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"Life की परछाई: Chapter 4Chapter 5Chapter 6Chapter 7 • Chapter 8 • Chapter 9" has published on 8th August, 2025. अगर आपको online reading में असुविधा होती है, और आप इसे printed form में पढ़ना चाहते हो, तो post के bottom में दिए 'Download and Print' button को click करके आप उसका printout करवा लेना। जिसमें 'Download and Print' button नहीं है उसके लिए आप 'Google form' को भरकर मुझे send कर दो, मैं आपको pdf भेज दूंगा। इसके अलावा सबसे अंत में UPI QR code भी लगा हुआ है, अगर आप मेरे काम को अपने इक्षा के अनुरूप राशि भेंट करके सराहना चाहते हो तो, आप उसे scan करके मुझे राशि भेंट कर सकते हो। जो आप वस्तु भेंट करोगे, वो शायद रखा रह जाए, परंतु राशि को मैं अपने जरूरत के अनुसार खर्च कर सकता हूँ। ध्यानवाद !
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"भाग्य हमारी इच्छाओं के विकल्प द्वारा बनता है" ● short story by AnAlone Krishna ● Bilingual - Hindi with English

"भाग्य हमारी इच्छाओं के विकल्प द्वारा बनता है"

"Fate Becomes by Choices of Our Desires."

(An email sent by a lady to her ex-boyfriend after three years of their breakup for the reason of she agreed for her marriage by the choice of her family.)

-A story by AnAlone Krishna.


॥ हमदर्द सा कोई ॥

भाग-१०.२ : Perspected Endings | "भाग्य हमारी इच्छाओं के विकल्प द्वारा बनता है" "Yes, I'm single, now with my choice."

"भाग्य हमारी इच्छाओं के विकल्प द्वारा बनता है"

__________
Hey..!

सबसे पहले I want to say sorry..! Sorry for मैंने इन तीन सालों में कभी भी तुमसे बात करने की कोशिश नहीं की। मैं जानती हूँ, जो कुछ भी हमारे बीच हुआ उसके बाद तुमहारे लिए मुझे वापस अपने life में शामिल कर पाना आसान नहीं है। मैं इसे समझती हूँ और तुम्हारे choice की मैं कद्र भी करती हूँ। इसलिए मैं तुम्हें मनाने की कोशिश भी नहीं करूँगी कि तुम अपना decision बदलो। लेकिन तुम मेरे दोस्त थे, एक अच्छे दोस्त, हमेशा से।  मेरे life में तुम्हारे जैसा और कोई है भी नहीं। जिसके सामने मैं अपनी दिल की बात कहूँ और वो मुझे सुने। मुझे नहीं पता कि तुम मेरा e-mail पढोगे भी कि नहीं। But फिर भी मैं इसे तुम्हारे लिए लिख रही हूँ इस उम्मीद में कि शायद तुम अब भी मुझे अपनी जिंदगी में अहमियत देते होगे, महज एक अच्छे दोस्त की तरह ही सही।

