको ज्यादा किसी से कोई मतलब नहीं रहता था। बस अपने काम से काम रखता था। उसके बाकी लडको की तरह friends भी नही थे। या फिर यूं कहूं तो friends ही नही थे।
उसने heigher study के लिए admission करवाया। अपने home town से दूर किसी दूसरे शहर के किसी college में। उसने अपनाcollege में startup बिल्कुल पहले की ही तरह किया। जैसा वह पहले की तरह रहता था। अपने काम से काम रखना। college आना,पढ़ाई करना, और फिर चले जाना। और अपना जियो और जीने दो का भी concept- किसी से कोई मतलब नही रखना, बस अपने आप मे मग्न रहना। उस लड़के के इस behaviour की वजह से काफ़ी लोग उसको पसंद करने लगे। बहुत कम समय में ही।
अक्सर जब आप नया जगह पे जाते हो, नए लोगो के बीच उनके साथ रहना शुरू करते हो, खुद को insecure feel करते हो। किसी पर भी आसानी से भरोसा करने में डर लगता है, इसलिए आप पहले उन्हें आजमाते हो। उन्हें उनकी हरकतों, हाव - भाव, उनकी सोंच से। फिर आप उनके close जाते हो या फिर उन्हें अपने close आने देते हो। सभी लोग यही करते हैं। उस लड़के के साथ भी यही हुआ। उसका अपने काम से काम रखने के कारण किसी को उससे insecurity feel नही होता था। इसलिए सब उससे जुड़ना चाहने लगे। बस यही चीज कहानी में twist लाता है। उस लड़के को ज्यादा किसी से घुलना मिलना बिल्कुल भी पसंद नही था। पर जब सभी उसके close आने की कोशिश करते, अपने सीधेपन की वजह से मना भी नही कर पाता। उसे इन सब की आदत नहीं थी इसलिए वह किसी को hurt ना करने के लिए किसी को close आने से मना तो नही करता, पर इसका असर उसके behaviour में show होने लगा। वह बात-बात पर चिढ़ने लगा। वह अपने emotions पर control खोने लगा।
इसी बीच किसी दिन एक बार एक लड़की उससे कुछ मदद माँगने आई। पर मदद करने में असमर्थ होने के कारण उस लड़के ने मदद करने से साफ मना कर दिया। लड़की उससे दोबारा पूछी confirm करने के लिए की सच में वह असमर्थ है या बस mood खराब है उस लड़के का। क्योंकि उस लड़के की helping nature सबके बीच famous था। फिर भी उस लड़के का सीधा मना करने पर उस लड़की को भरोसा नही हुआ उस लड़के के बदले स्वभाव को देखकर। हाँ, बदले स्वभाव पर। जो लड़का के मुँह से कभी 'ना' नही निकलता था, उसने सीधे मना कर दिया था। वह लड़का तो बदल ही गया था। पर, उस लड़के ने उस लड़की को confirm करने के जगह कुछ ऐसा बोल दिया जिससे वह लड़की hurt हो गई। उस लड़की ने उसे बस इतना कहा कि, "मैं तुमको ऐसा नही समझती थी। मुझे कभी नही लगता था कि तुम मेरे बारे में ऐसा कुछ सोंचोगे..." और फिर उस लड़के को वह वहीं पीछे छोड़कर चली गई।
उसके जाने के बाद उस लड़के को अहसास हुआ कि उस पल उसने अपने emotional control को खोकर बहुत बड़ी गलती की। उसने किसी का दिल दुखाया है। वह पश्चताप की आग में जलने लगा। पर इन सब का क्या फ़ायदा। जो हुआ वह तो कभी बदल नही सकता था। वह पल किसी बुरे साये की तरह उस लड़के का पीछा करने लगा। उसे हमेशा वह लम्हां याद आता, जब वह लड़की उस लड़के को कुछ बोली तो नही पर उसके मुड़ने से पहले उसके आंखों में डबडबाया हुआ आँशु.., वह रोई तो जरूर ही होगी उस लड़के से दूर जाकर। उस लड़के ने जो किया वह गलती माफी के लायक नही था। वह माफ़ी अगर माँगता भी तो क्या कहकर, वह क्या excuse देता। क्या सामने वाला सख्स उसका हाल समझ पाता..? कभी नहीं..।