मैं जानती हूँ, हमारी बीती यादों को याद करना हमें एक दूसरे के सामने uncomfortable कर देगा। लेकिन जो चीजें मैं कहना चाहती हूँ, मुझे लगता है कि उसके लिए यह जरूरी है। मुझे याद है कि मैं तुम्हारी जिंदगी में अपना दबाव बना रही थी। मुझे डर था कि कहीं तुम्हारे भटकते हुए मन के कारण तुम्हें मैं खो ना दूँ। तुम्हारी बाकी बहुत लड़कियों से दोस्ती थी जिनसे मैं डरती थी कि किसी दिन उनमें से कोई तुम्हें मुझसे छीन ना ले। जिसके कारण मैं तुम्हारे ऊपर अपना अधिकार बनाना चाहती थी। लेकिन इस कारण हमारे बीच बढ़ती दूरियों की वजह से मुझे यह बाद में अहसास हुआ कि मैं गलत कर रही हूँ। मुझे तुम्हें थोड़ी आजादी देनी चाहिए थी और तुम्हें वैसे accept करना चाहिए जैसे कि तुम हो। लेकिन उसके कुछ ही दिनों के बाद ही मेरे माता-पिता मेरी शादी का propsal मेरे सामने रखे। उन्होंने मुझसे कहा कि वो पहले ही इस विषय में सोंच समझ लिए हैं और वो बस मेरी हामी भरने का इंतजार कर रहे हैं। यह चीज मुझे परेशान कर रही थी। उन्होंने मुझे मनाया कि मैं दूल्हे से एक बार कम से कम मिल लूँ और इसके अलावा मेरे पास और choice भी नही था। मेरे घरवाले लोगो के बहकावे में आकर मुझे ताने मारने और मनाने की कोशिश करने लगे। मेरे मन में यह बात बैठ गया कि कहीं मैं अपने बचपने में कोई बड़ी गलती ना कर दूँ। साथ ही हर एक माता-पिता की तरह उनकी भी मेरी शादी को लेकर अपने कई सपने थे उनके मन में, कि वो कैसे इंसान के हाँथो में अपनी बेटी का हाँथ सौपेंगे। जिसका लोगो ने फायदा उठाया और उन्हें इस बात के लिए convince कर लिया कि उन्हें उसके जैसे दूल्हा पूरी जिंदगी में नहीं मिलेगा। उस समय मैं तुम्हें उनसे मिला नहीं सकती थी और ना ही इस बात के लिए मैं इंतजार कर सकती थी कि कब तक हमारे बीच तालमेल फिर से पहले के जैसा होगा या फिर तुम कब बदलोगे। इसलिए उस समय मुझे Break-Up ही सही decision लगा। जिससे मुझे individually इस situation से निकलने के लिए वक़्त मिले और तुम्हें मुझसे थोड़ी आजादी।

मुझे पता है कि मेरा यह decision तुम्हें काफी hurt किया। तभी तो मेरे बाद तुम मुझे जलाने के लिए कामिनी को अपना girlfriend बना लिए। I know, उसके साथ तुम्हारा relationship real नहीं था। वह बस एक दिखावा था, मुझे जलाने के लिए। उस वक़्त अगर मैं तुम्हारे जगह होती तो शायद मैं भी वही करती। इसलिए मुझे तुमसे कोई शिकायत नही है। अगर शिकायत है तो वक़्त से, उससे ज्यादा अपने आप से। तुम तो खैर अपने हालातों से काफी कुछ झेल रहे थे, पर मैं भी इस बात पर कभी ध्यान नहीं दी। लेकिन यह सच है कि उस तरह हमारा आगे कोई future नहीं था और लोगों के बहकावे में आकर हमारे बीच के बहुत अच्छे friendship को मैनें love-relationship में बदल दिया। जिसके कारण सब बर्बाद हो गया। I'm sorry.

हर माता-पिता जो कुछ भी करते हैं, अपने बच्चो की भलाई के बारे में ही सोंच कर करते हैं। मैं भी यही सोंच कर अपने माता-पिता को मना करके hurt करना सही नहीं समझी। जब मैं उससे मिली, मैंने उससे पूछा कि, उसने मुझे पसंद क्यूँ किया..? उसने कहाँ कि, "क्यूँकि तुम मुझे हसीन लगती हो।" मस्ख़ा लगाने वाली बात..! मैं उससे पूछी, " हसीन तो और भी है कई मेरे अलावा इस शहर में। उन सबको छोड़कर बस मैं ही क्यूँ पसंद आई, इसके जवाब से suttisfy करो, तो मैं सोंचूंगी।" उसने कहा- मैं उसे अच्छी लगी। उसने मेरे बारे में enquery किया, तो nature भी उसे अच्छा लगा। मैं उससे पूछी- "पसंद करना एक बात होती है, लेकिन मुझसे शादी की ख़्वाहिश क्यूँ ?" उसने कहा- बचपन से उसके माता-पिता बहुत struggle करके उसे इस लायक बनाएं जो कुछ भी यह आज(मतलब उस time) मेरे सामने बैठा है। इसलिए उसे ऐसी life-partner चाहिए जो responsibilities को समझती हो, सभी की कद्र करती हो, जो मेरे parents का शादी के बाद ख्याल रख सके और उसे मुझमें वो खूबी दिखती है। मैं उसे बोली, "आपको वैसे लड़की बहुत आसानी से मिल जाएगी जैसी आप चाहते हो।" और  और मैं "bye" बोल कर आने लगी तो वह पीछे से पूछा, "क्या मैं तुम्हें पसंद आया ?" उसके चेहरे के expression से लग रहा था कि वह मुझसे "हाँ" की expectation कर रहा था। But मैंने उससे कहा कि, "आप मुझे पसंद तो आये, but I'm sorry, I'm not interested on you." और मैं आ गई।

जब तक मैं घर पहुँची, घरवालों को यह बात पता चल चुका था कि मैं उसे reject करके आई हूँ। फिर क्या था..! सभी लग गए मुझे ताना मारने- मैं बहुत नखरा कर रही हूँ; मेरी मति भ्रष्ट हो गई है जो अपने बारे में सही गलत समझ नही सकती; जो उसके जैसा लड़के को ठुकरा कर आई हूँ; उसके जैसा अपने parents की परवाह करने वाला, जिम्मेदारियों को समझने वाला, सभी से अच्छा व्यवहार रखने वाला आसानी से मुझे नही मिलेगा; मैं बहुत बड़ी गलती कर रही हूँ जिसका मुझे बाद में बहुत पछतावा होगा; वगैरह-वगैरह..। फिर शाम को  दीपक भैया मुझसे मिलने आए। मैं उन्हें बहुत मानती हूँ, कभी उनकी बातों को यूँही अनसुना नहीं करती, इसलिये... ताकि वो मुझे मनाए और मुझसे हाँ करवाए।
वो मुझसे पूछे कि, "क्या बात है? आखिर इतने अच्छे रिश्ते को तुम ठुकरा क्यूँ रही हूँ?"
मैं उनसे पूछी, "क्या शादी सिर्फ इसलिए की जाती है क्यूँकि एक लड़के को जिम्मेदारियों को निभाने के लिए, उसके माता-पिता की देखभाल में साथ देने के लिए किसी के साथ की जरूरत होती है ?"
वो मुझसे बोले, "देखो, parents जो भी करते हैं, अपने बच्चो के भले के लिए ही करते हैं। सबकुछ सोंच समझ कर ही करते हैं।"
मैं बोली, "आप मेरे सवाल का जवाब नहीं दिये।"
वो बोले, "Life में हर किसी को किसी के साथ की जरूरत होती है। हर किसी को जरूरत होती है ऐसे person की जिससे उसके life का अधूरापन complete हो सके, इसके लिए होती है शादी।"
मैं बोली, "मगर इसके लिए जो responsibilities, duties को carry करना होगा, जो कुछ मुझे sacrifice करना होगा, वो मैं करना नहीं चाहती ना...।"
वो बोले, "Life में हर किसी को अपने जिम्मेदारियों को समझना और उठाना ही होता है। हम उससे भाग नहीं सकते।"
मैं बोली, "Responsibilities..? यहीं ना कि जो parents हमें birth देते हैं, हमारे लिए इतने problems face करके हमें बड़ा करते है, हमें अपने पैरों पे खड़ा होने के लायल बनाते हैं, जिंदगी जीना सिखाते हैं, हमें भी बाद में उनकी कद्र और care करनी चाहिए।"
वो बोले, "हाँ..।"
मैं बोली, "तो फिर किसी और का घर जाकर किसी और की क्यूँ ? जिन्हें मैं जानती तक नहीं, जिन्होंने मेरे लिए कभी कुछ किया ही नहीं ? इससे अच्छा क्या यह नहीं कि  मैं उनकी सेवा करूँ जिनकी मैं कद्र करती हूँ, जिनसे मुझे प्यार है और जिनकी मैं बहुत ज्यादा care करती हूँ, जिन्होंने मेरा भविष्य बनाने के लिए इतने संघर्ष किये है?"
वो बोले, "ये काम तुम अपनी शादी के बाद भी तो कर सकती हो।"
मैं बोली, "क्या सच में..? मुझे मेरे ससुराल की responsibilities, उनके expectations मुझे limitations में नहीं रखेंगे क्या ?"
वो बोले, "वो पढ़ा लिखा समझदार लड़का है। वो तुम्हें नहीं रोकेगा।"
मैं बोली, "आप मेरी बात को नहीं समझ रहे। आप तो खुद शादीशुदा हो। आप बताओ- मैं जहाँ, जिस घर में रहूँ, मुझे वहाँ की responsibilities के प्रति dedicated होना चाहिए या जिनसे मैं दूर हूँ उनका tension लेकर अपने ससुराल वालो को disappointed करके उनके नजर में अपना सम्मान खोना खोने का बिल्कुल भी फिक्र नहीं करना चाहिए ? क्या मैं वहाँ रहकर यह कर सकती हूँ ?"
वो बोले, "हमारे समाज में बेटियों को ही अपने माता पिता का घर छोड़कर पराए घर में जाना पड़ता है।"
मैं पूछी, "मगर ऐसा क्यूँ..? चलो अगर मैं मान भी लूँ कि यह समय से रीत चली आ रही है, इसलिए बिना किसी सवाल के हमें भी मानना होगा। पर क्या रिश्ता, उनके प्रति जिम्मेदारी सिर्फ मेरा होगा ?"
वो बोले, "ऐसा किसने कह दिया..? उनका भी तुम्हारे प्रति resposibility होगी।"
मैं बोली, "जब हमारे बीच mutual responsibilty होगा, तो क्या यह जरूरी नहीं कि हमारे बीच mutual understanding भी होनी चाहिए ?"
वो बोले, जैसे सभी बोलते है, "इसमें वक़्त लगेगा, but धीरे-धीरे यह develop हो जाएगा।"
मैं बोली, "क्या इसके लिए यह जरूरी नहीं कि वो मुझे वैसे ही अपनाएं जैसी मैं हूँ। मुझे भी यह समझने का मौका मिलना चाहिए कि अगर मुझे खुद को कभी बदलना पड़े तो मैं उनके according, उनके हिसाब से ढल पाऊँगी भी कि नहीं।"
वो मेरे सिर पर हाँथ रखकर बोले, "इतनी tension मत लो। थोड़ा वक़्त लगेगा but तुम हर माहौल में ढल सकती हो। हमें तुमपर भरोसा है।"
मैं मायूसी से बोली, "इस कड़ी में कहीं मैं खुद ना खो दूँ।"
थोड़ी स्वांस भरकर मैं बोली, "मुझे इससे पहले अपनी पहचान ढूंढनी है। मुझे अपनी पहचान बनानी है जिससे मेरी individuality को importance मिल सके।"
वो बोले, "वो अच्छे हैं। तुम अपने ख्वाब को शादी के बाद भी पूरा कर सकती हो। ऐसा रिश्ता बाद में इतनी आसानी से नहीं मिलेगा। शायद ही मिले।"
मैं गुस्से में बोली, "फिर वही बात..। जो लड़का मुझे समझने के जगह मुझे अपनी expectations समझाता हो, जिसकी family मुझसे मिलने और मुझे समझने के जगह कि मेरे goals क्या है, वो मेरी family पे pressure बनाते हो कि उन्हें अपने घर में बहू लाने की जल्दी है, मैं उनपर कैसे भरोसा कर सकती हूँ कि वो मुझे बाद में समझेंगे और मेरी individuality को वहां पर importance दी जाएगी..?"
वो बोले, "मैं समझ गया। तुम्हें डर लग रहा है भविष्य की परिस्थियों की कल्पना से। तुम इन्हें सोचना छोड़ दो। जितना सोचोगी उतना डर लगेगा।"
मैं बोली, "अच्छा छोड़िए, इन्हें कुछ देर side में रखिए। आप एक male हो, आप बताइए, आप boy patriarcle attitude को मुझसे अच्छे से समझोगे और महसूस करोगे। क्या वह मेरे individuality को समझेगा, क्या मुझे वो importance देगा जो मैं चाहती हूँ। क्या मेरी वैसी कद्र कभी होगी जैसा मैं चाहती हूँ।"
वो मुझे समझाने की कोशिश करने लगे कि, "देखो हमारा समाज..."
मैं बोली, "excuse देना बंद कीजिये। एक ना एक दिन मेरा भी वही हाल होना है जो सबका है। कम से कम कुछ दिन टाल कर मुझे तब तक तो जीने दीजिए। मुझे अपने ख्वाबों को पूरा करने और उन्हें जीने का मौका दीजिए। Please..."