फिर भी उस लड़के ने एक दो बार कोशिश की सबकुछ पहले की तरह करने की। मगर, उस लड़की के चहरे पे गुस्सा और आंखों में खुद के लिए नफ़रत वह साफ-साफ देख सकता था। वह उस लड़की के सामने एक बार भी कुछ बोल नही पाया। यहाँ तक कि वह नजरें तक उस लड़की से मिला नही पाया, नजरें चुरा कर चला गया। खुद को दोषी मानकर वह घुटन में जीने लगा। वह जितना भी उससे आगे बढ़ने की कोशिश करता, वह लड़का अपने इस गुनाह को भूल नही पाता। एक रात वह सोया, और ख्वाब देखने लगा-
सुबह हुई। वह class गया। class में वह लड़का अपने दोस्तो के साथ बीच के break में हँसी-मज़ाक में busy था कि अचानक उसकी नजर उस लड़की पे पड़ी। वह शांत, स्थिर, और उदास अपने जगह पर बैठी हुई थी। उसे देखते ही एक पल के लिए लड़के का हाव-भाव अचानक ही शांत हो गया। लेकिन उनके दोस्त उसके inner sentiments से अनजान अपने बातों में continue रहे। जिससे उस लड़के का ध्यान फिर से वापस आपने दोस्तों के बीच आ गया। थोड़ी देर में teacher class में आये, सभी हक्के बक्के होकर अपने जगह पर खड़े हो गए। वह लड़की अपने ख्यालों में खोई हुई अपने जगह पर बैठी रही। teacher गुस्से में जोर से आवाज दिए, तो वह तुरंत घबराते हुए खड़ी हो गई। teacher उस लड़की को खरी-खोटी सुनाना शुरू किए और उस लड़के के दोस्त मौका पाकर आपस में गुटरगूँ करने लगे। तुरंत ही बाहर से कोई दूसरे teacher इनके teacher को बाहर बुलाए तो वह उनसे बात करने के लिए बाहर चले गए। अपने दोस्तो की बातों को सुनकर वह लड़का दबे मुँह हँसने लगा। वह लड़की सुन ली और घूरते हुए उस लड़के की तरफ देखी। यह देखते ही वह लड़का डरकर शांत हो गया और अपने दोस्तों को भी शांत कर दिया। उसके दिमाग में उस वक़्त एक ही बात आई कि, "कहाँ यार मैं सबकुछ ठीक करने के फिराक में था और यह अलग/नया पंगा हो गया।" वह फिर दोबारा उस लड़की को देखने का हिम्मत नही कर सका।
Last bell बजी और छुट्टी हो गई। लड़की आगे-आगे थी अकेले अपने normal गति में जाते हुए और लड़का पीछे-पीछे अपने दोस्तों के साथ धीरे-धीरे बढ़ता हुआ। main gate से चार कदम पीछे वह लड़की रुकी और पीछे मुड़ी। जिसे देखकर वह लड़का भी रुक गया। उसके दोस्त उसकी ओर मुड़े यह पूछते हुए कि रुक क्यूँ गए। वह लड़की हल्का सा उस लड़के को देखकर smile दी। यह देखकर वह लड़का अचंभा हो गया। उसके दोस्त घूमें की लड़का कहाँ देख रहा है, पर उतना देर में वह लड़की मुड़कर जा भी चुकी थी। उस लड़के के चेहरे पर भी smile आ गया। और उसके दिल को ऐसे सुकून का अहसास हुआ कि जैसे कड़कड़ाती धूप में सूखी धरती को अचानक बारिश का सौगात मिला हो। वह लड़का तेजी से main gate से बाहर निकला उस लड़की को ढूंढने के लिए। पर तब तक वह लड़की जा चुकी थी।
---end is new begenning---
-AnAlone Krishna.
18th July, 2019 A.D.
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