फिर वो घरवालों को समझाएं। लड़के वाले ज्यादा लंबा समय तक इंतजार नहीं करना चाहते थे, इसलिए वो रिश्ता टूट गया। उस वक़्त तुम अपना life मेरे बिना जीने में लगे थे तो इसलिए तुम्हें अपनी problems बताकर दोबारा complicated situation create करना मैं सही नहीं समझी। इधर उधर से ध्यान हटाकर सिर्फ अपने पढ़ाई में focous करके graduation complete की। उसके बाद मैं competitive exam के लिए तैयारी करने के लिए बाहर चली गई। Qualified करने के बाद वापस trainig के लिए लौटी हूँ। उसके बाद जहाँ posting होगी वहाँ चली जाऊँगी। मेरी training complete होने के जल्द बाद ही मेरी शादी भी हो जाएगी। उससे पहले मैं तुम्हारे साथ फिर से एक बार जीना चाहती थी। एक अच्छे दोस्त की तरह, जैसे हम पहले थे। मैं समझ सकती हूँ कि तुम मुझपर गुस्सा होगे। मैं बहुत बुरी हूँ, जब चाही तो तुम्हारे life से चली गई और जब मन किया तो मैं लौट आई। मुझे खुद में भी बुरा लगता है। But जैसे तुम मुझे समझते थे वैसे मुझे कोई नहीं समझता। मैं साथ होती हूँ तो ऐसा लगता है जैसे कि मैं जीती हूँ, खुद को महसूस करती हूँ, खुद को समझती हूँ। तुम्हारा साथ हमेशा पाने की चाहत होती है, मगर मैं जानती हूँ कि यह अब मुमकिम नहीं।

मैं जानती थी कि तुम इस e-mail को शायद ही पढोगे। मगर यहाँ तक अगर पहुँचे तो पढ़े ही होगे। मुझे पता है कि तुम शायद ही अब दोबारा मेरे life में आओगे। शायद तुम मेरे email का कभी जवाब भी नहीं दोगे। फिर भी, मुझे तुम्हारा इंतजार रहेगा। आखरी दिन तक, जब तक कि मैं यहाँ हूँ। आखरी पल तक...


Take Care

-Shivi


__________Is it end of the story ?
Or a new chapter of their life begins.__________

Note:-
• The choices taken by our desires which ever made by us make our fate directly or indirectly. So, be aware before taking any decisions in life.
• Not everyone wants to prove themselves in their life, some people wants to live the life and sacrifice entire things.

• If you ever expecting to show your ex that how s/he hurted you, by what will you do whenever s/he come back; read it once more, feel it and say- do you still expecting him/her to return in your life or you need to leave him/her in your past.

• Inner peace is there, where we live as how we desire to live.
• The problems in life can only be solve by discussion with the person who have ability to correct them.
• Not everyone is so brave and understand themselves to express what they want. So first, they have to develop these personalities.
• We don't have to judge anyone and about their life.
• This is only an imagination, not anyone's letter to someone.

-AnAlone Krishna.

Published on, 6th June, 2020 A.D.

॥ हमदर्द सा कोई ॥

भाग-२ : Perspected Endings | "भाग्य हमारी इच्छाओं के विकल्प द्वारा बनता है" "Yes, I'm single, now with my choice."

This is split part of my story series, "हमदर्द सा कोई" which is after "Perspected Endings" of "part 10".

"This part has published with a wish that if readers wants to make edits on any ideology which written on this story and if they'll not sutisfied. I shall make change on it with readers likeness if they will affect the continuity of the series."

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2 Comments

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Thanks again. 🙏🏻

  1. भले ही कहानी तुम्हारी काल्पनिक हो लेकिन सभी बातों में सच्चाई है। बस एक बात याद रखना इन सभी चीजों को करते हुए अगर जीवन में आत्मनिर्भर बन पाएं तो और बडी कामयाबी हासिल होगी और आत्मनिर्भर होने में असफल हुएं तो फिर ये सारी चीजें सिर्फ एक कहानी बनकर रह जाएगी।
    सही समय पर सही फैसला और कार्य ही जीवन को सुगमता देती है।

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  2. Nice story....hume sbke condition and feeling ko samjhte huwe chlna cahiye

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